MLA कलेक्टर-एसपी का रिपोर्ट कार्ड: विधानसभा क्षेत्रों के दौरे में सीएम भूपेश लोगों से करेंगे वन-टू-वन बात, इसी से तय करेंगे परफॉर्मेंस
विधानसभा चुनाव से पहले सीएम स्वयं चेक करेंगे विधायकों का परफॉर्मेंस, इस आधार पर टिकट वितरण, अफसरों के तबादले सीएम के दौरे के बाद
रायपुर, 22 अप्रैल 2022। सीएम भूपेश बघेल 4 मई से विधानसभा क्षेत्रों के दौरे पर जाएंगे। पहले दौर का कार्यक्रम कार्यक्रम कर दिया गया है। 4 मई से 11 जून तक सीएम सरगुजा और बस्तर संभाग के दौरे पर रहेंगे। अलग-अलग तारीखवार कार्यक्रम तय किए गए हैं, लेकिन सीएम सचिवालय ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि कभी भी कार्यक्रम बदल जाएगा। सीएम पहले से प्रस्तावित विधानसभा क्षेत्र के बजाय किसी और जगह चले जाएंगे। इसकी खबर कुछ समय पहले कलेक्टर-एसपी को दी जाएगी, इसलिए सभी थाने, पुलिस चौकी, पुलिस लाइन में पर्याप्त संख्या में बल तैयार रखने कहा गया है, जिससे सीएम की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
सीएम का यह दौरा तय करेगा आने वाले डेढ़ साल के काम की गति
सीएम का सभी विधानसभा क्षेत्रों में दौरा इसलिए भी काफी अहम है, क्योंकि इसके आधार पर सरकार आने वाले डेढ़ साल में काम की गति तय करेगी। लोगों से जो भी फीडबैक आएंगे, उसके आधार पर जो कमियां हैं, उन्हें दूर किया जाएगा। जनप्रतिनिधियों के संबंध में जो भी रिपार्ट मिलेगी, उसके आधार पर री-प्लेसमेंट के लिए भी चेहरे तय किए जाएंगे और तैयार किए जाएंगे।
अफसर ही नहीं, विधायकों को भी अलर्ट रहने के निर्देश, क्योंकि...
सीएम बघेल के इस दौरे को लेकर कलेक्टर-एसपी ही नहीं, बल्कि विधायकों को भी अलर्ट रहने कहा गया है। दरअसल, अपने दौरे में सीएम जिस गांव में रुकेंगे, वहां उपलब्ध नागरिक सुविधाएं, सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की स्थिति, जिन योजनाओं में काम चल रहा है उनकी स्थिति, सरकारी दफ्तर का निरीक्षण करेंगे। ग्रामीणों और गांव के प्रमुख लोगों से वन टू वन बात करेंगे। जनप्रतिनिधियों से सीधी बात करेंगे। इस दौरान प्रभारी मंत्री और क्षेत्र के विधायक मौजूद रहेंगे। किसी एक जगह रात्रि विश्राम करेंगे। इस दौरान भी लोगों से बातचीत करेंगे। सुबह मीडिया से बातचीत करेंगे।
संभाग कमिश्नर, आईजी, कलेक्टर-एसपी के लिए निर्देश जारी
सीएम के एसीएस सुब्रत साहू ने सभी संभाग के कमिश्नर, आईजी, कलेक्टर व एसपी को निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्र के जिलों में सारी व्यवस्था, काम, लोगों की शिकायतों और लंबित मांगों की अग्रिम समीक्षा स्वयं करें और सीएम के प्रवास के पूर्व यथासंभव निराकरण की कोशिश करें, ताकि सीएम के दौरे में वन-टू-वन चर्चा और समीक्षा के दौरान अचानक शिकायत जैसी स्थिति न बने। यह भी कहा गया है कि सीएम मौके पर जो भी घोषणाएं करेंगे, लोगों की ओर से जो भी मांगें, शिकायतें आएंगी उनका रिकॉर्ड मेंटेन करें और तत्काल कार्यवाही करें। इसकी सूचना भी सीएम सचिवालय को भेजने के निर्देश दिए गए हैं।