UPSC सलेक्ट हुए अक्षय का पहला इंटरव्यू: अक्षय बोले- तीन बातें महत्वपूर्ण, 1. पहले एग्जाम को जानें, 2. नियमित रूप से तैयारी, 3. धैर्य रखें
आईएएस रेणु पिल्ले और आईपीएस संजय पिल्ले के बेटे हैं अक्षय। चौथे प्रयास में सलेक्ट हुए देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा में।
रायपुर, 30 मई 2022। यूपीएससी की परीक्षा में शामिल होना चाहते हैं तो 3 बातें बेहद जरूरी हैं। पहला एग्जाम को जानना, दूसरा नियमित रूप से तैयारी करना और तीसरा धैर्य रखना। यह कहना है यूपीएससी की परीक्षा में 51वां रैंक लाने वाले अक्षय पिल्ले का। छत्तीसगढ़ की सीनियर आईएएस रेणु पिल्ले और डीजी जेल संजय पिल्ले के पुत्र अक्षय ने चौथे प्रयास में सफलता हासिल की है।
यूपीएससी सलेक्ट होने के बाद अपने पहले इंटरव्यू में NPG.News से चर्चा करते हुए अक्षय ने कहा कि वे लगातार तीन कोशिश में असफल हो गए थे। माता-पिता और बहन उन्हें उत्साह दिलाती रहती थीं कि कोशिश करते रहें सलेक्शन होना तय है। आखिरकार अक्षय ने एक साल गैप कर फिर से तैयारी की और इस बार सफलता मिली।
देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा में सलेक्शन के लिए अक्षय तीन सूत्र बताते हैं। पहले यह जानना जरूरी है कि यूपीएससी की परीक्षा आखिर है क्या। किस तरह तैयारी होनी चाहिए। कैसे सवाल आते हैं। इसके लिए पिछली परीक्षाओं में पूछे गए प्रश्नों को देखना काफी मददगार होगा। दूसरा सूत्र है, लगातार तैयारी में जुटे रहना। अक्षय का कहना है कि भले ही 8 घंटे पढ़ें, लेकिन इसमें कभी गैप नहीं होना चाहिए। तीसरा और सबसे अहम सूत्र है-धैर्य। तीसरी कोशिश में भी जब अक्षय सिर्फ दो नंबर से चूक गए, तब माता-पिता और बहन ने उन्हें मोटिवेट किया। धैर्य रखने के लिए कहा। इसका उन्हें लाभ मिला।
असफलता को ही बना ली सीढ़ी
अक्षय पहले और दूसरे अटेम्प्ट में मेन्स की परीक्षा तक पहुंचे। इसके बाद तीसरे में इंटरव्यू तक पहुंचे। इंटरव्यू उनका अच्छा रहा, लेकिन सिर्फ दो नंबर से चूक गए। यह ऐसा समय था, जब वे थोड़े नर्वस हुए, लेकिन उन्होंने हौसला नहीं तोड़ा। हर अटेम्प्ट में जो कमियां रह गईं, उसे ही सीढ़ी बना लिया। थर्ड अटेम्प्ट में जब इंटरव्यू के लिए गए थे, तब ज्यादा नर्वस थे, लेकिन इस बार वे पूरे आत्मविश्वास के साथ गए और सवालों का जवाब दिया। इसका असर भी दिखा और इंटरव्यू ले रहे एक्सपर्ट्स उनके जवाबों से प्रभावित हुए। उन्हें सराहा भी।
मम्मी-पापा को देखकर मिली प्रेरणा
अक्षय ने बचपन से ही मम्मी-पापा को देखकर यूपीएससी में जाने का फैसला ले लिया था। हालांकि उस समय उन्हें यह नहीं पता था कि कैसे हो पाएगा। एनआईटी में केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने प्रीलिम्स की तैयारी शुरू कर दी थी। फाइनल एग्जाम्स के कुछ ही दिनों के बाद प्रीलिम्स की परीक्षा थी, जिसमें वे सफल रहे। इससे उन्हें यह पता चला कि वे सही दिशा में जा रहे हैं। इंटरव्यू के लिए मम्मी और पापा दोनों लगातार डिस्कशन करते थे। उन्हें समझाते थे कि किस तरह के सवाल आएंगे और उन ट्रिकी सवालों का कैसे जवाब देना है। हालांकि पहली बार जब इंटरव्यू में गए तब थोड़े उलझ गए थे, लेकिन दूसरी बार में पूरी बेबाकी और आत्मविश्वास से जवाब देते चले गए।