Medicine Strip Color Codes: इन लाइनों का नजअंदाज, बन सकता है मौत का कारण! जानिए दवा के रैपर पर बने लाइनों का रहस्य
Medicine Strip Color Codes: दवाई लेने जाते हैं तो हम दवाई के रैपर पर मैन्युफैक्चर डेट और एक्सपायरी डेट को ही देखते हैं परंतु हम रैपर पर बने हुए रंगीन धारियों को देखना भूल जाते हैं। आइये जानते हैं इसका रहस्य

Medicine Strip Color Codes: जब हम किसी मेडिकल में दवाई लेने जाते हैं तो हम दवाई के रैपर पर छपे मैन्युफैक्चर डेट और एक्सपायरी डेट को ही देखते हैं परंतु हम रैपर पर बने हुए रंगीन धारियों को देखना भूल जाते हैं। हमें लगता है कि यह केवल दवाई की सुंदरता के लिए है परंतु सच्चाई इससे बिल्कुल अलग है। हर रंगीन लाइन हमें एक महत्वपूर्ण संदेश देती है, जो हमारी सेहत और सुरक्षा से जुड़ा हुआ है। कई बार ऐसा देखा जाता है कि लोग सर्दी या बुखार होने पर खुद से ही दवाई ले लेते हैं, यह काफी खतरनाक भी हो सकता है। इसी समस्या को रोकने के लिए दवाइयों पर इन रंगीन लाइनों को बनाया जाता है। आज हम इस लेख में इन्हीं लाइनों के बारे में जानने वाले हैं।
लाल रेखा
दवा की पत्ती पर बनी लाल रंग की लाइन सबसे आम और सबसे महत्वपूर्ण निशानी है। जब आप किसी दवा की पैकिंग पर लाल रंग की मोटी धारी देखें तो समझ जाइये कि ये दवा खरीदने से पहले डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन की जरूरत होती है। लाल लाइन का सीधा सा मतलब है कि ये दवा शेड्यूल H कैटेगरी की है और इसे बिना डॉक्टर के पर्चे के बेचना या खरीदना गैरकानूनी है। लाल रेखा वाली दवाओं में सबसे ज्यादा एंटीबायोटिक्स आती हैं।
हरी रेखा
दवा की पत्ती पर हरी लाइन देखकर आप थोड़ा राहत की सांस ले सकते हैं। हरी रेखा वाली दवाओं को ओवर द काउंटर यानी OTC दवाएं कहते हैं। इन दवाओं को आप डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के बिना खरीद सकते हैं क्योंकि इन्हें सामान्य इस्तेमाल के लिए सुरक्षित माना गया है। हरी लाइन वाली दवाओं में आमतौर पर बुखार की दवाएं, दर्द निवारक गोलियां, एसिडिटी की दवाएं, खांसी की सिरप आते हैं। ये वो दवाएं हैं जो घर में रखी जा सकती हैं और जरूरत पड़ने पर ली जा सकती हैं। बुखार की दवाई में भी हरी धारियां बनी होती है परंतु इसका यह मतलब नहीं है कि इसका ओवरडोज ले लिया जाए।
नीली रेखा
नीली लाइन एक मध्यम श्रेणी की चेतावनी रेखा है। ये रेखा शेड्यूल G की दवाओं को दर्शाती है जो न तो पूरी तरह प्रतिबंधित हैं और न ही पूरी तरह मुक्त। इन दवाओं के साथ खास सावधानी बरतने की जरूरत होती है। नीली लाइन वाली दवाओं में कुछ खास तरह की एलर्जी की दवाएं और लंबी अवधि तक ली जाने वाली दवाएं शामिल होती हैं। इन्हें लेना शुरू करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूरी है।
काला बॉक्स
दवाओं की पैकिंग पर काला बॉक्स सबसे गंभीर चेतावनी का प्रतीक है। जब किसी दवा पर काला बॉक्स लगा हो तो समझ जाइये कि ये दवा बेहद शक्तिशाली है और इसके साथ गंभीर जोखिम जुड़े हुए हैं। काले बॉक्स वाली दवाओं में कैंसर की कीमोथेरेपी की दवाएं, इम्यून सिस्टम को दबाने वाली दवाएं शामिल होती हैं। इन दवाओं के साइड इफेक्ट्स इतने गंभीर हो सकते हैं कि इनसे अंगों को नुकसान और साथ ही जान जाने का भी खतरा रहता है। कैंसर के इलाज में उपयोग होने वाली ये दवाएं काफी जहरीली होती है।
