जशपुर 27 मार्च 2022। फर्जी निवास प्रमाण पत्र से स्वास्थ्य विभाग में फार्मासिस्ट की नौकरी कर रहे आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। वर्ष 2016 में फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी करने का मामला दर्ज होने के बाद तीन आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं तो वही लगातार फरार चल रहे आरोपी को पुलिस अब गिरफ्तार कर सकी है।
मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2012 में जिला अस्पताल जशपुर में फार्मासिस्ट ग्रेड-2 के पद पर नियुक्ति निकली थी। उक्त पद हेतु जिले का मूल निवासी होना अनिवार्य किया गया था। जिला अस्पताल जशपुर द्वारा फार्मासिस्ट भर्ती हेतु टीम गठित कर अभ्यर्थियों की भर्ती की गई। भर्ती के पश्चात सभी चयनित अभ्यर्थी नौकरी करने लगे।
कांसाबेल थाना निवासी चन्द्र कुमार ने चौकी मनोरा थाना जशपुर में शिकायत करते हुए बताया कि चयनित अभ्यर्थियों में से क़ई के निवास प्रमाण पत्र फर्जी है। मिली शिकायत को जांच करने पर पता लगा कि तुलसी यादव,अफरोज मलिक खूंटे, कुमारी शशि टण्डन,राधेश्याम कांत का निवास प्रमाण पत्र फर्जी है। अफरोज मलिक जांजगीर जिले का मूल निवासी हैं जिसने दुलदुला तहसील से निवास प्रमाण पत्र प्राप्त किया था। कु शशि टण्डन का मूल निवास भटगांव बिलाईगढ़ जिला जांजगीर है जिसने जशपुर से दुबारा प्रमाण पत्र बनवाया था। राधेश्याम कांत कापू जिला रायगढ़ ने भी पत्थलगांव जिला जशपुर से पुनः प्रमाण पत्र बनवाया तय। आरोपियो को 19 फरवरी 2016 को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा दिया गया था। पर आरोपी तुलसी कुमार यादव फरार हो गया था
जांच में पुलिस ने पाया था कि तुलसी कुमार यादव का निवास धरमजयगढ़ से दिनांक 17 जून 2003 को जारी किया गया था। उसके बाद दुबारा उसने नौकरी करने हेतु 25 अप्रैल 2012 को तहसील न्यायालय पत्थलगांव से जारी निवास प्रमाण पत्र विभाग में जमा किया था। तहसीलदार से पुष्टि करने पर तहसील न्यायालय पत्थलगांव से एसा कोई निवास प्रमाण पत्र जारी नही होना बताया। जिसके बाद विभिन्न धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया गया था।
फरार चल रहे 33 वर्षीय आरोपी तुलसी कुमार यादव के बारे में पुलिस को सूचना मिली कि वह चरखापारा चौकी बाकरुमा जिला रायगढ़ स्थित अपने निवास में मौजूद हैं। पुलिस ने उसे दबिश देकर गिरफ्तार कर लिया व उसे न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया है।