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Kala Ghoda Arts Festival ka itihas: भारत का सबसे बड़ा स्ट्रीट आर्ट फेस्टिवल, जानिए मुंबई में होने वाला काला घोड़ा आर्ट त्योहार के बारे में...

Kala Ghoda Arts Festival ka itihas: मुंबई एक ऐसी माया नगरी है जहां हर दिन हजारों लोग अपने सपनों को सच करने के लिए यहां जाते हैं। चाहे वो एक्टिंग में करियर बनाना हो या फिर किसी आर्ट में, यह स्थान आपके लिए सबसे बेस्ट है। अगर आप एक आर्टिस्ट है और अपनी कला का प्रदर्शन किसी बड़ी जगह में करना चाहते हैं तो मुंबई का यह काला घोड़ा फेस्टिवल आपके लिए ही है, जो हर साल फरवरी के पहले शनिवार से शुरू होकर 9 दिनों तक चलता है। जानिए इस आर्ट फेस्टिवल की पूरी कहानी...

Kala Ghoda Arts Festival ka itihas: भारत का सबसे बड़ा स्ट्रीट आर्ट फेस्टिवल, जानिए मुंबई में होने वाला काला घोड़ा आर्ट त्योहार के बारे में...
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By Chirag Sahu

Kala Ghoda Arts Festival ka itihas: मुंबई एक ऐसी माया नगरी है जहां हर दिन हजारों लोग अपने सपनों को सच करने के लिए यहां जाते हैं। चाहे वो एक्टिंग में करियर बनाना हो या फिर किसी आर्ट में, यह स्थान आपके लिए सबसे बेस्ट है। अगर आप एक आर्टिस्ट है और अपनी कला का प्रदर्शन किसी बड़ी जगह में करना चाहते हैं तो मुंबई का यह काला घोड़ा फेस्टिवल आपके लिए ही है, जो हर साल फरवरी के पहले शनिवार से शुरू होकर 9 दिनों तक चलता है। जानिए इस आर्ट फेस्टिवल की पूरी कहानी...

काला घोड़ा के नाम का इतिहास

काला घोड़ा, मुंबई का एक ऐसा जगह है जहां स्ट्रीट आर्ट फेस्टिवल मनाया जाता है। इस स्थान का नाम काला घोड़ा पड़ने के पीछे भी एक रोचक कहानी है। लगभग 19वीं सदी के आसपास मुंबई पूरे भारत का एक प्रमुख व्यापारिक केंद्र बन चुका था। भारत से ईरान, इराक और मिस्र जैसे देशों में मूल्यवान वस्तुओं, कलाकृतियों और शिपकलाओं का आदान प्रदान होने लगा। फिर 1901 से 1910 के बीच भारत की सत्ता किंग एडवर्ड सप्तम के हाथ में आई और मुंबई के फोर्ट इलाके में इनका एक विशाल कांस्य मूर्ति (घोड़े पर सवार) स्थापित करवाया गया है। यह प्रतिमा काले रंग में चमकती हुई दिखाई देती थी जिस वजह से इस इलाके को लोगों ने काला घोड़ा कहना शुरू कर दिया।

काला घोड़ा फेस्टिवल की शुरुआत

इस आर्ट फेस्टिवल की शुरुआत 1999 से मानी जाती है। शुरुआत में यह एक छोटे सांस्कृतिक कार्यक्रम की तरह आयोजित किया जाता था पर आज यह एशिया का सबसे बड़ा कला महोत्सव बन गया है जहां विदेशो से भी लोग इसे देखने आते हैं। इस महोत्सव को काला घोड़ा एसोसिएशन के द्वारा संचालित किया जाता है। 2025 में इस महोत्सव ने अपने पूरे 25 वर्ष पूरे कर लिए हैं।

किन कलाओं का होता है प्रदर्शन

यह महोत्सव एक बड़ा स्ट्रीट आर्ट फेस्टिवल है, जिसमें चित्रकला, मूर्तिकला, संगीत, नृत्य, थिएटर, सिनेमा, साहित्य, डिजाइन, वास्तुकला, नई नई खाने की चीजे और ऐसी कार्यशालाएं प्रमुख है जहाँ लोग विभिन्न कलाओं को सीख सकते हैं। यह फेस्टिवल मुंबई की सड़कों पर ही आयोजित किया जाता है जिस वजह से रोड पर ही आपको कई मूर्तियां और चित्र कलाएं देखने को मिल जाएंगी। इस वजह से डेविड ससून लाइब्रेरी का बगीचा और काला घोड़ा इलाके को मुंबई का आर्ट डिस्ट्रीक्ट (Art District) भी कहा जाता है।

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