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First Five Year Plan Full detail in hindi: भारत की पहली पंचवर्षीय योजना कब शुरू की गई थी? जानिए किस मॉडल पर आधारित थी ये देश की पहली विकास योजना!

First Five Year Plan(1951–1956) Full detail in hindi: 15 अगस्त 1947 को भारत के पूर्ण स्वतंत्रता के बाद देश के सामने अनेक चुनौतियां थीं। इस दिन भारत का विभाजन कर दिया गया, जो हमारे लिए इतिहास का सबसे दर्दनाक और निर्णायक मोड़ साबित हुआ। लोगों के लिए खाद्यान्न का संकट और महंगाई अपने चरम पर पहुंचने लगी थी.

First Five Year Plan Full detail in hindi: भारत की पहली पंचवर्षीय योजना कब शुरू की गई थी? जानिए किस मॉडल पर आधारित थी ये देश की पहली विकास योजना!
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By Radhakishan Sharma

First Five Year Plan(1951–1956) Full detail in hindi: 15 अगस्त 1947 को भारत के पूर्ण स्वतंत्रता के बाद देश के सामने अनेक चुनौतियां थीं। इस दिन भारत का विभाजन कर दिया गया, जो हमारे लिए इतिहास का सबसे दर्दनाक और निर्णायक मोड़ साबित हुआ। लोगों के लिए खाद्यान्न का संकट और महंगाई अपने चरम पर पहुंचने लगी थी। इन समस्याओं से जूझने के लिए भारत को एक उचित आर्थिक तंत्र की सख्त आवश्यकता थी। इसी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में योजना आयोग का गठन किया गया और 1 अप्रैल 1951 को देश की पहली पंचवर्षीय योजना (First Five Year Plan) का शुभारंभ हुआ। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि पहली पंचवर्षीय योजना के दौरान कौन कौन से महत्वपूर्ण कार्य किए गए थे।

योजना आयोग की स्थापना

योजना आयोग (yojna aayog) की स्थापना 15 मार्च 1950 को की गई थी और इसके गठन के लगभग एक वर्ष बाद प्रधानमंत्री नेहरू द्वारा 8 दिसंबर 1951 को संसद में प्रथम पंचवर्षीय योजना प्रस्तुत किया गया। यह योजना 1 अप्रैल 1951 से प्रारंभ होकर 31 मार्च 1956 तक पांच वर्षों की अवधि के लिए तैयार की गई थी। इस योजना के अध्यक्ष स्वयं प्रधानमंत्री नेहरू थे और उपाध्यक्ष गुलजारीलाल नंदा को बनाया गया था। योजना के लिए कुल 2378 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया था।

प्रथम पंचवर्षीय योजना में कृषि को महत्व

प्रथम पंचवर्षीय योजना की संरचना हैराड-डोमर मॉडल पर आधारित थी। यह एक ऐसा अर्थशास्त्रीय मॉडल था जो आर्थिक विकास के लिए धन निवेश और बचत करने का सुझाव देता था। इस समय में भारत की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि प्रधान थी, इसलिए योजनाकारों ने कृषि क्षेत्र को प्राथमिकता देने का निर्णय लिया।

प्रथम पंचवर्षीय योजना का मुख्य उद्देश्य

  • भारत विभाजन के बाद आए लाखों शरणार्थियों का पुनर्वास करना पहली प्राथमिकता थी। I
  • इस समय खाद्य संकट एक गंभीर चिंता का विषय था। इसलिए दूसरा मुख्य लक्ष्य था खाद्यान्न के मामले में देश को आत्मनिर्भर बनाना।
  • मंहगाई और मुद्रास्फीति(Inflation) पर नियंत्रण करना। इसके साथ ही बिजली और परिवहन सुविधा भी मजबूत करनी थी।
  • देश के नागरिकों को सस्ती स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना तथा शिक्षा को किफायती बनाना भी इस योजना का उद्देश्य था।

प्रथम पंचवर्षीय योजना के प्रमुख निर्माण कार्य

  • पंजाब में सतलज नदी पर भाखड़ा-नांगल बांध परियोजना की नींव रखी गई।
  • ओडिशा में महानदी पर हीराकुंड बांध की स्थापना की गई। यह विस्तृत जनक्षेत्र को सिंचाई सुविधाएं प्रदान करता है।
  • सामुदायिक विकास कार्यक्रम की शुरुआत की गई। इस कार्यक्रम की अवधारणा संयुक्त राज्य अमेरिका के ग्रामीण विकास मॉडल से प्रेरित था।
  • इसी दौरान ही 1 जुलाई 1955 को भारतीय स्टेट बैंक(SBI) की स्थापना गई थी। इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया का राष्ट्रीयकरण कर इस बैंक की स्थापना हुई।
  • मध्य प्रदेश के नेपानगर में न्यूजप्रिंट कारखाने की स्थापना की गई इसके साथ ही झारखंड में सिंदरी उर्वरक कारखाने की भी स्थापना हुई।
  • प्रथम पंचवर्षीय योजना के अंतिम वर्ष 1956 में पांच भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों(IITs) की नींव रखी गई। इसी समय में ही विश्वविद्यालय अनुदान आयोग(UGC) की स्थापना भी की गई।
  • प्रथम पंचवर्षीय योजना ने सकल घरेलू उत्पाद(GDP) में 2.1 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि का लक्ष्य रखा था लेकिन देश ने 3.6 प्रतिशत की रिकॉर्ड तोड़ वृद्धि की थी।
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