Bagdai Mata Mandir: यहां फूल और नारियल नहीं कंकड़ चढ़ाने से खुश होतीं हैं माता, जानिए बगदाई माता मंदिर का इतिहास
Bagdai Mata Mandir: छत्तीसगढ़ में कई ऐसे मंदिर है जो लोगों को सोचने पर मजबूर कर देते हैं, इन्हीं में से एक मंदिर है बिलासपुर का बगदाई माता मंदिर।

Bagdai Mata Mandir: छत्तीसगढ़ में कई ऐसे मंदिर है जो लोगों को सोचने पर मजबूर कर देते हैं, इन्हीं में से एक मंदिर है बिलासपुर का बगदाई माता मंदिर। इस मंदिर की पूजा पद्धति सबसे अलग है। यह मंदिर अपनी सादगी और गहन आध्यात्मिकता के लिए जाना जाता है, जो भव्य वास्तुकला वाले मंदिरों से अलग है। यहाँ इतिहास पत्थरों के माध्यम से फुसफुसाता है, और भक्तों को प्राचीन परंपराओं में शांति और आत्मीयता का अनुभव होता है। बिलासपुर के खमतराई गांव में स्थित यह मंदिर, लगभग 20 किलोमीटर दूर है।
मंदिर से जुड़ी लोककथा
बगदाई माता मंदिर का इतिहास प्राचीन काल से जुड़ा है, जहाँ स्थानीय जनजातीय परंपराएँ और हिंदू रीति-रिवाज एक साथ मिलते हैं। किंवदंती के अनुसार, यहाँ माता का स्वरूप एक प्राकृतिक पत्थर या शिला के रूप में प्रकट हुआ था, जो समुदाय की रक्षक के रूप में पूजनीय है। ऐसी भी मान्यता है कि कुछ सौ साल पहले एक चरवाहे को माता ने वन देवी के रूप में दर्शन दिया और जिस जगह में चरवाहे को माता के दर्शन हुए वहां उसे एक माता की मूर्ति भी मिली जिसे आज स्थापित किया गया है। लगभग इसी समय से माता को कंकड़/गोटा चढ़ाने का प्रावधान है।
मंदिर से जुड़ा अनोखा अनुष्ठान
बगदाई माता मंदिर की सबसे अनोखी विशेषता यहाँ की पूजा पद्धति है, जो इसे देश के अन्य मंदिरों से अलग करती है। यहाँ भक्त फूल, माला या पारंपरिक प्रसाद के बजाय नदी या आसपास से एकत्र किए गए पत्थर और कंकड़ माता के चरणों में अर्पित करते हैं। यह साधारण प्रथा प्रकृति के प्रति गहरे जुड़ाव और सादगी को दर्शाती है, जो यह सिखाती है कि सच्ची भक्ति के लिए भव्यता की आवश्यकता नहीं होती। 1990 के आसपास इस मंदिर का निर्माण कराया गया था।
धार्मिक महत्व और भक्तों का अनुभव
बगदाई माता मंदिर को कई लोग शक्ति पीठ के समान मानते हैं, जहाँ माता को कुलदेवी के रूप में पूजा जाता है। भक्त यहाँ स्वास्थ्य, संतान प्राप्ति और जीवन की बाधाओं से रक्षा के लिए प्रार्थना करने आते हैं। मंदिर सुबह 6 बजे से रात 9 बजे तक खुला रहता है। 2018 में यहां द्वादश ज्योतिर्लिंग की स्थापना भी की गई है और साथ ही 2021 में राधा कृष्ण का भव्य मंदिर भी बनाया गया है।
