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Liftman of Patna: लिफ्टमैन: क्‍या आपने कभी किसी को लिफ्ट दिया या लिया है, अगर नहीं.. तो आपको पढ़नी चाहिए Liftman की यह स्‍टोरी

Liftman of Patna: मिलिए पटना (बिहार) के सुशील से। इन्‍होंने अपनी बाईक के आगे बड़ा सा बोर्ड लगा रखा है जिसपर लिखा हुआ है हेलमेट आपका और लिफ्ट हम देंगे और दिलाएंगे। लिफ्टमैन सुशील पिछले एक सालों से यह काम कर रहे हैं।

Liftman of Patna: लिफ्टमैन: क्‍या आपने कभी किसी को लिफ्ट दिया या लिया है, अगर नहीं.. तो आपको पढ़नी चाहिए Liftman की यह स्‍टोरी
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By Sanjeet Kumar

Liftman of Patna पटना। फिल्म शहंशाह के एक सुपरहिट गाना है, "अंधेरी रातों में सुनसान रास्तों पर, एक मसीहा निकलता है।।।"उस समय भले ही यह गाना अमिताभ बच्चन पर फिल्माया गया था लेकिन आज के दौर में अगर यह गाना फिल्माया जाए तो पटना के "लिफ्टमैन" से बेहतर इंसान कोई नहीं हो सकता। जी हां, "लिफ्टमैन" जो रोज अपने घर से बाइक निकालता है और सड़क पर लिफ्ट के इंतजार में खड़े लोगों की मदद करता है। इस लिफ्ट मैन का नाम है सुशील कुमार, पेशे से बॉडीगार्ड और नियत से सड़कों पर खड़े लोगों के लिए मसीहा। अपनी बाईक के आगे बड़ा सा बोर्ड लगा रखा है जिसपर लिखा हुआ है हेलमेट आपका और लिफ्ट हम देंगे और दिलाएंगे। लिफ्टमैन सुशील पिछले एक सालों से यह काम कर रहे हैं। इनसे सीख लेते हुए इनके मोहल्ले के 50 से भी ज्यादा लोग अपने आस पास के लोगों को लिफ्ट देने लगे हैं। सुशील चाहते हैं की यह मुहिम उनके मोहल्ले से निकल कर देश तक फैले।

Liftman of Patna जानिए कैसे इन तीन घटनाओं ने सुशील को बना दिया लिफ्टमैन

सुशील बताते हैं कि उनके पिता पुलिस में काम करते हैं। एक दिन अपने पिता के साथ वो भी जा रहे थे। उन्होंने देखा कि कोई भी ऑटो वाला रोक नही रहा है। जब अपने पिता इसका कारण पूछा तो उन्होंने बताया कि वर्दी में हूं तो सब सोचता है कि पैसा नहीं देगा, फ्री में बैठेगा। इसी वजह से रोज ऑफिस जाने में लेट हो जाता है। सुशील को इस बात ने खुब परेशान किया। शाम को जब वो लौटने लगे तो बस में बहुत भीड़ थी। इसके बावजूद भी बस वाला सवारियों को बैठाए जा रहा था। किसी तरह धक्का मुक्की खाते हुए जब वो अपने मोहल्ले में पहुंचे तो एक 70 वर्षीय बुजुर्ग व्यक्ति सड़क पर लिफ्ट का इंतजार कर रहे थे। चलने में असमर्थ थे लेकिन ऑटो 2 किमी बाद मिलता था। कोई भी बाईक वाला रोक नही रहा था, कट मार कर निकल जा रहा था। एक दिन में हुए इन तीन घटनाओं ने सुशील को बहुत परेशान किया और इस मानसिक परेशानी में तप कर जन्म हुआ लिफ्टमैन का। बॉडीगार्ड सुशील बन गए लिफ्टमैन।

लिफ्ट देने की मुहिम की हुई शुरूआत Liftman of Patna

पिछ्ले एक साल से बॉडीगार्ड सुशील लोगों को लिफ्ट दे रहे हैं। रोज अपने ऑफिस जाने के दौरान सड़क पर जो भी मिलता है उसको बैठा कर गंतव्य तक छोड़ आते हैं। रात को खास तौर पर लिफ्ट देने के लिए ही सड़क पर निकलते हैं। बुजुर्ग को प्राथमिकता देते हैं और रात में थोड़ी सावधानी से लोगों को बैठाते हैं। सुशील का मानना है कि अगर कोई बाईक वाला अपने परिचित गरीब, असहाय या बुजुर्ग को भी लिफ्ट देना शुरु कर दे तो किसी को भी दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा। लोगों का पेट्रोल का खर्च भी बचेगा, पॉल्यूशन भी कम होगा और लोगों की मदद तो होगी ही। सुशील के इस मुहिम से प्रेरणा लेकर उनके मोहल्ले के करीब 50 से भी ज्यादा बाईक चलाने वाले लोग लिफ्ट देने के इस मुहिम से जुड़ गए हैं। सुशील का सपना है इस मुहिम से हर कोई जुड़े और अपना योगदान दें।

Sanjeet Kumar

संजीत कुमार: छत्‍तीसगढ़ में 23 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। उत्‍कृष्‍ट संसदीय रिपोर्टिंग के लिए 2018 में छत्‍तीसगढ़ विधानसभा से पुरस्‍कृत। सांध्‍य दैनिक अग्रदूत से पत्रकारिता की शुरुआत करने के बाद हरिभूमि, पत्रिका और नईदुनिया में सिटी चीफ और स्‍टेट ब्‍यूरो चीफ के पद पर काम किया। वर्तमान में NPG.News में कार्यरत। पंड़‍ित रविशंकर विवि से लोक प्रशासन में एमए और पत्रकारिता (बीजेएमसी) की डिग्री।

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