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Sammed Shikhar : तीर्थस्थल सम्मेद शिखर के लिए एक और मुनि का देह त्याग, जैन रीति-रिवाजों से दी समाधि

Sammed Shikhar : तीर्थस्थल सम्मेद शिखर के लिए एक और मुनि का देह त्याग, जैन रीति-रिवाजों से दी समाधि
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By NPG News

NPG ब्यूरो। झारखंड स्थित जैन तीर्थस्थल सम्मेद शिखर को तीर्थस्थल घोषित करने के लिए एक और संत ने देह त्याग दिया। मुनि समर्थ सागर जयपुर के सांगानेर स्थित संघीजी दिगंबर जैन मंदिर में तीन दिन से आमरण अनशन कर रहे थे। इसी मंदिर में मुनि सुज्ञेय सागर महाराज ने 3 जनवरी को अपने प्राणों की आहुति दे दी थी। इसके बाद से ही मुनि समर्थ सागर ने अनशन की शुरुआत की। गुरुवार देर रात 1.20 बजे उन्होंने अपने देह त्याग दिया।

सम्मेद शिखर जी को पर्यटन स्थल घोषित करने के विरोध में पूरे देश में जैन समाज उद्वेलित है। इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने गुरुवार को ही पर्यटन और इको टूरिज्म एक्टिविटी के लिए विकसित करने का फैसला वापस ले लिया। केंद्र ने यह फैसला तीन साल पहले जारी किया था। हालांकि समाज इससे संतुष्ट नहीं है। समाज का कहना है कि जब तक केंद्र और राज्य सरकार पूरी तरह निर्णय नहीं लेगी, तब तक विरोध जारी रहेगा।


इधर, संत शशांक सागर ने कहा कि जब तक झारखंड सरकार सम्मेद शिखरजी को तीर्थ स्थल घोषित नहीं करेगी, तब तक मुनि इसी तरह बलिदान देते रहेंगे।

संघीजी मंदिर से विद्याधर नगर तक डोल यात्रा

मुनि समर्थ सागर ने देर रात अपने प्राण त्याग दिए। यह खबर मिलने के बाद सुबह से ही बड़ी संख्या में जैन समाज के लोग मंदिर पहुंचने लगे। संघीजी मंदिर से विद्याधर नगर तक मुनि की डोल यात्रा निकाली गई। इसके बाद जैन रीति रिवाज से समाधि दे दी गई। बता दें कि समर्थसागर महाराज आचार्य सुनील सागर महाराज के ही शिष्य हैं। इससे पहले जब सुज्ञेयसागर महाराज ने अपने प्राणों का बलिदान दिया था तब समर्थसागर ने धर्मसभा के दौरान अनशन का संकल्प लिया था और तब से वे उपवास पर चल रहे थे।

इससे पहले इसी मंदिर में जैन मुनि सुज्ञेयसागर महाराज ने मंगलवार को प्राण त्याग दिए थे। सम्मेद शिखर को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन चल रहा है। जयपुर में कुछ दिनों पूर्व ही सकल जैन समाज की ओर से मौन जुलूस निकाल कर विरोध प्रकट किया गया था। सकल जैन समाज (दिगंबर और श्वेतांबर) के बैनर तले हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए थे।

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