जशपुर। स्वामी आत्मानंद विद्यालय जशपुर के अवलोकन के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि सबसे सुंदर स्कूल में एक है यहां का स्कूल। जिला प्रशासन को बधाई। पुराना वैभव लौट आया है।
सभी जिलों में एक- एक हिन्दी उत्कृष्ट विद्यालय स्कूल खोलेंगे, मुझे यहां आकर अपने स्कूल की याद आ गई। स्कूल को देखकर मुझे मेरी पुरानी स्कूल की याद आ गई। उसकी खूबसूरती आज भी खोजता हूं। अब भी वहां जाता हूं तो पुराने बिल्डिंग को खोजता है।
यह पहला स्कूल है जहाँ स्विमिंग पूल है। उन्होंने कहा कि जशपुर की पहचान शिक्षा में हो। बच्चों से कहा उन्होंने कि ध्यान से पढ़ाई करें। माता पिता का नाम रोशन करें। राज्य का नाम रोशन करें।
यहां छात्र दीपरत्न रामटेके ने मुख्यमंत्री को उनकी माता के साथ की खुद की बनाई हुई स्केच भेंट की।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विजिटर बुक में लिखा के ब्रिटिश शासन काल सन 1934 में निर्मित यह स्कूल धीरे-धीरे अपना वैभव खो रहा था या यह कहें कि जीर्ण शीर्ण हो रहा था, लेकिन स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिंदी माध्यम स्कूल बनने के पश्चात इसका पुराना वैभव लौट आया है, सबको बधाई।
स्कूल में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का स्वागत बच्चों ने मनमोहक गीत एवं नृत्य के साथ किया। बच्चों के आग्रह पर मुख्यमंत्री भी उनके साथ अपने अंदाज में झूमे।
छात्राओं ने यहां मुख्यमंत्री के समक्ष "छतीसगढ़ के चार चिन्हारी नरवा, घुरवा गरवा, बाड़ी" गीत गाया।
बता दें, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज जशपुर के बालाछापर गौठान में स्वसहायता समूह की महिलाओं द्वारा संचालित तेल पेराई यूनिट का अवलोकन किया। उन्होंने समूह की महिलाओं से तिलहन फसलों से तेल निकालने और उनकी बिक्री के बारे में जानकारी ली। समूह की महिलाओं ने अपने हाथों से तेल पराई मशीन से तैयार तेल मुख्यमंत्री को भेंट किया।