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Chhattisgarh Ka First National Highway Tunnel: छत्तीसगढ़ को मिला पहला राष्ट्रीय राजमार्ग टनल, NHAI ने 12 महीनों में पूरा किया काम, जानिए इसकी विशेषता...

Chhattisgarh Ka First National Highway Tunnel: छत्तीसगढ़ अपनी कई विशिष्ट पहचानो के लिए जाना जाता है।इसी कड़ी में एक और उपलब्धि छत्तीसगढ़ के नाम हुई है। 4 अक्टूबर 2025 को 2.79 किलोमीटर लंबी टनल का ब्रेकथ्रू पूरा होने के साथ ही छत्तीसगढ़ ने अपनी पहली राष्ट्रीय राजमार्ग टनल का गौरव हासिल किया।

Chhattisgarh Ka First National Highway Tunnel: छत्तीसगढ़ को मिला पहला राष्ट्रीय राजमार्ग टनल, NHAI ने 12 महीनों में पूरा किया काम, जानिए इसकी विशेषता...
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By Chirag Sahu

Chhattisgarh Ka First National Highway Tunnel: छत्तीसगढ़ अपनी कई विशिष्ट पहचानो के लिए जाना जाता है।इसी कड़ी में एक और उपलब्धि छत्तीसगढ़ के नाम हुई है। 4 अक्टूबर 2025 को 2.79 किलोमीटर लंबी टनल का ब्रेकथ्रू पूरा होने के साथ ही छत्तीसगढ़ ने अपनी पहली राष्ट्रीय राजमार्ग टनल का गौरव हासिल किया। यह टनल रायपुर-विशाखापत्तनम आर्थिक गलियारे (NH-130CD) का हिस्सा है, जो छत्तीसगढ़, ओडिशा और आंध्र प्रदेश को जोड़कर क्षेत्रीय विकास को और तेज करेगा। यह टनल यातायात के साथ समय की भी बचत करेगा।

जानिए टनल की विशेषताएं

यह 2.79 किलोमीटर लंबी टनल एक ट्विन-ट्यूब संरचना है, जिसमें दो समानांतर सुरंगें हैं। लेफ्ट हैंड साइड ट्यूब का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, जबकि राइट हैंड साइड ट्यूब का काम 2025 के अंत तक पूरा होने की संभावना है। इस टनल को मात्र 12 महीनों में बनाया गया है जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। टनल में आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया गया है। यह छत्तीसगढ़ की सबसे लंबी सड़क टनल है और क्षेत्र के खतरनाक घाटी मार्गों को सुरक्षित विकल्प प्रदान करती है।

रायपुर-विशाखापत्तनम आर्थिक गलियारा भारतमाला परियोजना के पहले चरण का हिस्सा है। यह मार्ग रायपुर के पास अभनपुर से शुरू होकर विशाखापत्तनम के पास साब्बावरम तक जाता है। यह टनल परियोजना रायपुर से विशाखापत्तनम की दूरी को 594 किमी से घटाकर 464 किमी कर देगी और यात्रा का समय 13-14 घंटों से घटकर 6-7 घंटों तक हो जाएगा। यह समय की बचत न केवल यात्रियों के लिए सुविधाजनक होगी, बल्कि व्यापार के लिए भी क्रांतिकारी साबित होगी।

तीन राज्यों को होगी सुविधा

इस टनल के निर्माण में छत्तीसगढ़ के साथ उड़ीसा और आंध्र प्रदेश को भी लाभ मिलेगा। यह आर्थिक गलियारा मध्य भारत के खनिज-समृद्ध क्षेत्रों को पूर्वी एशिया के बाजारों से जोड़ेगा। छत्तीसगढ़ और ओडिशा के लौह अयस्क, कोयला और अन्य खनिजों का निर्यात अब पहले से कहीं अधिक तेज और आसान होगा। यह न केवल भारत की आयात निर्भरता को कम करेगा, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बल देगा। छत्तीसगढ़ के पर्यटन क्षेत्र को भी इससे काफी फायदा होने वाला है।

छत्तीसगढ़ में वर्तमान में 20 राष्ट्रीय राजमार्ग है जिनकी कुल लंबाई 3,575 किमी है। इस तरह की सुरंग का बनना पहाड़ी इलाकों और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों को और सुरक्षित बनाता है। छत्तीसगढ़ में अंजोर विजन 2047 के तहत एकीकृत परिवहन प्रणाली पर बल दिया गया है। बस्तर क्षेत्र जहां पर्यटन के अनगिनत साधन मौजूद है, केवल सड़क कनेक्टिविटी की वजह से ही अछूता रह गया है। सुरंग बनने के बाद अब छत्तीसगढ़ में अन्य राज्यों के लोगों के लिए भी पहुंच सुलभ होगा।

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