SP ने 11 लोगों के साथ मिलकर 2021 में किया था फर्जी एनकाउंटर!... IPS सहित 11 पुलिसकर्मी दोषी, जानिए पूरा मामला
लखनऊ। रामपुर के पूर्व एसपी शगुन गौतम समेत 11 पुलिसकर्मी फर्जी मुठभेड़ मामले में फंस गए हैं। डीआईजी की जांच में रामपुर के पूर्व एसपी शगुन गौतम समेत 11 पुलिसकर्मी शराब व्यापारी के फर्जी एनकाउंटर और वसूली के खेल में दोषी पाए गए हैं। डीआईजी ने अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप दी है।
मुठभेड़ का यह मामला छह अप्रैल 2011 का है। उस समय आईपीएस शगुन गौतम रामपुर के एसपी थे। रामपुर पुलिस ने शराब तस्करों के साथ मुठभेड़ का दावा करते हुए 32 लाख रुपये की शराब से भरा कैंटर भी पकड़ा था। पुलिस ने रामपुर जनपद के सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के ज्वाला नगर की कृष्णा विहार कालोनी निवासी संजीव गुप्ता, रामपुर के थाना कोतवाली के मोहल्ला चादर वाला निवासी अमन भाटिया, रामपुर के सिविल लाइंस थाना क्षेत्र की मक्का मिल कालोनी निवासी राजीव कुमार, हरियाणा के भिवानी जनपद के सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के बर्तन बाजार बंशीपाना निवासी राहुल कुमार, बरेली के बहेड़ी थाना क्षेत्र के ग्राम चुरैला निवासी मनोहर लाल को मौके से गिरफ्तार करने का दावा किया था।
आरोपियों को जेल भेज दिया गया था। कुछ समय बाद आरोपी जमानत पर रिहा हो गए थे। इसके बाद संजीव गुप्ता ने पूरे मामले की शिकायत मुख्यमंत्री से की थी। उन्होंने आईपीएस शगुन गौतम पर आरोप लगाते हुए तमाम साक्ष्य भी पेश किए थे। संजीव ने शगुन गौतम के इशारे पर उन्हें झूठा फंसाए जाने का आरोप लगाया था। संजीव का कहना था कि उनसे 10 लाख रुपये ले लिए और फर्जी मुठभेड़ दिखाकर जेल भी भेज दिया। मामला मुख्यमंत्री तक पहुंचा तो जांच के आदेश दिए गए। मामले की जांच शासन ने डीआईजी शलभ माथुर को सौंपी थी।
डीआईजी शलभ माथुर ने जांच शुरू की तो सबसे पहले व्यापारी संजीव गुप्ता को बयान के लिए बुलाया गया। संजीव गुप्ता ने 4 अप्रैल 2021 की रात 11:30 अपने घर पर लगे सीसीटीवी कैमरे की रिकॉर्डिंग डीआईजी को सौंपी। जिसमें एसओजी की टीम संजीव गुप्ता को घर से ले जाते हुए दिखाई दे रही है। इसके बाद संजीव गुप्ता ने एसपी रामपुर शगुन गौतम से हुई अपनी बेटी की बातचीत की रिकॉर्डिंग दी। जिसमें उनकी बेटी एसपी के पर्सनल नंबर पर कॉल कर बता रही है कि पुलिस उसके पिता को आधी रात में बिना कुछ बताए उठा ले गई है।
संजीव गुप्ता ने आईपीएस शगुन पर सीधे आरोप लगाया कि घर से उठाने के बाद एसओजी की टीम उसे सीधे एसपी साहब के पास ले गई। जहां पर उससे ₹10 लाख रुपये मांगे गए. परिवार से 10 लाख मंगाकर व्यापारी ने पुलिस को दे भी दिए अगले दिन उसे आबकारी अधिनियम और पुलिस मुठभेड़ के फर्जी मुकदमे में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
बताया जा रहा है कि DIG मुरादाबाद शलभ माथुर ने इस मुठभेड़ की जांच रिपोर्ट शासन को सौंप दी है। साथ ही जांच में पूर्व एसपी रामपुर शगुन गौतम समेत 11 पुलिसकर्मी दोषी पाए जाने की खबर सामने आई हैं. इन सभी पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की संस्तुति कर दी गई है।