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CG कांग्रेस में उदयपुर फॉर्मूला: 50-50 फॉर्मूला लागू करने राजीव भवन में मंथन, 25 को शहादत दिवस और 27 को पं. नेहरू की पुण्यतिथि पर आयोजन की रूपरेखा बनेगी

पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम, राष्ट्रीय सचिव डॉ. चंदन यादव और सप्तगिरि शंकर उल्का की मौजूदगी में बैठक

CG कांग्रेस में उदयपुर फॉर्मूला: 50-50 फॉर्मूला लागू करने राजीव भवन में मंथन, 25 को शहादत दिवस और 27 को पं. नेहरू की पुण्यतिथि पर आयोजन की रूपरेखा बनेगी
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By NPG News

रायपुर, 24 मई 2022। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के चिंतन शिविर में जो फैसले लिए गए थे, उन्हें छत्तीसगढ़ में लागू करने के लिए एक बड़ी बैठक राजीव भवन में की जा रही है। इस बैठक में पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम, राष्ट्रीय सचिव डॉ. चंदन यादव और सप्तगिरि शंकर उल्का के साथ-साथ पीसीसी के प्रमुख पदाधिकारी मौजूद हैं। इसमें 25 मई को झीरम घाटी नक्सल हमले में शहीद कांग्रेस नेताओं की पुण्यतिथि पर शहादत दिवस मनाने और 27 मई को पं. जवाहरलाल नेहरू की 58वीं पुण्यतिथि पर आयोजनों की रूपरेखा बनेगी।

उदयपुर में कांग्रेस के चिंतन शिविर में 50-50 फॉर्मूला बनाया गया है। इसके अंतर्गत संगठन में 50 साल से कम उम्र के आधे और 50 साल से ज्यादा उम्र के आधे पदाधिकारी होंगे। एक व्यक्ति एक पद के तहत संगठन, सत्ता या निगम-मंडल में एक ही पद दिया जाएगा। इसी तरह चुनाव के लिए टिकट वितरण की भी प्रक्रिया तय की गई है। इसी कड़ी में कांग्रेस ने सभी जिलाध्यक्षों से डिटेल मांगी थी। इस पर अब प्रमुख नेताओं की मौजूदगी में मंथन किया जा रहा है।

पं. नेहरू के योगदान को पहुंचाएंगे लोगों तक

मोदी सरकार बनने के बाद पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू पर लगातार आरोप-प्रत्यारोप लगाए जाते हैं। कांग्रेस के प्रभारी महामंत्री संगठन अमरजीत चावला ने सभी जिलाध्यक्षों को जो पत्र जारी किया है, उसमें पं. नेहरू के व्यक्तित्व व कृतित्व को लोगों तक पहुंचाना है। चावला ने लिखा है कि 27 मई को पं. जवाहरलाल नेहरू की 58वीं पुण्यतिथि है। महात्मा गांधी के नेतृत्व में पं. नेहरू ने स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रूप से भाग लिया और देश को आजादी दिलाई। इसके बाद वे पहले पीएम बने। 17 वर्षों के सफल कार्यकाल में देश को मजबूत औद्योगिक ढांचा प्रदान किया। वैज्ञानिक रूप से देश को समृद्ध किया। हरित क्रांति को साकार किया। गुट निरपेक्षता की नीति को देशहित में सफलतापूर्वक लागू किया। विश्व बंधुत्व और शांतिपूर्ण सहअस्तित्व के सिद्धांतों को सुदृढ़ कर भारत को विश्व के नक्शे पर महत्वपूर्ण स्थान दिलाया। इसे अलग-अलग कार्यक्रमों के जरिए लोगों तक पहुंचाना है।

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