Duniya Ka Sabse Bada Jadui Voodoo Market: इंसानों की खोपड़ियों से लेकर सांपों की हड्डियों तक इस जादुई बाजार में मिलता है सब कुछ, कमजोर दिल वालों की कांप जाएगी रूह
Duniya Ka Sabse Bada Jadui Voodoo Market: आपने अपने घरों के आसपास सब्जी का बाजार देखा होगा ज्यादा से ज्यादा गाय–बैलों और मवेशियों के बाजार के बारे में सुना होगा। लेकिन क्या आपने ऐसे बाजार के बारे में सुना है जहां बिकती हैं बंदरों की खोपड़ियां, सांपों की हड्डियां, मगरमच्छों के सिर और न जाने कितने जानवरों के अवशेष।पश्चिम अफ्रीका के छोटे से देश टोगो में लगने वाला यह बाजार काफी अनोखा है। इस बाज़ार का नाम है अकोदेसावा फेटिश मार्केट, जिसे लोग वूडू मार्केट के नाम से भी जानते हैं। टोगो की राजधानी लोमे के अकोदेसावा जिले में स्थित यह बाज़ार वूडू धर्म का सबसे बड़ा व्यापारिक केंद्र माना जाता है। आइए जानते है विश्व के इस अनोखे बाजार के बारे में।

Duniya Ka Sabse Bada Jadui Voodoo Market: आपने अपने घरों के आसपास सब्जी का बाजार देखा होगा ज्यादा से ज्यादा गाय–बैलों और मवेशियों के बाजार के बारे में सुना होगा। लेकिन क्या आपने ऐसे बाजार के बारे में सुना है जहां बिकती हैं बंदरों की खोपड़ियां, सांपों की हड्डियां, मगरमच्छों के सिर और न जाने कितने जानवरों के अवशेष।पश्चिम अफ्रीका के छोटे से देश टोगो में लगने वाला यह बाजार काफी अनोखा है। इस बाज़ार का नाम है अकोदेसावा फेटिश मार्केट, जिसे लोग वूडू मार्केट के नाम से भी जानते हैं। टोगो की राजधानी लोमे के अकोदेसावा जिले में स्थित यह बाज़ार वूडू धर्म का सबसे बड़ा व्यापारिक केंद्र माना जाता है। आइए जानते है विश्व के इस अनोखे बाजार के बारे में।
वूडू बाज़ार का इतिहास
इस बाज़ार की कहानी लगभग 150 साल से भी पुरानी है। इसकी स्थापना बेनिनी व्यापारियों ने की थी जो एक आध्यात्मिक चिकित्सक भी थे। इन लोगों ने सोचा कि टोगो में जाकर अपना व्यवसाय शुरू करें जहां वूडू धर्म पहले से प्रचलित था। शुरुआत में यह बाज़ार राजधानी लोमे में लगता था जहां खाने-पीने की दुकानों के साथ साथ ये अजीबोगरीब सामान भी बिकना शुरू हुआ। फिर कुछ समय बाद जब स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं सामने आने लगी तो प्रशासन ने इसे लोमे से अकोदेसावा में स्थानांतरित कर दिया।
वूडू धर्म क्या होता है?
वूडू धर्म को समझे बिना इस बाज़ार के महत्व को समझना थोड़ा मुश्किल है। अधिकांश लोग जब वूडू का नाम सुनते हैं तो उनके मन में काले जादू वाली डॉल्स की तस्वीर सामने आती है। लेकिन यह बात पूरी तरह से गलत है। यहां के निवासियों का कहना है कि वूडू कभी भी किसी को नुकसान पहुंचाने के लिए नहीं बल्कि हमेशा भलाई और उपचार के लिए किया जाता है। इस धर्म के लोग वोदुन नामक आत्माओं में विश्वास करते हैं जो प्राकृतिक वस्तुओं में निवास करती हैं, जिससे इन आत्माओं की शक्ति का उपयोग उपचार और सुरक्षा के लिए किया जाता है।
वूडू बाज़ार में क्या–क्या बिकता है?
इस बाज़ार में कदम रखते ही एक अजीब सी गंध आती है। बाजार में चारों ओर जानवरों के अंग सजे होते हैं। बंदरों के सिर, बिल्लियों की खोपड़ियां, मगरमच्छों की खाल, गिरगिट, चमगादड़, सांप, जंगली सूअर की खोपड़ियां, खरगोश के पैर, गिलहरी की पूंछ से लेकर तोते की चोंच तक सब कुछ यहां मिलता है। इन बाजारों में फेटिश यानी वे वस्तुएं बिकती हैं जिनमें अलौकिक शक्तियां होने का दावा किया जाता है। इन सभी चीजों का उपयोग काला जादू और स्वास्थ्य के इलाज के लिए होता है।
यह उपचार कैसे काम करता है?
स्थानीय लोगों के लिए इस बाज़ार में आना किसी फार्मेसी जाने जैसा है। यहां जब कोई व्यक्ति बीमार होता है या किसी समस्या से परेशान होता है तो वह पहले किसी फेटिशिस्ट से मिलता है न कि किसी हॉस्पिटल के डॉक्टर से। ये फेटिशिस्ट(पुजारी) जो उसे बताता है कि उसे क्या करना चाहिए। फिर वह इस बाज़ार में आकर बताए हुए सामग्री खरीदता है। इन सामग्रियों को पीसकर पाउडर बनाया जाता है और जड़ी-बूटियों के साथ मिलाकर सेवन किया जाता है। यहां हर जानवर के अवशेषों का उपयोग अलग अलग बीमारियों में किया जाता है।
