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Cooler Care in Summer: आखिर हर 2 दिन में कूलर का पानी क्यों हो जाता है गन्दा ?, आओ जानें कैसे रखें आसान तरीकों से कूलर को Clean और सेहत को Safe

जब कूलर चलता है, तो पानी घास से होते हुए फिर से पानी में मिक्स में होता है। इससे घास पर जमी गंदगी पानी में मिल जाती है।

Cooler Care in Summer: आखिर हर 2 दिन में कूलर का पानी क्यों हो जाता है गन्दा ?, आओ जानें कैसे रखें आसान तरीकों से कूलर को Clean और सेहत को Safe
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By Meenu

क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर हर 2 दिन में कूलर का पानी पीला और मिट्टी जैसा क्यों नजर आने लगता है। दरअसल, इसका एक कारण कूलर की घास भी हो सकती है।

कूलर की घास अगर गंदी है, तो पानी गंदा होगा ही। क्योंकि कूलर की हवा ठंडी रखने के लिए इस घास को लगाया जाता है।

जब कूलर चलता है, तो पानी घास से होते हुए फिर से पानी में मिक्स में होता है। इससे घास पर जमी गंदगी पानी में मिल जाती है। अगर आप कूलर के पानी को साफ रखना चाहते हैं, तो घास को अच्छे से धो लें। इससे पानी गंदा नहीं होगा।

कूलर का पानी गंदा होने का दूसरा कारण यह है कि लोग सही से कूलर की सफाई नहीं करते हैं। अगर कूलर के पंखे या पत्तियों पर गंदगी जमी हुई है, तो यह हवा के साथ उड़कर पानी में मिल जाती है। अगर आप कूलर की सफाई अच्छे से करते हैं, तो आपके कूलर का पानी जल्दी गंदा नहीं होगा।


कूलर का पानी जल्दी निकालने का आसान तरीका



लोग आलस के चक्कर में कूलर के पानी को सही तरीके से साफ नहीं करते हैं। जब कूलर में थोड़ा पानी बचा होता है, तो वह उसी में फिर से पानी डाल देते हैं। इससे गंदे पानी में फिर से पानी मिलाने की वजह से पूरा पानी गंदा नजर आने लगता है। अगर आपको कूलर का पानी साफ करने में ज्यादा समय लगता है, तो ये टिप्स फॉलो कर सकते हैं।

  • इसके लिए आप सबसे पहले कूलर का स्विच ऑफ करें
  • अब कूलर का एक तरफ से ढक्कन उतारें।
  • इसके बाद कूलर के बीच में जो पंप के साथ पाइप लगी हुई है, उसे ऊपर की तरफ से निकाल दें।
  • ध्यान रखें कि पाइप नीचे की तरफ पंप से लगी रहनी चाहिए।
  • इसके बाद आप एक बाल्टी कूलर के नीचे रखें और पाइप को बाल्टी में डाल दें।
  • अब कूलर को ऑन करें, आप देखेंगे पानी बाल्टी में आने लगा है।
  • ऐसा पंप की वजह से हो रहा है। जब आप कूलर चलाते हैं, तो पाइप ऊपर की तरफ लगी रहती है।
  • इस पाइप की मदद से ही पानी कूलर के चारों तरफ लगे घास पर जाता है।
  • क्योंकि आपने पाइप को ऊपर से निकालकर बाल्टी में डाल दिया है, तो इससे पानी ऊपर जाने की बजाय बाल्टी में गिर रहा है।


मलेरिया से बचने के लिए कब और कैसे बदलना चाहिए कूलर का पानी?

कूलर में होने वाले मच्छरों से छुटकारा पाने के लिए, हफ़्ते में दो बार कूलर के पानी में फिनाइल के 2-3 ढक्कन डालें। साथ ही कूलर पैड को भी साफ करना चाहिए और समय-समय पर पैड खोलकर धूप भी लगानी चाहिए।

मच्छरों, जो मलेरिया के लिए जिम्मेदार होते हैं, अक्सर ठहरे हुए पानी में प्रजनन करते हैं। इसलिए, मलेरिया से बचाव के लिए कूलर का पानी नियमित तौर पर बदलना जरूरी होता है।

मलेरिया से बचने के लिए, कूलर का पानी कम से कम हफ्ते में एक बार बदलना चाहिए। इसके साथ ही, कूलर की टंकी को भी साफ करना चाहिए। कूलर के पानी को साफ करने के लिए, आप मिट्टी के तेल, नींबू के रस में सिरका मिलाकर, डिटर्जेंट, विनेगर, या लुब्रिकेंट ऑयल का इस्तेमाल कर सकते हैं। जरूरत पड़ने पर, कूलर की टंकी में केरोसिन का तेल भी डाला जा सकता है, जिससे मच्छरों के पैदा होने से रोका जा सकता है। कूलर पैड को भी साफ करना चाहिए और समय-समय पर पैड खोलकर धूप भी लगानी चाहिए।


कूलर का पानी कितने दिन में चेंज करना चाहिए?

कूलर के पानी को 5-6 दिन में बदलना चाहिए। इससे कूलर में मौजूद गंदगी भी साफ हो जाती है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कम्युनिकेबल डिजीज के मुताबिक, डेजर्ट कूलर का पानी हफ्ते में एक बार जरूर बदलना चाहिए। कूलर के पानी में धूल-मिट्टी और घास गिर जाती है, जिससे पानी में बदबू आने लगती है। कूलर को धूप में रखने पर भी पानी में जल्दी बैक्टीरिया पनपते हैं और बदबू आने लगती है। कूलर के वाटर टैंक को भी हर हफ़्ते साफ करना जरूरी है। इसे मिट्टी के तेल, नींबू के रस में सिरका मिलाकर, डिटर्जेंट, विनेगर, या लुब्रिकेंट ऑयल से साफ किया जा सकता है।


एयर कूलर के लिए किस पानी का इस्तेमाल करना चाहिए?

एयर कूलर में साफ, ठंडा पानी डालना चाहिए। गर्मी में घर की टंकी का पानी गर्म रहता है, इसलिए कूलर में गर्म पानी डालने से ठंडी हवा नहीं मिलती। पानी की टंकी में बर्फ या ठंडा पानी डालने से कूलर की शीतलन शक्ति बढ़ सकती है। कुछ एयर कूलर शीतलन दक्षता में सुधार के लिए पानी के बजाय बर्फ का उपयोग करने का विकल्प भी देते हैं।

एयर कूलर में बहुत कठोर या अशुद्ध पानी डालने से खनिज जमा हो सकते हैं और चलने में प्रभावित हो सकता है। पानी की टंकी और कूलिंग पैड को हर कुछ हफ़्तों में या उपयोगकर्ता मैनुअल में बताए अनुसार साफ करना चाहिए। समय के साथ धूल और खनिज जमा हो सकते हैं, जिससे शीतलन क्षमता कम हो जाती है।


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