Meghalay me ghumne ki best jagah: मेघालय की खूबसूरत वादियों में घूमने योग्य 5 अद्भुत स्थान; इन स्थानों में नहीं जाना, होगी सबसे बड़ी भूल
Meghalay me ghumne ki best jagah: अगर आप शोर शराबे से दूर कही प्राकृतिक जगह में घूमना चाहते है तो ये जगह आपके लिए बिल्कुल सही साबित होगी हम बात कर रहे हैं भारत के पूर्वोत्तर (North East) में बसे एक छोटे से राज्य मेघालय की। मेघालय नाम का मतलब है बादलों का घर, इसके नाम से ही आपको पता चल रहा होगा कि यह कितना खूबसूरत है। यहां के ऊंचे ऊंचे झरने जो 1000 फीट से भी ज्यादा ऊंचाई से गिरते हैं।

Meghalay me ghumne ki best jagah: अगर आप शोर शराबे से दूर कही प्राकृतिक जगह में घूमना चाहते है तो ये जगह आपके लिए बिल्कुल सही साबित होगी हम बात कर रहे हैं भारत के पूर्वोत्तर (North East) में बसे एक छोटे से राज्य मेघालय की। मेघालय नाम का मतलब है बादलों का घर, इसके नाम से ही आपको पता चल रहा होगा कि यह कितना खूबसूरत है। यहां के ऊंचे ऊंचे झरने जो 1000 फीट से भी ज्यादा ऊंचाई से गिरते हैं। नदियां हैं जिनका पानी इतना साफ है कि जमीन तक आर पार देखा जा सकता है। ऐसे ऐसे (bridge)पुल हैं जो सीमेंट और लोहे से नहीं, बल्कि जिंदा पेड़ों की जड़ों से बने हैं। इन सभी असंख्य खूबियों की वजह से मेघालय सबसे सुंदर प्राकृतिक जगहों में से एक है। इस लेख के माध्यम से हम आपको 5 ऐसे प्रमुख स्थानों के बारे में विस्तार से बताएंगे, जो यहां घूमने के लिए सबसे बेस्ट स्थान है।
शिलांग (Shillong)
शिलांग, मेघालय की राजधानी है और यह राज्य का सबसे महत्वपूर्ण पर्यटन केंद्र है। समुद्र तल से लगभग 1496 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह शहर अपनी मनमोहक प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। ब्रिटिश काल में अंग्रेजों ने इसकी तुलना स्कॉटलैंड से की थी, इसलिए इसे "पूर्व का स्कॉटलैंड" भी कहा जाता है। शिलांग की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां का मौसम हो जो पूरे साल सुहाना रहता है और यहां घूमने के लिए ज्यादा पैदल चलने की जरूरत नहीं पड़ती।शिलांग में घूमने के लिए बहुत सारी जगहें हैं। वार्ड्स लेक शिलांग के बीचोंबीच स्थित एक कृत्रिम झील है, यहां नौकायन का आनंद लिया जा सकता है। उमियाम झील, एलिफेंट फॉल्स, लेडी हैदरी पार्क और शिलांग गोल्फ कोर्स, जो भारत के सबसे पुराने और बेहतरीन गोल्फ कोर्स में से एक है, इन सब जगहों को घुमा जा सकता है.
चेरापूंजी (Cherrapunji)
यह मेघालय का सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है, जिसे अब सोहरा के नाम से जाना जाता है। यह स्थान पूरी दुनिया में सबसे अधिक वर्षा के लिए जाना जाता है और यहां के झरने, गुफाएं और पेड़ो से बने पुल पर्यटकों को बेहद आकर्षित करते हैं। शिलांग से लगभग 54 किलोमीटर की दूरी पर स्थित चेरापूंजी का मार्ग अपने आप में बेहद खूबसूरत है। यहां पहुंचने के लिए बादलों से होकर गुजरना पड़ता है जो एक अलग ही अनुभव है। यहां घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहों में नोहकालिकाई झरना, सेवन सिस्टर्स फॉल्स, प्राचीन मावसमाई गुफा, क्रांग सूरी जलप्रपात, रबड़ के पेड़ों को गूंथ कर बनाई गई पुल आदि शामिल है।
दावकी/डॉकी (Dawki)
यह पश्चिम जयंतिया हिल्स जिले में स्थित एक छोटा सा शहर है, जो भारत-बांग्लादेश सीमा पर स्थित है। यह स्थान अपनी उमंगोट नदी के लिए प्रसिद्ध है, जिसका पानी इतना साफ है कि नाव में बैठकर नदी के तल तक देखा जा सकता है। जब नाव पानी में चलती है, तो ऐसा लगता है जैसे नाव हवा में तैर रही हो, यह दृश्य बेहद अद्भुत होता है। दावकी ब्रिज भी एक ऐतिहासिक पुल है जो उमंगोट नदी के ऊपर बना है। इस पुल से नदी का नजारा बेहद शानदार दिखता है। दावकी के पास ही स्थित मावल्यान्नॉंग गांव भी काफी प्रसिद्ध है इसे एशिया का सबसे स्वच्छ गांव कहा जाता है।
मौसिनराम (Mawsynram)
मौसिनराम मेघालय के खासी हिल्स में स्थित एक छोटी सी बस्ती है, जो विश्व में सबसे अधिक वर्षा वाले स्थानों में से एक है। यहां औसतन 11,871 मिलीमीटर वार्षिक वर्षा होती है, जो किसी भी अन्य स्थान से कहीं अधिक है। मानसून के मौसम में यहां लगातार झमाझम बारिश होती रहती है। मावजिम्बुइन गुफा मौसिनराम का मुख्य आकर्षण है। यह गुफा अपनी प्राकृतिक स्टैलेग्माइट संरचना के लिए प्रसिद्ध है। ऐसी संरचना छत्तीसगढ़ के कुटुमसर गुफा में भी पाए जाते है, जो शिवलिंग की तरह दिखती है। मौसिनराम की यात्रा का सबसे अच्छा समय मानसून का होता है, जब यहां भारी बारिश होती है और चारों ओर हरियाली छाई रहती है।
मावफलांग (Mawphlang)
मावफलांग अपने सैक्रेड फॉरेस्ट यानी प्राचीन और पवित्र जंगल के लिए जाना जाता है। यह जंगल कई सदियों से खासी जनजाति के लोगों द्वारा संरक्षित किया जा रहा है और इसे एक पवित्र स्थान माना जाता है। स्थानीय मान्यता के अनुसार इस जंगल में देवताओं का निवास है और यहां से एक भी पत्ती, टहनी या पत्थर बाहर ले जाना सख्त वर्जित है। यह पवित्र वन लगभग 79 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है और यहां पेड़ पौधों और औषधियों की अनगिनत प्रजातियां पाई जाती हैं। इस जंगल की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यहां सभी मुख वाली रुद्राक्ष मिलती हैं, जो आध्यात्मिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण हैं।
