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Samudri moti kaise banta hai: समुद्र में सीपियों से कैसे होता है प्राकृतिक मोती का निर्माण? जानिए पूरा प्रोसेस

Samudri moti ka nirman kaise hota hai: जब भी किसी खास आभूषणों की बात होती है तो हीरों के साथ साथ मोतियों का भी नाम लिया जाता है। मोती से बने ये आभूषण पुराने समय से ही राजा महाराजाओं और महारानियों की पसंद रही है। क्या आपने कभी सोचा है कि यह चमकदार रत्न आता कहां से है? और इसे बनाने वाला कौन है? आज हम इस लेख में मोती के बारे में पूरी जानकारी देने वाले है।

Samudri moti kaise banta hai: समुद्र में सीपियों से कैसे होता है प्राकृतिक मोती का निर्माण? जानिए पूरा प्रोसेस
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By Chirag Sahu

Samudri moti ka nirman kaise hota hai: जब भी किसी खास आभूषणों की बात होती है तो हीरों के साथ साथ मोतियों का भी नाम लिया जाता है। मोती से बने ये आभूषण पुराने समय से ही राजा महाराजाओं और महारानियों की पसंद रही है। क्या आपने कभी सोचा है कि यह चमकदार रत्न आता कहां से है? और इसे बनाने वाला कौन है? आज हम इस लेख में मोती के बारे में पूरी जानकारी देने वाले है।

मोती एकमात्र ऐसा रत्न है जो किसी जीवित प्राणी द्वारा बनाया जाता है। इसके लिए किसी प्रकार की जमीन को खोदने की जरूरत नहीं होती।मोलस्क जाति के प्राणी जैसे समुद्री सीप और मसल्स द्वारा इस अद्भुत रत्न का निर्माण होता हैं। ये समुद्री जीव अपने शरीर की रक्षा के लिए जो प्रतिक्रिया करते हैं उसके फलस्वरूप मोती बनती है।

प्राकृतिक मोती के निर्माण का रहस्य

प्राकृतिक मोती का निर्माण पूरी तरह से एक अप्रत्याशित घटना है। जब कोई बाहरी वस्तु जैसे रेत का कण या कोई अन्य सूक्ष्म पदार्थ सीप के खोल के अंदर प्रवेश कर जाता है, तो यह बाहरी पदार्थ सीप के लिए काफी तकलीफदायक रहता है। ऐसी स्थिति में यह बाहरी वस्तु सीप के नरम मेंटल ऊतक और कठोर खोल के बीच फंस जाती है और सीप भी इसे बाहर नहीं निकाल पाता।

भगवान ने भी सीप को क्या ही जबदस्त शक्ति दी है कि जब सीप उस बाहरी वस्तु को बाहर नहीं निकाल पाती, तो वह उसके चारों ओर एक विशेष झिल्ली बनाना शुरू कर देती है जिसे पर्ल सैक कहा जाता है। यह थैली उस पदार्थ या कण को घेर लेती है और फिर एक विशेष तरल पदार्थ का स्राव करना शुरू कर देती है। यह पदार्थ नैक्र या मदर ऑफ पर्ल कहलाता है। यह नैक्र वास्तव में वही पदार्थ है जिससे सीप का बाहरी खोल बना होता है। इसे ही समुद्री मोती कहते है।

समुद्री मोती में एक खास बात होती है कि यह इंद्रधनुष के रंगों में चमकने लगती है। इसका कारण है कि सीप का मेंटल ऊतक धीरे-धीरे नैक्र की अत्यंत पतली परतें उस बाहरी कण के चारों ओर जमा करता रहता है। यही कारण है कि मोती में वह इंद्रधनुष या ओरिएंट नज़र आता है। नैक्र की परतें जितनी अधिक गहरी होंगी, मोती की चमक उतनी ही अधिक शानदार होती है। एक सीप को प्राकृतिक रूप से 10 मिलीमीटर का मोती बनाने में 3 से 5 साल लग सकते हैं। मोती का निर्माण काफी संयोगवश होता है और सभी सीपी में मोती निर्माण करने की क्षमता नहीं होती, इसलिए यह अत्यंत मूल्यवान है।

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