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शिक्षकों ने गिनाए 80 काम, बताया ये है निकम्मे शिक्षकों का काम, कहा- इतना प्रयोग तो प्रयोगशाला में भी नहीं

प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला ने राज्य स्तरीय वेबिनार में शिक्षकों को संबोधित करते हुए निकम्मा शब्द का प्रयोग किया था।

शिक्षकों ने गिनाए 80 काम, बताया ये है निकम्मे शिक्षकों का काम, कहा- इतना प्रयोग तो प्रयोगशाला में भी नहीं
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By NPG News

रायपुर। शिक्षकों के राज्य स्तरीय वेबिनार में करीब 20 हजार शिक्षकों को संबोधित करते हुए प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला द्वारा निकम्मा शब्द के प्रयोग के बाद शिक्षकों में नाराजगी बढ़ती जा रही है। शिक्षकों का सीधा सा सवाल है कि पढ़ाई के नाम पर इतने सारे प्रयोग किए जा रहे हैं और इतने सारे दस्तावेजी काम हैं कि पढ़ाई कराना आसान नहीं है। शिक्षकों ने ऐसे करीब 80 काम गिनाए हैं और कहा है कि ये निकम्मे शिक्षकों का काम है। साथ ही, यह टिप्पणी भी की है कि इतने प्रयोग तो प्रयोगशाला में भी नहीं होते।

पहले उन कार्यक्रमों और योजनाओं को पढ़ें...

सरल कार्यक्रम 2. 100 दिवसीय वीसी पठन कौशल 3. अंगना में शिक्षा 4. एकलव्य, जवाहर उत्कर्ष, नवोदय तैयारी 5. मूल्यांकन और ऑनलाइन एंट्री 6. टीकाकरण ड्यूटी 7. शिविर ड्यूटी 8. जाति प्रमाण पत्र, छात्रवृति 9. विभिन्न ऑनलाइन वेबिनार 10. संबल सीख कार्यक्रम (बलरामपुर जिला) 11. सेतु पाठ्यक्रम 12. लर्निंग आउटकम 13. शून्य निवेश 14. पढ़ाई तुंहर द्वार 15. FLN निष्ठा प्रशिक्षण 16. ड्राप आउट 17. UDISE 18. विभिन्न गूगल फॉर्म भरना 19. DBT 20. PFMS 21. आमाराइट 22. खिलौना बनाना 23. भाषा एकरूपता (जैसे गुजराती शब्द सीखना) 24. नव जतन 25. GP एप्प 26. शाला सिद्धि 27. मिशन स्टेटमेंट 28. SDP 29. बुलटू के बोल 30. SMS शिक्षण 31. Toy फेयर 32. साहित्यिक भाषा धरोहर (लोकल भाषा जैसे कुँड़ुख में कहानी लिखना) 33. PLC 34. डिजिटल कंटेंट अपलोड 35. मिस्ड कॉल गुरुजी 36. हस्तपुस्तिका 37. लक्ष्य वेध 38. हमर लइका हमर जिम्मेदारी 39. असर प्रोग्राम 40. NAS परीक्षा 41. Chalk lit प्रशिक्षण 42. बालवाड़ी 43. विद्यांजली 44. टीम्स टी विद्यार्थी एंट्री 45. राशन कार्ड 46. मतदाता सूची 47. पेंशन 48. मिना मंच 49. एडेप्ट्स 50 . शैक्षणिक कोना रीडिंग कॉर्नर 51. प्रयास की तैयारी 52. इको क्लब 53. संपर्क फाउंडेशन 54 . इतना तो मेरे बच्चे कर ही सकते हैं कैंपेन 55. समर कैम्प 56. साफ सफाई दिवस 57. शाला सुरक्षा व्यक्तिगत सुरक्षा साप्ताहिक रिकॉर्ड 58. शाला प्रवेशोत्सव, संदेश वाचन 59. विभागीय योजनाओं का सप्ताहिक समीक्षा 60. MGML 61. मोहल्ला क्लास 62. रेडियो कार्यक्रम 63. योग दिवस 64. The Teacher App 65. Diksha App Traning 66. ekoshLite App 67. Ziiei- Innovation 68. My Gov App 69. MDM APP 70. चखना पंजी संधारण 71. सूखा राशन वितरण 72. चिक्की वितरण 73. निखार प्रशिक्षण 74. चर्चा पत्र (मासिक ) 75. LRP लर्निंग रिकवरी प्रोग्राम 76. महतारी दुलार योजना 77. हेलमेट दिवस 78. जनगणना 79. कोविड सर्वे 80. कोविड ड्यूटी।

छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने इन कार्यों के साथ सवाल किया है कि इन प्रयोगों के बीच शिक्षा की गुणवत्ता की बात की जाती है। अच्छा काम करने पर शिक्षकों को प्रोत्साहित करने के बजाय छोटी गलतियों के लिए हतोत्साहित किया जाता है। इतना काम करने के बावजूद निकम्मा शब्द का प्रयोग अनुचित है।

इधर, सर्व शिक्षक संघ के विवेक दुबे ने भी ये सवाल उठाए हैं-

-क्या शिक्षकों की ड्यूटी किसी अन्य विभाग के कार्य में लगाने से शिक्षा में गुणवत्ता आएगी?

-क्या शिक्षकों को जाति प्रमाण पत्र बनाने का दायित्व सौंप कर (जो कि राजस्व विभाग का कार्य है) शिक्षा में गुणवत्ता आएगी।

-क्या शिक्षकों का DA, HRA रोक कर, उन पर महंगाई का बोझ लाद कर, उनको मानसिक रूप से प्रताड़ित कर शिक्षा में गुणवत्ता लाया जा सकता है?

-शिक्षकों को समय पर क्रमोन्नति, पदोन्नति न देकर शिक्षा में गुणवत्ता लाया जा सकता है?

-क्या 5 कक्षाओं के लिए 2 या 3 शिक्षकों की नियुक्ति कर शिक्षा में गुणवत्ता लाया जा सकता है?

-क्या एक शिक्षा सत्र में 40 से 50 अलग-अलग योजनाएं संचालित कर शिक्षा में गुणवत्ता लाया जा सकता है?

-आपके वक्तव्यानुसार शिक्षा की जो दुर्गति हुई है, इसके लिए आप और आपके अधिकारियों की कोई जवाबदारी नहीं है?

-क्या शिक्षकों को निकम्मा बोलकर आप अपनी जिम्मेदारी से बचना चाहते हैं?

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