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Shivaratri ki Puja: सावन में शिवरात्रि का जलाभिषेक कब करें, जानिए कैसे करें शिव का जलाभिषेक, होगा सर्वकल्याण

Shivaratri ki Puja: सावन में शिवरात्रि का जलाभिषेक कब करें, जानिए कैसे करें शिव का जलाभिषेक, होगा सर्वकल्याण
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By NPG News

Shivaratri ki Puja: सावन शिवरात्रि इस मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। सावन भगवान शिव को समर्पित महीना है, इसलिए इस महीने में शिवरात्रि का व्रत अत्यंत शुभ माना जाता है।शिव सावन और शिवरात्रि की तिथि का गहरा संबंध है। ये सब भगवान शंकर को अतिप्रिय है। इस दिन सच्चे मन से और भक्ति भाव से शिव की पूजा की जाये तो भगवान शिव अतिशीघ्र प्रसन्न होते हैं। इसके पीछे मान्यता है कि कृष्ण पक्ष की शिवरात्रि जिसमें चतुर्दशी तिथि भी होती है व्रत रखा जाता है। इस बार सावन की शिवरात्रि 26 जुलाई को है।

जो कांवड़िये होते हैं या कोई भी शिवभक्त शिवरात्रि पर खासकर सावन की शिवारात्रि पर पूजा व्रत करें तो अतिप्रसन्न होते है। भगवान शिव को कृष्ण पक्ष की शिवरात्रि या कहे तेरस त्रयोदशी बहुत प्रिय है।

शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त

सावन की शिवरात्रि 26 जुलाई को मनाई जाएगी। इस दिन मंगलवार है आद्रा - और पुनर्वसु नक्षत्र और हर्षण योग में त्रयोदशी की पूजा होगी। साथ में चंद्रमा मिथुन राशि में रहेंगे। पूजा के लिए शुभ मुहूर्त श्रावण चतुर्दशी की तिथि 26 -27 जुलाई को त्रयोदशी 06:46 PM तक उसके बाद चतुर्दशी तक रहेगी। इसलिए सावन की शिवरात्रि 26 जुलाई को ही मनाई जाएगी।

पूजा का समय -सुबह 05:40 से 08:25 तक, शाम19:28 से 21:30 तक, 21:30 से 23:33 तक,

, अभिजीत मुहूर्त - 12:07 PM से 12:59 PM,अमृत काल –04:53 PM से 06:41 PM,विजय मुहूर्त- 02:18 PM से 03:12 PM,निशिता काल- 11:43 PM से 12:26 AM, July 27

शिवरात्रि व्रत पारण मुहूर्त – 27 जुलाई 2022 की सुबह 05. 41 AM मिनट से – 3. 52 PM तक।

शिवरात्रि की पूजा विधि

इस दिन सुबह स्नान के बाद सच्चे मन से दुध, दही, फल-फूल, धतूरे से शिव की पूजा करते हैं, उनके हर कष्ट दूर होते है। सुबह के समय जल्दी उठ कर अपने स्नान के जल में दो बूंद गंगाजल डालकर स्नान करें। पूजा की थाली में रोली मोली चावल धूप दीप सफेद चंदन सफेद जनेऊ कलावा रखना चाहिए। पीला फल, सफेद मिष्ठान्न गंगा जल तथा पंचामृत से शिव भगवान की पूजा-अर्चना करनी चाहिए। गाय के घी का दीपक जलाना चाहिए। आसन पर बैठकर शिव मंत्रों का जाप करना चाहिए। शिव चालीसा का पाठ करें, इससे शांति, सुरक्षा, सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

शिवरात्रि का जलाभिषेक

इस दिन भगवान शिव को गंगाजल से रुद्राभिषेक करना उत्तम माना गया है। हर पाप से छुटकारा मिलता है।

इस दिन भगवान शिव को पंचामृत से अभिषेक करने पर ग्रह बाधा दूर होती है.

इस दिन भगवान शिव को गन्ने के रस से रुद्राभिषेक करें ,धन लाभ, कर्ज से मुक्ति मिलेगी।

शिवरात्रि के दिन भगवान शिव को सरसों के तेल शिवलिंग पर अर्पित करें ।शनि के दुष्प्रभाव से राहत मिलती है।

इस दिन भगवान शिव को जल चढ़ाने से शांति मिलती है और अक्षय पुण्य मिलता है।

इस दिन दूध से भगवान शिव का रुद्राभिषेक करने पर संतान सुख प्राप्त होता है।

इस दिन भगवान शिव को दही से रुद्राभिषेक करने पर सर्वकार्य सिद्धि का वरदान मिलता है।

इस दिन भगवान शिव शहद से रुद्राभिषेक करने से व्‍यक्ति का समाज में मान-सम्मान बढ़ता है।

इस दिन भगवान शिव पर इत्र से रुद्राभिषेक करें। इससे तनाव दूर होगा और जीवन में शांति आएगी।

शिवरात्रि पर घी से रुद्राभिषेक करे। इससे अच्छी सेहत का आशीर्वाद मिलता है।

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