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Vastu Dosh: घर में इस जगह न बनवाएं सीढ़ी, सीढ़ियों का वास्तु बिगाड़ सकता है बैंक बैलेंस, घर मालिक को नुकसान, किरायदारों को होगा फायदा

Vastu Dosh: घर में इस जगह न बनवाएं सीढ़ी, सीढ़ियों का वास्तु बिगाड़ सकता है बैंक बैलेंस, घर मालिक को नुकसान, किरायदारों को होगा फायदा
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By NPG News

NPG DESK

रायपुर। Vastu Dosh: घर में वास्तु दोष खराब होने से घर की शांति भंग हो जाती है। वहीं घर में पैसों से जुड़ी परेशानियां झेलनी पड़ जाती है। वास्तुशास्त्र में ऐसी कई चीजें बताई गई है जिसे करने से घर का वास्तु दोष खत्म हो जाता है। ऐसे ही कहा जाता है कि घर में मौजूद सीढ़ियां भी वास्तु दोष का कारण हो सकती है । वास्तु शास्त्र के अनुसार सीढ़ियां घर में रहने वालों के जीवन में उतार-चढ़ाव को प्रभावित करती है। ये राजा और रंक दोनों बना सकती है।

सीढ़ियां हमें तरक्की की ओर ले जाती है। घर बनाते के समय सीढ़ियों को लेकर कुछ लोग ध्यान नहीं देते है या फिर कारीगर इस मामले में लापरवाह हो जाते है। आर्किटैक्चर बिगड़ने के डर से भी इस महत्वपूर्ण विषय की अनदेखी होती है। यह अनदेखी या लापरवाही बाद में मकान में रहने वालों पर भारी पड़ती नजर आती है।

वास्तु शास्त्र में घर में सीढ़ी की दिशा

वास्तुशास्त्र के अनुसार घर में सीढ़ियों का निर्माण उत्तर से दक्षिण की ओर या पूर्व से पश्चिम दिशा की ओर करवाना चाहिए। जो लोग पूर्व दिशा की ओर से सीढ़ी बनवा रहे हों उन्हें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि सीढ़ी पूर्व दिशा की दीवार से लगी हुई नहीं हो। सीढ़ी के लिए नैऋत्य यानी दक्षिण पश्चिम दिशा उत्तम होती है।

वास्तुशास्त्र के अनुसार सीढ़ियों का निर्माण उत्तर से दक्षिण की ओर व पूर्व से पश्चिम दिशा की ओर करवाना चाहिए। इससे घर वास्तु दोष से मुक्त होता है।

कहा जाता है कि सीढ़ी के लिए दक्षिण पश्चिम दिशा उत्तम होती है। इस दिशा में सीढ़ी होने पर घर प्रगति ओर अग्रसर रहता है।

वास्तुशास्त्र के अनुसार उत्तर पूर्व कोने में सीढ़ियों का निर्माण नहीं करना चाहिए। इससे आर्थिक नुकसान, स्वास्थ्य की हानि, नौकरी एवं व्यवसाय में समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

दक्षिण पूर्व में सीढ़ियों का होना भी वास्तु के अनुसार नुकसानदेय होता है। इससे बच्चों के स्वास्थ्य उतार-चढ़ाव बना रहता है।

वास्तुशास्त्र के अनुसार सीढ़ी के नीचे जूते-चप्पल एवं घर का बेकार सामान नहीं रखना चाहिए। कहा जाता है कि इससे घर में भारी नुकसान होता है।

सीढ़ी निर्माण में वास्तु

घर में मुख्य द्वार के सामने सीढ़ियों का निर्माण नहीं करना चाहिए। वास्तु के अनुसार इससे किरायेदार दिनों दिन उन्नति करते हैं और मालिक की परेशानी बढ़ती रहती है। उसके नीचे फिश-एक्वेरियम या फिर कोई भी ऐसी वस्तु जो जल से संबंधित हो, वह न रखें।

अगर सीढ़ियाँ घर में दक्षिणी व पश्चिमी भाग की दाईं ओर हो, तो उत्तम हैं। चढ़ते समय सीढ़ियाँ हमेशा बाएँ से दाईं ओर मुड़नी चाहिए। किसी भी घर में घर के बीचों-बीच एवं दरवाजे के सामने सीढ़ी नहीं होनी चाहिए। सीढ़ी में लाल रंग का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

सीढ़ियों से नीचे का भाग खाली न छोड़ें। आप यहां पर छोटा-सा कमरा या स्टोर रूम दे सकते हैं परंतु उसे सुसज्जित व संगठित तरीके से बनाएं। सीढ़ी के नीचे जूते-चप्पल एवं घर का बेकार सामान नहीं रखें।

घर की सीढ़ी का वास्तुदोष ऐसे दूर करें

सीढ़ियों की नकारात्मकता हटाने के लिए जल भरकर उसे मिट्टी के ढक्कन से ढंक दें। इसे सीढ़ी के नीचे मिट्टी में दबा दें।

चिड़ियों के लिए मिट्टी के एक बर्तन में पानी रखने से भी सीढ़ियों का वास्तु दोष खत्म होता है।

अगर सीढ़ियां लिविंग रूम और डाइनिंग रूम को अलग-अलग करती हैं तो इसका असर धन पर पड़ता है। इसे ठीक करने के लिए सीढ़ी पर एक तुलसी का पौधा रखें।

अगर उत्तर-पूर्व दिशा में सीढ़ी हो तो सबसे नीचे वाली सीढ़ी पर दो तांबे के कछुए एक तरफ मुंह करके रख दें। सकते हैं।

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