Who is the next CM of CG: सोशल मीडिया का कमाल...सीएम की रेस में दो नए नामों की इंट्री: एक संघ का, दूसरा ओबीसी चेहरा, कल आएंगे पर्यवेक्षक, नड्डा से मिली रेणुका
Who is the next CM of CG: चुनाव परिणाम जारी होने के करीब 4 दिन बाद भी भाजपा छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में मख्यमंत्री तय नहीं कर पाई है। जैसे-जैसे समय बीत रहा है सोशल मीडिया में कमाल की अटकलें चल रही हैं। दो दिन पहले लोगों ने व्हाट्सएप में रेणुका सिंह को सीएम बना दिया था, आज इस कड़ी में लोगों ने आज दो नाम और जोड़ दिया।
Who is the next CM of CG: रायपुर। छत्तीसगढ़ का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा इस पर अब भी सस्पेंस बना हुआ है। दिल्ली में उच्च स्तर पर लगातार बैठकों का दौर चल रहा है, लेकिन अब तक नाम फाइनल नहीं हो पाया है। चुनाव परिणामों में भापजा को बहुमत मिलने के साथ सीएम पद के लिए जिन नामों की चर्चा शुरू हुई उनमें पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव, केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह, पूर्व आईएएस ओपी चौधरी का नाम प्रमुख है। ये नाम चर्चा में बने हुए हैं, इस बीच सोशल मीडिया में दो नए नामों की इंट्री हो गई है। इसमें एक संघ से जुड़े हुए हैं दूसरे प्रदेश के बड़े ओबीसी चेहरा हैं।
इस बीच मुख्यमंत्री का नाम फाइनल करने और इस मामले में राष्ट्रीय नेतृत्व का संदेश लेकर पर्यवेक्षक कल रायपुर पहुंचने वाले हैं, जो विधायकों की बैठक लेकर राष्ट्रीय नेतृत्व के निर्णय से अवगत कराएंगे। उधर, सीएम पद की दौड़ में शामिल केंद्रीय राज्य मंत्री और भरतपुर- सोनहत सीट से नवनिर्वाचित विधायक रेणुका सिंह ने आज दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा से मिलीं।
15 साल तक सरकार में रही भाजपा पांच साल के वनवास के बाद फिर से सत्ता में लौट आई है। अब रायपुर से दिल्ली तक हर किसी के जेहन में यही सवाल है कि मुख्यमंत्री कौन बनेगा? 15 साल तक सीएम रहे डॉ. रमन सिंह इनमें सबसे आगे हैं। इसके बाद अरुण साव, विष्णुदेव साय, रामविचार नेताम, रेणुका सिंह और ओपी चौधरी तक के नामों की चर्चा हो रही है। वहीं आज अचानक सोशल मीडिया से लेकर सियासी गलियारों में दो नए नामों पर चर्चा शुरु हो गई है। ये नए नाम महाराष्ट्र के गवर्नर रमेश बैस और संघ के प्रांत प्रचारक डॉ. पुर्णेंद्रु सक्सेना हैं।
सोशल मीडिया में बताया जा रहा है कि संघ की ओर से डॉ. पुर्णेंद्रु सक्सेना का नाम भी सुर्खियों में है। वे राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के प्रांत संघ संचालक होने के साथ अस्थिरोग विशेषज्ञ हैं। उनके पिता भी छत्तीसगढ़ में संघ के पदाधिकारी रहे हैं। डॉ. सक्सेना ने अपनी स्कूली और मेडिकल की पढ़ाई रायपुर में ही की। तीन साल पहले ही उन्हें प्रांत संघसंचालक बनाया गया है। भाजपा की सत्ता में वापसी में आरएसएस की बड़ी भूमिका रही है। भाजपा के वरिष्ठ नेता पहले बोल चुके हैं की सीएम का नाम चौंकाने वाला होगा। इन सबके बीच एक और नाम अचानक से चर्चा में आया है, वो है रमेश बैस का नाम। बैस की छवि और राजनीतिक कैरियर बेदाग है। वे कुर्मी समाज से हैं पिछड़ा वर्ग से आते हैं। केंद्रीय मंत्री और फिर राज्यपाल के रूप में भारत के कई राज्यों की राजनीतिक और प्रशासनिक शैली को भलीभांति रूप से समझते हैं। यही वजह भी है कि उन्हें नई जिम्मेदारी देकर प्रमोट किया जा सकता है। बैस 1989 में रायपुर लोकसभा सीट से पहली बार लोकसभा के लिए चुने गए। इसके बाद वे लगातार 7 बार इस सीट से सांसद चुने गए। अभी वे महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं। इससे पहले वे त्रिपुरा और झारखंड के गर्वनर रह चुके हैं।
इस चर्चा में दम नहीं
सक्सेना और बैस को सीएम बनाए जाने चर्चा को राजनीतिक विश्लेषक बस सोशल मीडिया की उपज बता रहे हैं। भाजपा के 54 विधायक चुन जीतकर आए हैं। ऐसे में विधायकों के बाहर से किसी को सीएम बनाए जाने की संभावना बिल्कुल भी नहीं है। छत्तीसगढ़ का सीएम जो भी बनेगा वह विधायक दल से ही बनेगा। क्योंकि, इसके संदेश अच्छे नहीं जाएंगे...सवाल उठेंगे पार्टी 54 विधायकों में से सीएम लायक चेहरा एक भी नहीं मानती।