शिक्षकों की शिकायत शिक्षा मंत्री तक: टेकाम के पास शिकायत करने पहुंचे कर्मचारी नेता, कहा- प्रमुख सचिव को तुरंत हटाएं
रायपुर। स्कूल शिक्षा विभाग के वेबिनार से शुरू हुआ विवाद बुधवार को शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम तक जा पहुंचा। छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के नेताओं ने शिक्षा मंत्री को ज्ञापन देकर प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला को हटाने की मांग की है। इसके अलावा करीब चार और बिंदुओं की ओर शिक्षा मंत्री का ध्यान आकर्षित कराया है।
राज्य स्तरीय वेबिनार में प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला ने शिक्षकों के संबंध में निकम्मा शब्द का प्रयोग किया। इसके बाद से प्रदेशभर के शिक्षक और शिक्षक संघ आक्रोशित हैं। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन की बैठक में डॉ. शुक्ला के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया गया है। इधर, बुधवार को कर्मचारी नेताओं ने कई बिंदुओं पर शिक्षा मंत्री को ज्ञापन दिया है।
शिक्षा मंत्री को सौंपे गए ज्ञापन में पिछले सत्र में पढ़ई तुंहर द्वार, सौ दिन सौ कहानियां, विज्ञान गणित क्लब, आमा राइट, नवा जतन, सेतु पाठ्यक्रम, तीन तरह के आंकलन, विद्यार्थी विकास सूचकांक, गढ़बो नवा भविष्य, अंगना मा शिक्षा, भाषाई गणितीय कौशल विकास, पठन अभियान, शिक्षा के गोठ आदि कार्यक्रमों को उपलब्धिहीन बताते हुए इन कार्यक्रमों को लागू करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है।
कर्मचारी नेताओं ने कहा है कि वेबिनार के दौरान शिक्षा सचिव ने शिक्षा के गिरते स्तर के लिए शिक्षकों को जिम्मेदार ठहराया, जबकि राज्य के कई स्कूलों में शिक्षकों के पद रिक्त हैं, जिससे पढ़ाई प्रभावित हो रही है। कुछ मिडिल स्कूल के शिक्षकों को संकुल समन्वयक बनाकर विभाग द्वारा विभिन्न कार्य कराए जाते हैं, जिससे उनके विषयों का शिक्षण प्रभावित होना स्वाभाविक है।
इसी तरह राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत शिक्षकों से जनगणना, चुनाव व आपदा के अतिरिक्त कोई भी गैर शैक्षणिक कार्य नहीं कराना है, लेकिन जाति निवास व आय प्रमाण पत्र का काम भी शिक्षा सत्र से ही कराया जाता है। ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की गई है। इस दौरान छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष अजय तिवारी, संरक्षक विजय कुमार झा, महामंत्री उमेश मुदलियार, प्रांतीय उपाध्यक्ष विश्वनाथ ध्रुव, प्रांतीय सचिव आलोक जाधव, विमल चंद्र कुंडू प्रांतीय सयोंजक पी एच ई, विश्राम निर्मलकर आदि मौजूद थे।