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सिस्टम का दोष: जर्जर सड़क पर एंबुलेंस का टायर बर्स्ट हुआ, स्टेपनी नहीं थी; घायल युवक की रास्ते पर ही मौत

बगीचा सीएचसी में खस्ताहाल एंबुलेंस, डॉक्टर नहीं होने जैसी समस्याओं पर दो दिन पहले ही लोगों ने प्रदर्शन किया था।

सिस्टम का दोष: जर्जर सड़क पर एंबुलेंस का टायर बर्स्ट हुआ, स्टेपनी नहीं थी; घायल युवक की रास्ते पर ही मौत
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By NPG News

जशपुर, 09 जून 2022। सीएचसी में डॉक्टर नहीं होने, एंबुलेंस की खस्ताहाल स्थिति और अन्य समस्याओं को लेकर बगीचा के लोगों ने प्रदर्शन कर प्रशासन का ध्यान आकर्षित कराया। कलेक्टर ने आश्वासन दे दिया, लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ। नतीजतन, गुरुवार को एक युवक ने बीच रास्ते में तड़प-तड़प कर जान दे दी। दरअसल, घायल युवक को इलाज के लिए बगीचा सीएचसी से अंबिकापुर ले जाया जा रहा था। रास्ते में एंबुलेंस का टायर बर्स्ट हो गया। आपातकालीन सेवाओं की दुर्दशा का आलम ऐसा है कि एंबुलेंस में स्टेपनी भी नहीं थी। अब परिजन मौत के लिए एंबुलेंस को दोषी ठहरा रहे हैं तो एंबुलेंस का संचालन करने वाली कंपनी जर्जर सड़क को जिम्मेदार बता रही है।

बगीचा ब्लॉक के सरईपानी निवासी 32 साल के भगत राम को गुरुवार को सुबह बाइक सवार ने ठोकर मार दी। इससे भगत राम गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे बगीचा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्राथमिक उपचार के बाद उसे अंबिकापुर रेफर कर दिया गया। 108 संजीवनी एंबुलेंस में परिजन उसे अंबिकापुर के लिए रवाना हुए।

बगीचा और अंबिकापुर के बीच चेन्द्रा गांव के पास एंबुलेंस का टायर फट गया। परिजनों ने जब एंबुलेंस के ड्राइवर से पूछा, तब पता चला कि उसमें स्टेपनी ही नहीं है। इसके बाद एंबुलेंस का संचालन करने वाली कंपनी के कंट्रोल रूम को खबर दी गई। कंपनी ने दूसरी एंबुलेंस को भेजी, लेकिन पहुंचने में इतना समय लग गया कि गर्मी से बेहाल भगत राम ने समय पर इलाज नहीं मिल पाने के कारण अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया।

परिजनों का आरोप है कि एंबुलेंस का टायर नहीं फटता को जान बच जाती। वहीं एंबुलेंस का संचालन करने वाली यूनी एक्सप्रेस कंपनी के पीआरओ अमित वर्मा का कहना है कि खराब सड़क के कारण टायर बर्स्ट हुआ। दूसरी एंबुलेंस तो 10 मिनट में पहुंच गई थी। लोगों में इस घटना को लेकर इसलिए नाराजगी है, क्योंकि दो दिन पहले ही इन्हीं अव्यवस्थाओं की ओर ध्यान दिलाने के लिए उन्होंने प्रदर्शन किया था। कलेक्टर ने सुधार का आश्वासन भी दिया था, लेकिन बाद में ध्यान नहीं दिया गया।

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