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High Heels Ka Itihaas: महिलाओं से पहले पुरुषों में था हाई हील्स का क्रेज, जानिए आखिर ऐसा क्या हुआ कि पुरुषों ने इसे पहनना ही बंद कर दिया?

High Heels Ka Itihaas: आज जब कोई हाई हील्स की बात करता है तो मन में सबसे पहले किसी खूबसूरत महिला की तस्वीर सामने आती है जो अपनी ऊंची एड़ी वाली सैंडल में एक अलग ही अंदाज़ में चल रही हो। लेकिन यह जानकर आपको हैरानी होगी की सबसे पहले हिल्स महिलाओं के लिए नहीं बल्कि पुरुषों के लिए बनाए गए थे, इस पर यकीन करना मुश्किल है पर यही सच है। आइए जानते है हाई हिल्स के पीछे छुपा लंबा और दिलचस्प इतिहास।

High Heels Ka Itihaas: महिलाओं से पहले पुरुषों में था हाई हील्स का क्रेज, जानिए आखिर ऐसा क्या हुआ कि पुरुषों ने इसे पहनना ही बंद कर दिया?
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By Chirag Sahu

High Heels Ka Itihaas: आज जब कोई हाई हील्स की बात करता है तो मन में सबसे पहले किसी खूबसूरत महिला की तस्वीर सामने आती है जो अपनी ऊंची एड़ी वाली सैंडल में एक अलग ही अंदाज़ में चल रही हो। लेकिन यह जानकर आपको हैरानी होगी की सबसे पहले हिल्स महिलाओं के लिए नहीं बल्कि पुरुषों के लिए बनाए गए थे, इस पर यकीन करना मुश्किल है पर यही सच है। आइए जानते है हाई हिल्स के पीछे छुपा लंबा और दिलचस्प इतिहास।

ईरान से शुरू हुए हिल वाले सैंडल

10वीं शताब्दी के आस पास ईरान में घुड़सवार सेना काफी शक्तिशाली हुआ करती थी लेकिन जब सैनिक घोड़े पर बैठकर युद्ध करते थे तो उन्हें रकाब में अपने पैर मजबूती से टिकाने में दिक्कत होती थी और संतुलन बनाए रखना बेहद कठिन हो जाता था। इसी समस्या के समाधान के रूप में ऊंची एड़ी वाले जूतों का जन्म हुआ। ये जूते सैनिकों के पैरों को रकाब में फंसाकर रखते थे और युद्ध के दौरान उन्हें फिसलने से बचाते थे। उस वक्त इन जूतों का फैशन से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं था, यह पूरी तरह से एक सैन्य उपकरण थी।

हील्स का ईरान से यूरोप की ओर सफर

काफी समय बीतने के बाद लगभग 16वीं शताब्दी में जब पर्शिया यानी ईरान के कुछ लोग यूरोप पहुंचे तो अपने साथ वे इन अनोखे जूतों को भी ले गए। यूरोप के अमीर वर्ग ने इन जूतों को देखा, उन्हें यह बेहद आकर्षक और उपयोगी लगा फिर इन लोगों ने भी इसका इस्तेमाल युद्ध में करना शुरू कर दिया। फिर समय बीतते गए और ये जूते युद्ध के मैदान से निकलकर शाही लोगों की ऊंची पहचान बन गई। जो व्यक्ति इन्हें पहनता था उसे समाज में अमीर माना जाने लगा।

महिलाओं में बढ़ा हील्स का प्रचलन

अब सवाल उठता है कि जब हील्स पुरुषों की चीज़ थीं, तो महिलाओं तक कैसे पहुंचीं। तो ऐसा होने के पीछे इटली की रानी कैथरीन डी मेडिसी को माना जाता है। इनसे जुड़ी एक कहानी काफी प्रचलित है, एक बार रानी कैथरीन का विवाह तय किया गया और उनकी हाइट लगभग पांच फुट थी, ऐसे में वे लंबा दिखना चाहती थी। जिस वजह से उन्होंने हिल्स पहने और यह महिलाओं के फैशन का हिस्सा बन गया। धीरे-धीरे अमीर घरानों की और भी महिलाएं इस फैशन को अपनाने लगीं।

आखिर पुरुषों ने क्यों छोड़ा हील्स पहनना

सन 1700 के बाद से यूरोप में एक ऐसा युग आया जिसने समाज की सोच ही बदल दी। इस दौर में लोगों ने विज्ञान को ज्यादा बढ़ावा दिया और साथ ही पुनर्जागरण की वजह से वेशभूषा और दिखावटी चीजों का त्याग करने लगे। साथ ही वे मानने लगे कि सजावट और तड़क-भड़क सिर्फ महिलाओं के लिए है। फ्रांसीसी क्रांति की वजह से सन 1740 तक पुरुषों ने लगभग पूरी तरह हील्स पहनना बंद कर दिया।

वर्तमान की हाई हील्स फैशन

आज हील्स महिलाओं की ज़िंदगी का अभिन्न हिस्सा बन चुकी हैं। ऑफिस, घर या किसी भी खास मौके में महिलाओं को हील्स पहनना जरुरी होता है। कई वैज्ञानिक शोध बताते हैं कि महिलाएं हील्स केवल खूबसूरत दिखने के लिए नहीं पहनतीं, बल्कि समाज में अपनी हैसियत दिखाने के लिए भी पहनती हैं। इसका एक फायदा है कि इससे शरीर का गुरुत्व केंद्र बदल जाता है, जिससे महिलाओं के चाल में एक आकर्षक अंदाज़ नजर आता है।

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