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तोरला में किसान की ख़ुदकुशी मामला..भड़के मृतक किसान के परिजन ..बोले -“प्रकाश को मानसिक रोगी कैसे कह रहे हैं धनेंद्र साहू.. फ़सल लगातार दूसरे साल खराब हुई थी..”

तोरला में किसान की ख़ुदकुशी मामला..भड़के मृतक किसान के परिजन ..बोले -“प्रकाश को मानसिक रोगी कैसे कह रहे हैं धनेंद्र साहू.. फ़सल लगातार दूसरे साल खराब हुई थी..”
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By NPG News

रायपुर,7 नवंबर 2020। राजधानी से करीब तीस किलोमीटर दूर तोरला में किसान की ख़ुदकुशी मामले ने सियासती तूल पकड़ लिया है। बीते तीन नवंबर को खेत में लगी धान की बर्बाद फसल के बीच ख़ुदकुशी करने वाले मृतक किसान प्रकाश तारक के परिवार से चर्चा के दौरान परिजनो की नाराज़गी जमकर सामने आई। यह नाराजगी क्षेत्रीय विधायक धनेंद्र साहू को लेकर थी जिसमें उनके हवाले से यह कथित बयान आया था कि,ख़ुदकुशी करने वाले किसान की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी, वह मानसिक रोगी था।
बुरी तरह बिफरे परिजनों ने अव्यवस्थाओं और सरकारी अंदाज पर जमकर सवाल उठाया। मृतक किसान के भतीजे ईश्वर प्रसाद ने पूछा –

“मेरे चाचाजी की फसल पिछले साल भी बर्बाद हुई थी, इस साल फिर फसल ख़राब हुई, फसल में कीड़े लगे थे.. जो कीटनाशक लाए उससे फ़ायदा नहीं हुआ।घर आप देख रहे हैं.. ढह रहा है..प्रधानमंत्री आवास ही स्वीकृत नहीं हो रहा था.. वे परेशान थे.. पर पागल नहीं थे.. मानसिक रोगी नहीं थे.. “

मृतक किसान प्रकाश तारक चार भाईयों में तीसरे नंबर पर था। कुल ज़मीन क़रीब साढ़े सात एकड़ है और सभी भाईयों के बीच सहमति से बाँटा गया है। प्रकाश तारक क़रीब दो एकड़ पर खेती करता था।3 नवंबर को सुबह प्रकाश तारक ने अपने उसी खेत में फाँसी लगाकर जान दे दी जहाँ उसकी फ़सल कीटों की भेंट चढ़ चुकी थी।
मसला तब तूल पकड़ गया जबकि क्षेत्रीय विधायक धनेंद्र साहू जो उसी गाँव के निवासी हैं की ओर से मृतक के मानसिक अस्थिर होने और किसान ना होने का बयान मीडिया में आ गया।
मृतक का नाम बी वन खसरा, तारा सिवनी समिति से लिए कर्ज का अभिलेख लहराते हुए मृतक के बड़े भाई रामनाथ पारक ने सवाल किया –

“एक किसान के पास उसके किसान होने के और क्या सबूत होते हैं साहब..”

सियासत में शोक और शव की अपनी अहमियत है और यदि चुक हुई तो इतिहास गवाह है सियासत ही चूक जाती है। चुक जिससे भी हुई हो, पर भाजपा ने यह मौका छोड़ा नही।
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक मृतक किसान के घर पहुँचे और परिजनों से देर तक बातें की और स्थितियों को समझा। आक्रोशित परिजनों की बात सूनते हुए मौक़े पर मौजूद एसडीएम निर्भय साहू से धरमलाल कौशिक ने कहा

“आवास, तात्कालिक सहायता यह तो आपके स्तर का विषय है,आप क्यों नही करते.. सबसे पहली प्राथमिकता यह है कि, परिजनों को मदद मिले.. आप इसे करिए”

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने इस मौक़े पर मृतक प्रकाश तारक की पत्नी और बच्चों को 21000 की नक़द राशि दी, और मदद के लिए आश्वस्त किया।
यह दुर्भाग्यपूर्ण संयोग ही है कि, जिस गली का आख़िरी मकान प्रकाश तारक का है, उस गली का तीसरा मकान उस नेतराम सिन्हा का है जिसने दो बरस पहले क़र्ज़े को चुकाने दो एकड़ ज़मीन बेची लेकिन उसे ज़मीन बेचने का पैसा ही नही मिला। हलकान परेशान नेतराम सिन्हा ख़ुदकुशी कर गया, मामला तब ख़ूब तूल पकड़ा था, लेकिन आज जबकि यह खबरनवीस उसके पिता से बात कर रहा था, तो जवाब से समझ आया कि, नेतराम सिन्हा के परिजनों को उस खेत को बेचने का पैसा अब भी नही मिला है।
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने NPG से कहा –

“मैं परिवार से मिला,शोक और शव पर सियासत नही होती.. यह बेहद अमानवीय है कि, क्षेत्रीय विधायक के अपने गाँव का यह मामला है, पर मदद तो दूर उसकी मानसिक स्थिति पर सवाल कर दिया, परिजन अपने मुखिया को खोने से दुखी तो है लेकिन मानसिक रोगी कहने और किसान ना होने की बात ने बुरी तरह आहत है, हमने 21 हजार की मदद की है और वादा भी कि, न्याय मिलेगा”

हालाँकि इसके बाद जो नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने जो कहा वह बेहद गौर करने लायक है। धरमलाल कौशिक ने कहा-

“बीते एक पखवाड़े में किसानों के ख़ुदकुशी की छ खबरें हैं, किसान नक़ली खाद, नक़ली कीटनाशक और अमानक बीज को लेकर परेशान हैं,प्रकाश तारक ने तीन बार कीटनाशक डाले लेकिन कीट का प्रकोप कम नही हुआ..किसान के पास यह परेशानी भी है कि फ़सल यदि तैयार भी हो जाए तो बिकेगा कैसे.. बिका तो भुगतान कब तक होगा..”

इधर अपने पति को खो चुकी और चार बच्चे जिनमें दो बेटियाँ और दो बेटे हैं के भविष्य को लेकर बिलखती किसान प्रकाश पारक की पत्नी की टिप्पणी तीखी थी पर सटीक थी। उसने कहा-

“साहब..कोई तो आया जिसने पैसे दिए और इंसाफ़ की बात कही..इंसाफ़ का पता नही.. पर सरकार मदद ही कर दे .. तो ही सूकून मिल जाएगा.. पर हमको तो ग़रीब भी नही मानते साहब लोग.. आवास के लिए बोले तो यही बोले थे साहब लोग..होंगे ग़रीब लेकिन सर्वे लिस्ट में नाम नही है तो ग़रीब नही माने जाएँगे”

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