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CG Highcourt Ka Itihas: छत्तीसगढ़ रजत जयंती वर्ष: रायपुर को राजधानी और बिलासपुर को मिला न्यायधानी का दर्जा, जानिए हाई कोर्ट का इतिहास

CG Highcourt Ka Itihas: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर, फिर हाई कोर्ट बिलासपुर में ही क्यों? जानिए छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय का विस्तृत इतिहास।

CG Highcourt Ka Itihas: छत्तीसगढ़ रजत जयंती वर्ष: रायपुर को राजधानी और बिलासपुर को मिला न्यायधानी का दर्जा, जानिए हाई कोर्ट का इतिहास
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By Chirag Sahu

CG Highcourt Ka Itihas: भारत में न्यायपालिका के गठन का इतिहास काफी पुराना है। उस दौर में भी लोग न्याय के लिए राज दरबार में गुहार लगाया करते थे। न्याय की आधुनिक संरचना का विकास अंग्रेजों के आने के बाद माना जाता है। 1773 के रेगुलेटिंग एक्ट के तहत कलकत्ता में सुप्रीम कोर्ट की स्थापना हुई। यह भारत का पहला आधुनिक न्यायालय था। 1861 के इंडियन हाई कोर्ट एक्ट के तहत देश में तीन हाई कोर्ट कलकत्ता, बॉम्बे, मद्रास बनाए गए। न्यायपालिका तीन स्तर पर काम करती है– सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट और जिला न्यायालय। इन्हीं में आज हम छत्तीसगढ़ के हाई कोर्ट के बारे में जानने वाले हैं।

राज्य गठन का निर्णय और न्यायधानी का मिला दर्जा

केंद्र सरकार ने मध्य प्रदेश राज्य को विभाजित कर छत्तीसगढ़ राज्य गठन का निर्णय लिया। निर्णय के बाद नए राज्य के सभी प्रशासनिक ढांचे की स्थापना करनी थी। लिहाजा 1 नवंबर 2000 को छत्तीसगढ़ राज्य गठन के साथ-साथ उच्च न्यायालय की भी घोषणा की गई। नए राज्य की राजधानी रायपुर और बिलासपुर को मिला उच्च न्यायालय। हाई कोर्ट की स्थापना की घोषणा होते ही बिलासपुर को जो दर्जा मिला उससे शहरवासी और अंचलवासियों का गौरान्वित होना सहज ही था। बिलासपुर को न्यायधानी का दर्जा मिला। बिलासपुर में हाई कोर्ट की स्थापना का निर्णय मध्य प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2000 के आधार पर लिया गया था। उच्च न्यायालय के गठन के साथ ही भारत को अपना 19 वां उच्च न्यायालय मिला।

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट उद्घाटन समारोह

छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के उद्घाटन के समय भारत के सुप्रीम कोर्ट के समकक्ष न्यायाधीश जस्टिस बीएन. कृपाल को आमंत्रित किया गया। उनकी उपस्थिति में इस महत्वपूर्ण न्यायिक संस्थान का लोकार्पण किया गया। इस अवसर पर केंद्रीय विधि राज्य मंत्री अरुण जेटली मौजूद थे। जस्टिस आर.एस गर्ग छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के पहले एक्टिंग चीफ जस्टिस बने। नार्मल स्कूल परिसर आज भी उस ऐतहासिक क्षण का गवाह है।

बिलासपुर शहर ही क्यों

राज्य के भौगोलिक दृष्टिकोण से देखें तो बिलासपुर शहर छत्तीसगढ़ के केंद्र में स्थित है। लिहाजा केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट के विशेषज्ञों व जजों ने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय की स्थापना के लिए बिलासपुर का चयन किया। शुरुआत में तकरीबन एक दशक तक शहर के बीचो-बीच स्थित नार्मल स्कूल में हाई कोर्ट का संचालन हुआ। इस ऐतिहासिक भवन को उच्च न्यायालय की गरिमा के अनुरुप बनाया गया। ऐतहासिक और पुरातात्विक महत्व को समेटे यह भवन कई महत्वपूर्ण फैसलों का गवाह भी बना। नार्मल स्कूल से बोदरी में नए उच्च न्यायालय भवन का निर्माण किया गया। उच्च न्यायालय का भवन इस तरह डिजाइन किया गया है कि यह आधुनिक न्यायिक कार्यों के लिए अनुकूल हो। वर्तमान में इस न्यायालय में कुल 22 न्यायाधीशों की स्वीकृति प्राप्त है, जिसमें से 17 स्थायी और 5 अतिरिक्त न्यायाधीशों की व्यवस्था है।

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में अब तक के चीफ जस्टिस

1. जस्टिस डब्ल्यू ए शिशाक

कार्यकाल: 05.12.2000-15.01.2002

2. जस्टिस केएचएन कुरंगा

कार्यकाल: 06.02.2002-10.05.2004

3. जस्टिस अय्यमपालयम सोमसुंदरम वेंकटचला मूर्ति कार्यकाल: 28.05.2004-07.01.2005

4. जस्टिस अनंग कुमार पटनायक

कार्यकाल: 14.03.2005-01.10.2005

5. जस्टिस एसआर नायक

कार्यकाल: 17.11.2005-31.12.2006

6. जस्टिस एचएल दत्तू

कार्यकाल: 12.02.2007-17.05.2007

7. जस्टिस राजीव गुप्ता

कार्यकाल: 02.02.2008-09.10.2012

8. जस्टिस यतीन्द्र सिंह

कार्यकाल: 22.10.2012-08.10.2014

9. जस्टिस नवीन सिन्हा

कार्यकालः 09.04.2015-11.05.2016

10. जस्टिस दीपक गुप्ता

कार्यकालः 16.05.2016-16.02.2017

11. जस्टिस थोट्टाथिल बी. राधाकृष्णन

कार्यकाल: 18.03.2017-06.07.2018

12. जस्टिस अजय कुमार त्रिपाठी

कार्यकाल: 07.07.2018-26.03.2019

13. जस्टिस पीआर. रामचंद्र मेनन

कार्यकाल: 06.05.2019-31.05.2021

14. जस्टिस अरूप कुमार गोस्वामी

कार्यकाल: 12.10.2021-10.03.2023

15. जस्टिस रमेश सिन्हा

कार्यकाल: 29 मार्च 2023 से अब तक

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