शिक्षक भर्ती जांचः राज्य सरकार द्वारा शिक्षकों की भर्ती में गड़बड़ी की जांच के आदेश से स्कूल शिक्षा विभाग में हड़कंप, कई जिला शिक्षा अधिकारियों पर लटकी तलवार
रायपुर, 10 फरवरी 2022। स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती और प्रतिनियुक्ति में व्यापक गड़बड़ियों की जांच के आदेश से शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। सूबे के आधा दर्जन से अधिक जिलों में जिला शिक्षा अधिकारियों ने सरकार के डी्रम प्रोजेक्ट में पलीता लगाते हुए बड़ा खेल कर दिया। प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा के जांच के आदेश के बाद अब कई जिला शिक्षा अधिकारियों पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है। ज्ञातव्य है, शिक्षकों की भर्ती में शिकायतों को राज्य सरकार ने गंभीरता से लेते हुए ज्वाइंट डायरेक्टरों से 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट तलब की है। उधर, स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ0 आलोक शुक्ला ने कहा है जांच के आदेश दिए गए हैं...गड़बड़ी पाई गई तो निश्चित तौर पर कार्रवाई होगी।
छत्तीसगढ़ के सबसे लोकप्रिय साप्ताहिक स्तंभ तरकश में सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट आत्मानंद अंग्रेजी स्कूलों में शिक्षकों की गोलमाल पर खबर दी थी। तरकश में लिखा था कि प्रदेश के कई जिलों में डीईओ प्रतिनियुक्ति में बड़ा खेल कर रहे हैं। दूसरे जिलों से प्रतिनियुक्ति पर शिक्षकों को लिया जा रहा है और इसके लिए बकायदा रेट खोल दिया गया है। आसपास के जिलों के लिए डेढ़ लाख और दूरस्थ जिलों से डेपुटेशन के लिए ढाई लाख रुपए। तरकश की खबर के बाद सरकार हरकत में आई। और आज लोक शि़क्षण संचालनालय से ज्वाइंट डायरेक्टरों को लेटर भेज 24 घंटे में रिपोर्ट तलब की गई। पत्र की गंभीरता को देखते ज्वाइंट डायरेक्टरों ने आज ही जिला शिक्षा अधिकारियों से कल तक रिपोर्ट देने का आदेश जारी कर दिया।
स्कूल शिक्षा विभाग के पत्र में कहा गया है कि प्रतिनियुक्ति में वरिष्ठता और अंग्रेजी में दक्षता के आधार पर ही प्रस्ताव भेजने का निर्देश दिया गया था, मगर इसका पालन नहीं किया गया। साथ ही संबंधित जिले में शिक्षकों की उपलब्घता होने के बाद भी दूसरे जिलों से क्यों शिक्षकों की भरती की गई। कितने शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति के लिए राज्य शासन से अनुमोदन कराया गया। डीपीआई ने अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में भरती शिक्षकों की पूरी कुंडली मंगा ली है। पत्र में दो टूक कहा गया है कि नियत समय पर रिपोर्ट न भेजने पर संबंधित जिले के डीईओ इसके जिम्मेदार होंगे।
उधर, स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ0 आलोक शुक्ला ने एनपीजी न्यूज से कहा कि मामले में मिली शिकायतों के आधार पर जांच कराई जा रही है। अगर कोई दोषी पाया जाएगा तो निश्चित तौर पर कार्रवाई की जाएगी।
बहरहाल, स्कूल शिक्षा विभाग की जांच के आदेश से उन शिक्षकों में हड़कंप मच गया है, जो पैसे देकर डेपुटेशन पर शहरों में अपनी पोस्टिंग करा ली थी। चूकि, दूरस्थ इलाकों में पोस्टेड शिक्षकों का ट्रांसफर हो नहीं रहा। सो, शार्ट कट रास्ता अख्तियर करते हुए शहरों में पोस्टिंग पाने के लिए अंग्रेजी स्कूलों में डेपुटेशन का रास्ता निकाला गया।
ये खेल उन अंग्रेजी स्कूलों में किया गया, जो न केवल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का ड्रीम प्रोजेक्ट है, बल्कि वे कई मौके पर अधिकारियों को कह चुके हैं कि स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी स्कूलों के गुणवता से कोई समझौता न किया जाए। उन्होंने यहां तक कहा था कि मैं भी अगर कोई सिफारिश करूं तो उसे नहीं सुना जाए। इसे समझा जा सकता है कि अंग्रेजी स्कूलों को लेकर वे कितने संजीदा हैं। प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला ने भी कलेक्टरों से कहा था कि अंग्रेजी स्कूल छत्तीसगढ़ के पहचान बनेंगे, ये मानकर इस पर काम किया जाए। मगर खटराल जिला शिक्षा अधिकारियों ने इस ड्रीम प्रोजेक्ट को पलीता लगाने का काम प्रारंभ कर दिया है। कई जिलों में अंग्रेजी स्कूलों के नोडल अधिकारियों को पता ही नहीं चला और डीईओ ने खेल कर दिया।