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कांकेर का कारनामा: लोगों के जरूरी काम निपटाने के लिए लगता है ग्रामीण सचिवालय, यहां आय-जाति-निवास के साथ नए राशन कार्ड भी बनते हैं, दिल्ली में मिला पुरस्कार

कलेक्टर को आत्मनिर्भर भारत समिट में इलेट्स इनोवेशन अवार्ड दिया गया

कांकेर का कारनामा: लोगों के जरूरी काम निपटाने के लिए लगता है ग्रामीण सचिवालय, यहां आय-जाति-निवास के साथ नए राशन कार्ड भी बनते हैं, दिल्ली में मिला पुरस्कार
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By NPG News

रायपुर, 20 अप्रैल 2022। आत्मनिर्भर भारत समिट में कांकेर जिले को डिजिटल गवर्नेंस में उत्कृष्ट कार्य के लिए राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित इलेट्स इनोवेशन अवार्ड से सम्मानित किया गया है। कांकेर कलेक्टर चंदन कुमार ने बताया कि दिल्ली में आयोजित आत्मनिर्भर भारत समिट में डिजिटल गवर्नेंस श्रेणी के तहत कांकेर पंचायत सचिवालय परियोजना को यह पुरस्कार दिया गया है। पंचायत सचिवालय के माध्यम से जिला प्रशासन प्रौद्योगिकी का प्रयोग कर लोगों की बेसिक जरूरतों को आसानी से हल कर रहा है।

ऐसे काम करता है कांकेर का ग्रामीण सचिवालय

जिला प्रशासन ने जुलाई 2021 से ग्रामीण सचिवालय को सक्रिय किया। सभी ग्राम पंचायतों में नियमित रूप से निर्धारित दिवस को 'ग्रामीण सचिवालय' का आयोजन किया जाता है। ग्रामीण सचिवालय में जाति, आय एवं निवास प्रमाण पत्र, जन्म-मृत्यु पंजीयन, विवाह पंजीयन, अविवादित नामांतरण, पेंशन, वृद्धा पेंशन, विधवा पेंशन का बैंक सखियों के द्वारा मौके पर ही वितरण, नए पेंशन प्रकरणों की स्वीकृति, गांव में हैंडपंप, बिजली से संबंधित शिकायतों का निराकरण, ग्राम पंचायत में मनरेगा के कार्य एवं अन्य निर्माण कार्यों के मांगों का निराकरण, मनरेगा मजदूरी भुगतान का निराकरण, नए राशन कार्ड बनाना, राशन कार्ड में नए नामों को जोड़ना इत्यादि कार्य संपादित किए जाते हैं। साथ ही शासन की योजनाओं की जानकारी और उससे संबंधित हितग्राहियों का चयन भी ग्रामीण सचिवालय में किया जा रहा है।


जिला प्रशासन द्वारा सभी ग्रामीण सचिवालय के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं, जिनके द्वारा सतत रूप से मॉनिटरिंग की जाती है। संबंधित क्षेत्र के मैदानी स्तर के अधिकारी-कर्मचारी भी ग्रामीण सचिवालय में उपस्थित रहते हैं। सचिवालय में प्राप्त आवेदनों का मौके पर निराकरण किया जाता है।

पंचायत सचिवालय मोबाइल एप भी

ऐसे आवेदन जिनका निराकरण ग्रामीण सचिवालय स्तर पर नहीं किया जा सकता उन्हें 'पंचायत सचिवालय मोबाइल एप' में एंट्री कर संबंधित विभाग को निराकरण के लिए प्रेषित किया जाता है। इस मोबाइल एप को जिला सूचना विज्ञान अधिकारी पीसी वर्मा द्वारा तैयार किया गया है। ग्रामीण सचिवालय के माध्यम से जिले में माह जुलाई 2021 से सितंबर तक 9072 ऑफलाइन आवेदनों का निराकरण किया गया है। इसके अलावा अब तक 3110 ऑनलाइन आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिसमें से 2806 आवेदनों का निराकरण किया जा चुका है। इस प्रकार ग्रामीण सचिवालय के माध्यम से जिले में अब तक 11878 आवेदनों का निराकरण किया जा चुका है।

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