Bharat ki Sabse Prachin Vishnu Murti: यहाँ है प्राचीन विष्णु मूर्ति सामान्य लोगों को देखने की नहीं है इजाजत! जानिए मल्हार के कमरे में बंद रहस्य के बारे में..
Bharat ki Sabse Prachin Vishnu Murti: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर बसा एक छोटा सा गाँव मल्हार, छत्तीसगढ़ की धार्मिक समृद्धि का एक जीवंत प्रतीक है। यह स्थान वाकाटक और कलचुरी काल के पुरातात्विक अवशेषों के लिए प्रसिद्ध है।

Bharat ki Sabse Prachin Vishnu Murti: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर बसा एक छोटा सा गाँव मल्हार, छत्तीसगढ़ की धार्मिक समृद्धि का एक जीवंत प्रतीक है। यह स्थान वाकाटक और कलचुरी काल के पुरातात्विक अवशेषों के लिए प्रसिद्ध है। इन अवशेषों में सबसे अधिक चर्चित है भगवान विष्णु की एक दुर्लभ और प्राचीन मूर्ति, जिसे भारत की सबसे पुरानी विष्णु प्रतिमाओं में से एक माना जाता है।
कैसा है मूर्ति का स्वरूप
भगवान विष्णु की यह मूर्ति चतुर्भुज रूप में है, जिसमें वे चार भुजाओं के साथ दर्शाए गए हैं। उनके हाथों में शंख, चक्र, गदा और पद्म जैसे प्रतीक हैं, जो वैष्णव परंपरा में उनके दैवीय स्वरूप को प्रदर्शित करते हैं। यह मूर्ति सैंड स्टोन (बालू पत्थर) से निर्मित है और इसकी ऊँचाई लगभग चार फीट है। मूर्ति की बनावट में प्राचीन भारतीय शिल्पकला की बारीकी और सुंदरता स्पष्ट रूप से झलकती है। मूर्ति पर उत्कीर्ण प्राकृत भाषा में ब्राह्मी लिपि का एक अभिलेख इसकी प्राचीनता को प्रमाणित करता है।
काफी प्राचीन है यह मूर्ति
यह मूर्ति लगभग दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व (200 ई.पू.) की मानी जाती है, जो इसे भारत में उपलब्ध सबसे प्राचीन विष्णु मूर्तियों में से एक बनाती है। इतिहासकार इसे मौर्य काल से जोड़ते हैं, जब मल्हार एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और धार्मिक केंद्र था। उस समय यह नगर न केवल व्यापार और शिक्षा का गढ़ था, बल्कि हिंदू, बौद्ध और जैन धर्म के अनुयायियों का संगम स्थल भी था।
वर्तमान स्थिति और संरक्षण
वर्तमान में भगवान विष्णु की यह दुर्लभ मूर्ति मल्हार में एक कमरे में बंद रखी गई है, जिसके कारण आम लोग इसे देखने से वंचित हैं। यह स्थिति इस ऐतिहासिक धरोहर के महत्व को कम करती है। पुरातत्व सर्वेक्षण ऑफ इंडिया (ASI) इस मूर्ति के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और इसे मल्हार के मंदिर संग्रहालय में सुरक्षित रखा गया है। यह मूर्ति सैंड स्टोन से बनी होने के कारण विशेष देखभाल की जरूरत है।
