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Barabar Caves Bihar: इन गुफाओं में गूंजते रहते हैं मंत्र, जानिए बिहार की बराबर गुफाओं का रहस्यमयी इतिहास

Barabar Caves Bihar: भारत का बिहार राज्य, प्राचीन इतिहास की घटनाओं और उनके साक्ष्यों को लेकर अपनी एक अनोखी पहचान बनाए हुए है। भारत में जब भी प्राचीन गुफाओं की बात आती है तो अजंता एलोरा और भीमबेटका का नाम सबसे पहले आता है, परंतु बिहार राज्य का बराबर गुफा इन सबसे अलग है।

Barabar Caves Bihar: इन गुफाओं में गूंजते रहते हैं मंत्र, जानिए बिहार की बराबर गुफाओं का रहस्यमयी इतिहास
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By Chirag Sahu

Barabar Caves Bihar: भारत का बिहार राज्य, प्राचीन इतिहास की घटनाओं और उनके साक्ष्यों को लेकर अपनी एक अनोखी पहचान बनाए हुए है। भारत में जब भी प्राचीन गुफाओं की बात आती है तो अजंता एलोरा और भीमबेटका का नाम सबसे पहले आता है, परंतु बिहार राज्य का बराबर गुफा इन सबसे अलग है। इसकी सादगी ही इसकी पहचान है, इसमें ना तो कोई जटिल मूर्ति बनाई गई है और ना ही दीवारों पर किसी प्रकार का चित्र उकेरा गया है। आज हम इस गुफा के बारे में विस्तृत जानकारी देनेवाले हैं।

बराबर गुफा का इतिहास

बिहार के जहानाबाद जिले में स्थित बराबर गुफाएं लगभग 2400 साल पुरानी है। 3री शताब्दी ईसा पूर्व में महान सम्राट अशोक ने इन गुफाओं को आजीविक संप्रदाय के साधुओं को समर्पित किया था। मौर्य काल की ये गुफाएं ग्रेनाइट की एक ही चट्टानों को काटकर बनाई गई हैं। जब सम्राट अशोक ने कलिंग युद्ध जीतने के बाद बौद्ध धर्म अपनाया, तब उन्होंने धार्मिक साधना के लिए बराबर की गुफाएं भी तैयार करवायी। आजीवक संप्रदाय के साधुओं के लिए यह जगह तपस्या और ध्यान का केंद्र हुआ करती थी।

क्यों कहते हैं इसे सबसे सरल गुफा

बराबर गुफाओं को देश की सबसे सरल गुफा माना जाता है, क्योंकि जब आप इन गुफाओं में प्रवेश करते हैं तो आपको कोई भव्य प्रवेश द्वार, कोई देवी देवताओं की मूर्तियां या दीवारों पर उकेरी गई चित्रकारी नहीं दिखतीं, यहां बस खाली दीवारें हैं। गुफा में किसी भी प्रकार की कठिन डिजाइन नहीं बनाई गई है। यहां बनी लगभग सभी गुफाओं में दो कमरे मौजूद हैं। इस गुफा को इतना सिंपल बनाने का यह कारण था कि यहां आजीवक संप्रदाय के साधु निवास करते थे और उन्हें भौतिक आडंबरों से दूर रहना पसंद था। एक सिंगल व इतने कठोर ग्रेनाइट चट्टान को काटकर गुफा बनाना, सच में एक अद्भुत कला है।

यहां स्थित चार प्रमुख गुफाएं

  • बराबर पहाड़ी पर कुल चार मुख्य गुफाएं हैं और हर एक की अपनी अनोखी विशेषताएं हैं। पहली है, लोमस ऋषि गुफा। इस गुफा के प्रवेश द्वार पर एक सुंदर तोरण बना हुआ है। द्वार पर हाथियों की एक पंक्ति उकेरी गई है जो इस गुफा को बाकी गुफाओं से अलग बनाती है।
  • दूसरी है सुदामा गुफा। 261 ईसा पूर्व इसे सम्राट अशोक द्वारा बनवाया गया था। इसमें एक लंबा आयताकार मंडप है। इस गुफा की दीवारों पर ब्राह्मी लिपि में शिलालेख लिखे हैं। यह गुफा अपनी चमकदार सतहों के लिए विशेष रूप से जानी जाती है।
  • तीसरी गुफा है कर्ण चौपर गुफा। इसमें एक बड़ा आयताकार कमरा है जिसकी दीवारें दर्पण की तरह चमकती हैं। चौथी गुफा है विश्व झोपड़ी गुफा। अशोक के अभिलेख केवल इसी गुफा से मिलते है।

इन गुफाओं की अनोखी विशेषता

बराबर गुफाओं की एक अनोखी खासियत है जो आज भी लोगों को दिखती है। वह यह है कि जब आप इन गुफाओं के अंदर कोई आवाज या किसी मंत्र का उच्चारण करते हैं तो वह लगभग तीन मिनट तक इन गुफाओं के अंदर गूंजते रहता है। गुफा के अंदर की ग्रेनाइट से बनी गोलाकार कमरों की वजह से यह इफेक्ट नजर आता है।

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