Begin typing your search above and press return to search.

छत्तीसगढ़ में एक ऐसा अद्भूत विशाल शिवलिंग, जिसका आकार बढ़ता है हर साल...दर्शन करने दूर दूर से पहुंचते हैं भक्त

छत्तीसगढ़ में एक ऐसा अद्भूत विशाल शिवलिंग, जिसका आकार बढ़ता है हर साल...दर्शन करने दूर दूर से पहुंचते हैं भक्त
X
By NPG News

रायपुर 28 फरवरी 2022। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में एक ऐसा शिवलिंग हैं जिसकी मान्यता ज्योतिर्लिंग की ही तरह ही है। भूतेश्वर महादेव एक अर्धनारीश्वर प्राकृतिक शिवलिंग है। जो राजधानी रायपुर से 90 किमी दूर गरियाबंद के घने जंगलों में बसा है। आज हम इसी शिवालय के बारे में बताते है, जो पिछले कुछ सालों में देशभर के शिवभक्तों में काफी चर्चा में रहा है।

भूतेश्वर महादेव छत्तीसगढ़ में मौजूद सबसे बड़ा शिवलिंग माना जाता है। इस शिवलिंग की सबसे खास बात यह है कि हर साल इसका आकार बढ़ता है। स्थानीय लोगों के मुताबिक पहले यह शिवलिंग छोटा था। धीरे-धीरे इसकी ऊंचाई एवं गोलाई बढ़ती जा रही है। श्रध्दालुओं का मानना है कि शिवलिंग हर साल करीब 10 इंच बढ़ता है। शिवलिंग जमीन से लगभग 85 फीट ऊंचा और 105 फीट गोलाकार है। भूतेश्वर नाथ महादेव को भकुर्रा महादेव के नाम से भी जाना जाता हैं। छत्तीसगढ़ की भाषा मे हुँकारना (आवाज़ देना) की ध्वनि को भकुर्रा कहा जाता हैं। इसलिए भूतेश्वर महादेव को भकुर्रा महादेव के नाम से भी पुकारा जाता हैं।

यह भी किंवदंती हैं कि इनकी पूजा छुरा नरेश बिंद्रनवागढ़ के पूर्वजों द्वारा की जाती रही हैं। बताया जाता है कि शिवलिंग पर एक हल्की सी दरार भी है, जिसके कारण लोग इसे अर्धनारीश्वर का स्वरूप भी मानते हैं।

भूतेश्वर महादेव शिवलिंग स्वयं-भू शिवलिंग है, क्युंकी इस शिवलिंग की उत्पत्ति व स्थापना के विषय मे आज भी कोई सटीक तर्क मौजूद नहीं है। परंतु जानकारों व पूर्वजो के अनुसार कहा जाता हैं, कि इस मंदिर की खोज लगभग 30 से 40 वर्ष पहले हुई थी। जब चारो तरफ घने जंगल थे। इन घने जंगलो के बीच मौजूद एक छोटे से टीले से, आसपास के गाव वालो को किसी बैल के हुँकारने की आवाज़ आती थी। परंतु जब ग्रामीण वासियो द्वारा टीले पर जाकर देखा गया तो वहाँ न ही कोई बैल था और न ही कोई अन्य जानवर । ऐसी स्थिति को देख धीरे-धीरे ग्रामीण वासियो की आस्था उस टीले के प्रति बढ़ती गयी और उन्होंने उसे शिव का स्वरूप मानकर पूजा अर्चना आरंभ कर दी। तभी से वह छोटा सा शिवलिंग बढ़ते-बढ़ते विशालतम शिवलिंग का रूप ले चुका है। अब इसे भक्तो की आस्था कहे या भगवान का चमत्कार, तब से लेकर अब तक शिवलिंग का बढ़ना जारी है।

सावन मास मे यहाँ आपको विशेष रूप से भक्तो की भीड़ नज़र आयेगी। भक्तजन दूर- दूर से बाबा का चमत्कार देखने व दर्शन करने आते है। कावड़ियों के लिए यहाँ विशेष रूप से व्यवस्था की गयी है, इसके साथ ही साथ शिवरात्रि मे यहाँ तीन दिवसीय मेले का आयोजन किया जाता हैं। भूतेश्वर नाथ, पंच भूतो के स्वामी है और भक्तजन महाशिवरात्रि को यहाँ पहुँच कर अपने आप को काफी सौभाग्यशाली मानते हैं।

सावन के महीने में हर साल यहां भव्य मेले का आयोजन किया जाता है। जहां दूर दूर से महादेव के भक्त उनकी अराधना करने पहुंचते हैं। इस जगह की मान्यता इतनी है कि यहां केवल छत्तीसगढ़ से ही नहीं बल्कि दूसरे राज्यों से भी भक्त पहुंचते हैं। इसके साथ ही सावन के दौरान प्रत्येक सावन सोमवार को कांवरिए भगवान को जल चढ़ाने सुबह से आने लगते हैं।

भूतेश्वर नाथ महादेव के पीछे भगवान शिव की प्रतिमा स्थित है, जिसमे भगवान शिव, माता पार्वती, भगवान गणेश, भगवान कार्तिक, नंदी जी के साथ विराजमान है। इस शिवलिंग मे हल्की सी दरार भी है, इसलिए इसे अर्धनारीश्वर के रूप मे पूजा जाता हैं। इस शिवलिंग का बढ़ता हुआ आकार आज भी शोध का विषय है।

Next Story