Amantran aur Nimantran Mein Antar: आमंत्रण और निमंत्रण में अंतर
Amantran aur Nimantran Mein Antar: आमंत्रण और निमंत्रण दोनों शब्दों का उपयोग किसी अवसर या समारोह में लोगों को बुलाने के लिए किया जाता है। इन दोनों शब्दों में कुछ अंतर हैं।
Amantran aur Nimantran Mein Antar: 'आमंत्रण' और 'निमंत्रण' दोनों का अर्थ समान समझ लिया जाता है, पर ऐसा नहीं है। दोनों ही शब्दों में 'मंत्र' धातु की एक सी उपस्थिति है। सामान्य रूप से 'आमंत्रण' और निमंत्रण बुलावे के लिए प्रयुक्त होते है, परंतु 'आ' और 'नि' के चलते इनके अर्थो में विशिष्टता आ गई है। इसी विशेषता के कारण ऋषि-मुनियों ने आमंत्रण के बाद निमंत्रण शब्द का अनुसंधान किया।
आमंत्रण और निमंत्रण दोनों किसी को बुलाने के लिए प्रयोग किए जाते हैं।
अंग्रेजी में दोनों को इनविटेशन कहते हैं।
आमंत्रण किसी विषय विशेष पर विशेष व्यक्ति का बुलावा होता है।
निमंत्रण किसी अवसर विशेष पर विशेष व्यक्तियों का बुलावा होता है।
आमंत्रण में लक्ष्य निर्धारित होता है और लक्ष्य प्राप्त होते ही आमंत्रण समाप्त हो जाता है।
निमंत्रण में लक्ष्य के साथ लोकाचार भी होता है। लक्ष्य प्राप्ति के बाद उत्सव होता है।
मंच पर वक्ता को आमंत्रित किया जाता है।
कार्यक्रम में श्रोता को आमंत्रित किया जाता है।
मीटिंग, सेमिनार, समाज सेवा के कार्य, कला एवं संस्कृति के आयोजनों में लोगों को आमंत्रित किया जाता है।
निमंत्रण, आमंत्रण से अलग कैसे है
निमंत्रण में सिर्फ शारीरिक उपस्थिति उपयोगी है।
निमंत्रण में एक आयोजन होता है परंतु प्रत्येक व्यक्ति का लक्ष्य निर्धारित नहीं होता।
निमंत्रण में आयोजन पूर्ण होने पर भोजन आदि के साथ उत्सव मनाया जाता है।
निमंत्रण सामाजिक मेल मिलाप के लिए होता है।
निमंत्रण भारत में लोकाचार का एक उपकरण है।
विवाह समारोह में निमंत्रण दिया जाता है।
धार्मिक आयोजनों में निमंत्रण दिया जाता है।
पारिवारिक कार्यक्रमों में निमंत्रण दिया जाता है।
इन शॉर्ट थोड़ा और सरल शब्दों में समझें तो आमंत्रण ऑफिशियल इनविटेशन है, निमंत्रण पर्सनल इनविटेशन है।
स्रोत: Quora