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Whose government in CG: सरकार @76.54% : इस बार भी लगभग 2018 के बराबर वोटिंग, जानिए... वोटिंग से कैसे बदलता सरकार का सीमकरण

Whose government in CG: छत्‍तीसगढ़ की 90 सीटों पर मतदान की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। इसके साथ ही मतदान के प्रतिशत के आधार पर हार-जीत का अनुमान और नई सरकार के सीमकरण को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। आयोग की तरफ से उपलब्‍ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार अभी तक पिछले चुनाव के बारबर ही मतदान हुआ है।

Whose government in CG: सरकार @76.54% : इस बार भी लगभग 2018 के बराबर वोटिंग, जानिए... वोटिंग से कैसे बदलता सरकार का सीमकरण
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By Sanjeet Kumar

Whose government in CG: रायपुर। छत्‍तीसगढ़ में मतदान की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। अब तक उपलब्‍ध आंकड़ों के अनुसार राज्‍य की 90 सीटों पर लगभग 76.54 प्रतिशत मतदान हुआ है (आयोग के अफसरों के अनुसार अभी इस आंकड़ें में थोड़ा बदलाव हो सकता है)। 2018 के विधानसभा चुनाव में भी मतदान का आंकड़ा (76.35) लगभग इतना ही था। राज्‍य के शहरी क्षेत्रों में कम मतदान का ट्रेंड इस बार भी बना हुआ है। मौजूदा चुनाव में भी शहरी क्षेत्रों की अपेक्षा ग्रामीण विधानसभा सीटों पर ज्‍यादा मतदान हुआ है। अब तक उपलब्‍ध आंकड़ों के अनुसार दूसरे चरण की 70 सीटों में खरसियां में सर्वाधिक और रायपुर दक्षिण सीट पर सबसे कम मतदान हुआ है।

जानिए... 2018 में पहले और दूसरे चरण में कितना हुआ था मतदान

2018 के चुनाव में भी राज्‍य में दो चरणों में चुनाव हुआ था। पहले चरण में 90 में से 18 सीटों के लिए मतदान किए गए थे। इन 18 सीटों में बस्‍तर संभाग की 12 और राजनांदगांव की 6 सीट शामिल है। 2018 में पहले चरण में 76.47 प्रतिशत मतदान हुआ था। इस बार पहले चरण में 20 सीटों के लिए वोट डाले गए थे। इस बार कबीरधाम जिला की दो सीट बढ़ा दी गई थी। इन 20 सीटों पर इस बार 78 प्रतिशत वोट डाले गए हैं। वहीं, दूसरे चरण में 2018 में 72 सीटों के मतदान का औसत 76.62 प्रतिशत था, इस बार यह आंकड़ा 75.08 प्रतिशत रहा।

Whose government in CG: जानिए... अब तक के 4 चुनावों में वोटिंग का कैसा रहा है ट्रेंड

छत्‍तीसगढ़ राज्‍य निर्माण के बाद यह पांचवां विधानसभा का चुनाव है। इससे पहले हुए 4 विधानसभा चुनावों में वोटिंग का ट्रेंड लगभग एक जैसा ही रहा है। राज्‍य बनने के बाद 2003 में हुए पहले चुनाव में 71.30 प्रतिशत मतदान हुआ था। 2008 में यह आंकड़ा घटकर 70.51 प्रतिशत चला गया, लेकिन 2013 में मतदान बढ़ा और सीधे 77.12 प्रतिशत पहुंच गया। इसके बाद 2018 में हुए चुनाव में फिर करीब एक प्रतिशत वोटिंग कम हुई और आंकड़ा 76.35 प्रतिशत रहा।

समझिए... वोटिंग प्रतिशत का सत्‍तधारी और विपक्षी पार्टी पर कितना असर पड़ता है

वोटिंग कम- ज्‍यादा होने से सरकार और विपक्ष को कितना फायदा और कितना नुकसान होता है। राजनीतिक विश्‍लेषकों की राय में अब तक हुए विधानसभा के 4 चुनावों के हिसाब से राज्‍य में इस तरह का कोई ट्रेंड समझ में नहीं आता है। मतदान प्रतिशत और सीटों की संख्‍या के हिसाब से भी इस गणित को समझे तो भी ऐसा कोई ट्रेंड नहीं दिखता है। अब तक 3 चुनाव में सरकार बनाने वाली भापजा का वोट शेयर हर बार अलग-अलग रहा। कम वोट शेयर के बावजूद भाजपा को ज्‍यादा सीटें मिली। वहीं, एक चुनाव में ज्‍यादा वोट हासिल करने के बावजूद भाजपा की सीट कम हो गई। 2023 में भारी बहुमत के साथ कांग्रेस सत्‍ता में आई, जबकि 2013 की तुलना में 2018 में कांग्रेस का वोट शेयर लगभग 2 प्रतिशत ही बढ़ा था।

देखिए... अब तक हुए मतदान और पार्टियों को मिली सीट क आंकड़ा




Sanjeet Kumar

संजीत कुमार: छत्‍तीसगढ़ में 23 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। उत्‍कृष्‍ट संसदीय रिपोर्टिंग के लिए 2018 में छत्‍तीसगढ़ विधानसभा से पुरस्‍कृत। सांध्‍य दैनिक अग्रदूत से पत्रकारिता की शुरुआत करने के बाद हरिभूमि, पत्रिका और नईदुनिया में सिटी चीफ और स्‍टेट ब्‍यूरो चीफ के पद पर काम किया। वर्तमान में NPG.News में कार्यरत। पंड़‍ित रविशंकर विवि से लोक प्रशासन में एमए और पत्रकारिता (बीजेएमसी) की डिग्री।

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