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गोलीकांड के आरोपी का फेसबुक पोस्ट: दुर्ग में गोलीकांड के आरोपी पुलिस के हत्थे नही.. पर सोशल मीडिया पर जारी है पोस्ट.. धमाकेदार क्राईम सीरिज का मसाला बन रहा है मामला

गोलीकांड के आरोपी का फेसबुक पोस्ट: दुर्ग में गोलीकांड के आरोपी पुलिस के हत्थे नही.. पर सोशल मीडिया पर जारी है पोस्ट.. धमाकेदार क्राईम सीरिज का मसाला बन रहा है मामला
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By NPG News

दुर्ग,15 जून 2021। नेवई गोलीकांड के आरोपी पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ रहे लेकिन सोशल मीडिया पर जिस अंदाज में इन आरोपियों के पोस्ट आ रहे हैं ऐसा लग रहा है कि जैसे किसी ओटीपी प्लेटफ़ार्म पर कोई सीरिज देखी जा रही हो। इन की पोस्ट पर खबर लिखना शायद ही पत्रकारिता हो पर खबर इसलिए है क्योंकि इन पोस्ट करते युवाओं की तलाश पुलिस को है। वो पुलिस जिसका दावा रहा है कि सायबर के मसलों में वो हर दिन बेहतर से बेहतरीन की ओर है, पर इन शोहदों की तलाश में डंडा पटकती पुलिस और बेख़ौफ़ किसी वेब सीरिज की तरह फ़ेसबुक और इंस्टाग्राम पर आते पोस्ट के आगे यह क्यों ना माना जाए कि छत्तीसगढ़ पुलिस हाँफ गई है।
बीते दिनों नेवई ईलाके में हिस्ट्रीशीटर पिंकी राय ने खुद पर गोली चलने की शिकायत दर्ज कराई जिन तीन युवकों पर यह आरोप लगा वे पिंकी राय के ही पूर्व साथी बताए गए हैं। युवकों की तलाश में पुलिस ने खोजबीन शुरु की और इस पता तलाशी के दौरान युवकों के समूह ने हवाई फ़ायरिंग कर खोजबीन पर ही सवाल उठा दिया।
नवपदस्थ कप्तान प्रशांत अग्रवाल ने इस पूरे मसले पर टीआई को सस्पेंड किया और अलग अलग टीमों को झोंक दिया। रिकॉर्ड की तलाशी हुई तो पिंकी राय और उसके भाई शशिकांत पर जिलाबदर की फ़ाईल कलेक्टर तक पहुँच गई।
इधर ये तीनों फ़रार आरोपियों ने सायबर पर छत्तीसगढ़ पुलिस की धमक पर सवाल लगाते हुए इंस्टाग्राम और फेसबुक पर पोस्ट शुरु कर दिया। ये पोस्ट पढ़कर लगता है कि जैसे किसी क्राईम बेस्ड लुगदी साहित्य का पाठ कर रहे हों।
हालिया फ़ेसबुक पोस्ट मुकेश सिंह की है जिसमें उसने तमाम कथाएँ लिखी हैं। उसने घटना का ब्सौरा देकर पूरा मामला पिंकी राय पर डाला है, पिंकी राय पर झगड़ा शुरु करने,गोली चलाने से लेकर पुलिस पर दस लाख रुपए देने से लेकर पिंकी राय के भाई के द्वारा धमकी देने और बदले में मारने के अलावा विकल्प नहीं जैसी बातों को लिखा गया है।पूरे फ़िल्मी कथा की तरह चल रहे इस पोस्ट में कप्तान प्रशांत को संबोधन कर लिखा गया है कि हमने गलती की लेकिन मजबूर उसने किया गोली उसने चलाई और हम भागे।
सच क्या और झूठ क्या इसका फ़ैसला कोर्ट करेगा, लेकिन यह पोस्ट और इस तरह की अन्य पोस्ट बताती है कि सायबर को लेकर छत्तीसगढ़ पुलिस के दावे कितने खोखले हैं। पोस्ट हो रहा है और पुलिस के सायबर सेल को ना लोकेशन मिल रही है और ना ही नंबर।
खबरें हैं कि कप्तान प्रशांत अग्रवाल ने दिल्ली स्थित अपने बैचमेटों से संपर्क साधा है और इन सोशल साईट्स जिनका मुख्यालय भारत से बाहर है उनसे सहयोग जल्द लेने की क़वायद की है। पर फ़िलहाल दुर्ग में सोशल मीडिया पर क्राईम बेस्ड घटिया लुगदी साहित्य की नुमाइश जारी है।

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