Ghar me rakhe cylinder kyo fat jate hai: घर में रखे सिलेंडर अचानक क्यों फट जाते है? जानिए कौन–कौन सी गलतियां पड़ सकती है भारी...
Ghar me rakhe cylinder kyo fat jate hai: आए् दिन न्यूज चैनलों में ये खबर आती रहती है कि किसी के घर का गैस सिलेंडर फट गया है। इस प्रकार के हादसों की मुख्य वजह लोगों की लापरवाही होती है। वे सिलेंडर पर लिखी जरूरी जानकारी जैसे– एक्सपायरी कोड, मैन्युफैक्चरिंग डेट आदि को ढंग से नहीं समझते है, आइ्ए जानते हैं पूरी जानकारी....

Ghar me rakhe cylinder kyo fat jate hai: आए् दिन न्यूज चैनलों में ये खबर आती रहती है कि किसी के घर का गैस सिलेंडर फट गया है। हर साल देश भर में गैस सिलेंडर फटने से कई दुर्घटनाएं होती हैं जिनमें लोगों की जान तक चली जाती है और संपत्ति का भी भारी नुकसान होता है। इस प्रकार के हादसों की मुख्य वजह लोगों की लापरवाही होती है। वे सिलेंडर पर लिखी जरूरी जानकारी जैसे– एक्सपायरी कोड, मैन्युफैक्चरिंग डेट आदि को ढंग से नहीं समझते है और हादसे का शिकार हो जाते है। आज हम आपको विस्तार से बताएंगे कि सिलेंडर पर लिखी तारीख का क्या मतलब है और इसे कैसे पढ़ना चाहिए?
सिलेंडर पर लिखी तारीख को कैसे समझें
सिलेंडर पर लिखे कोड को पहचानना बिल्कुल आसान है। यह इसकी जांच की तारीख को बताता है। यह तारीख सिलेंडर के ऊपरी हिस्से में बनी होती है, जिसमें एक अंग्रेजी अक्षर और उसके बाद दो अंक होते हैं।
अंग्रेजी अक्षर साल की चार तिमाही को दर्शाते हैं। अक्षर A का मतलब होता है जनवरी से मार्च यानी साल की पहली तिमाही। अक्षर B का मतलब है अप्रैल से जून। अक्षर C का अर्थ है जुलाई से सितंबर यानी साल की तीसरी तिमाही और अक्षर D का मतलब होता है अक्टूबर से दिसंबर का महीना। इन अक्षरों के बाद आने वाले दो अंक उस साल को बताते हैं जब तक सिलेंडर की जांच होनी चाहिए।
उदाहरण से समझिए– मान लो आपके सिलेंडर पर C-25 लिखा है तो इसका मतलब है कि यह सिलिंडर सितंबर 2025 तक सुरक्षित माना गया था। अगर D-28 लिखा है तो इसका अर्थ है कि दिसंबर 2028 तक यह सिलिंडर इस्तेमाल के लिए ठीक है। अगर आपके सिलिंडर पर A-30 लिखा है तो इसका मतलब है मार्च 2030 तक इसकी जांच नहीं करानी है। इसी तरह B-29 का अर्थ होगा जून 2029 तक आपका सिलेंडर अच्छी कंडीशन में रहेगा। नया सिलिंडर लेते समय हमेशा इस तारीख को जरूर देखें।
सिलेंडर जांच के नियम
सिलेंडर बनाने के लिए कम कार्बन वाले लोहे का इस्तेमाल किया जाता है जो मजबूत और टिकाऊ होता है। सिलिंडर को निर्माण के 10 साल बाद पहली बार जांचना जरूरी होता है। उसके बाद हर 5 साल में दोबारा जांच करानी पड़ती है। घरेलू सिलेंडर में लिक्विड एलपीजी गैस भरी होती है। यह गैस काफी ज्यादा दबाव सिलेंडर के बाहरी दीवार पर लगती है।
यदि ऐसे में सिलेंडर कमजोर है और गैस का रिसाव हो रहा है तो सिलेंडर के फटने के चांसेस काफी ज्यादा बढ़ जाते है। इसलिए जांच की तारीख को ध्यान में रखना आवश्यक है। यह LPG गैस मूल रूप से रंगहीन और गंधहीन होती है लेकिन गैस लीक का पता लगाने के लिए इसमें मिथाइल मर्कैप्टन नामक एक रसायक का मिश्रण किया जाता है, जिससे पता चलता है कि गैस लीक हो रही है, जिससे आप इसका समाधान कर पाए।
सुरक्षा के उपाय
- LPG गैस हवा से भारी होती है। इसका मतलब है कि अगर कहीं से गैस रिस रही है तो वह ऊपर उड़कर नहीं जाएगी बल्कि नीचे की तरफ जमा होती जाएगी। ऐसे में छोटी सी भी चिंगारी से भयानक धमाका हो सकता है। इसी वजह से गैस सिलेंडर को कभी भी तहखाने या बंद जगह में नहीं रखना चाहिए।
- नया सिलेंडर लेते वक्त नोजल पर लगी सुरक्षा मुहर और सुरक्षा टोपी को जरूर ध्यान दें। नोजल से गैस के रिसाव की जांच भी करना जरूरी है।
- सिलिंडर पर लिखी तारीख जरूर देख लें। अगर तारीख निकल चुकी है तो वह सिलिंडर न लें।
- सिलिंडर को हमेशा सीधा खड़ा करके रखना चाहिए। कभी भी सिलिंडर को लेटाकर या झुकाकर न रखें।
- जब सिलिंडर का इस्तेमाल नहीं हो रहा हो तो इसके रेगुलेटर को बंद कर देना चाहिए। ऐसा करने से पाइप में दबाव नहीं रहता और रिसाव की संभावना कम हो जाती है।
- गैस के रिसाव की जांच करने के लिए कभी भी माचिस या लाइटर का इस्तेमाल न करें। यह सबसे बड़ी और जानलेवा गलती है।
