बाबा के कट्टर समर्थक विधायक को मलाईदार कारपोरेशन में लाल बत्ती और मंत्री अमरजीत के करीबी व्यापारी के यहां जीएसटी का छापा....छत्तीसगढ़ की राजनीति 180 डिग्री पर घूम रही है?
रायपुर, 16 जनवरी 2022। राज्य सरकार ने कल सरगुजा इलाके के विधायक डॉ0 प्रीतम राम को छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कारपोरेशन सीजीएमएससी का चेयरमैन बनाया तो सियासी प्रेक्षकों को भी एकाएक विश्वास नहीं हुआ। प्रीतमराम सूबे के स्वास्थ्य और पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव के करीबी और विश्वस्त विधायक माने जाते हैं। ढाई-ढाई साल के दौरान जब सरगुजा के सारे विधायक दिल्ली में कैंप कर रहे थे, तब भी प्रीतम राम सरगुजा से हिले नहीं।
प्रीतम राम के साथ ही सिंहदेव के करीबी नीलाभ दुबे को सीजीएमएससी में डायरेक्टर बनाया गया। सियासी पंडितों का कहना है कि सरकार इन फैसलों के जरिये बड़ा मैसेज देना चाहती है। हालांकि, छत्तीसगढ़ की बदलती सियासी फिजाओं को समझने के लिए इन दो घटनाओं पर भी गौर करना जरूरी होगा। पहली, सरगुजा की राजनीति में सिंहदेव के धुर विरोधी माने जाने वाले खाद्य मंत्री अमरजीत भगत से जुड़ी है। खाद्य विभाग कुछ दिनों से महाराष्ट्र बॉर्डर पर पाटेकोहरा में समानांतर चेकपोस्ट बनाकर बायोडीजल टैंकरों पर कार्रवाई शुरू कर दिया था। बताते हैं, राज्य के एक बायोडीजल व्यापारी ने इस व्यवसाय में अपना वर्चस्व स्थापित करने खेल रचा और चेकपोस्ट पर संगठित गिरोह की तरह लठैत तैनात करवा दी। बाहर से आने वाले दूसरे व्यापारियों के टैंकरों को न केवल छत्तीसगढ़़ प्रवेश से रोका जा रहा था बल्कि छत्तीसगढ़ होकर उड़ीसा और बंगाल जाने वाले टैंकरों से 10 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से रंगदारी टैक्स वसूला जा रहा था। इसके तार बताते हैं खाद्य मंत्री के बंगले से जुड़ा था। सीएम हाउस को इसकी शिकायत मिली तो सरकार तुरंत हरकत में आई और कल षाम चेक पोस्ट हटवा दिया गया। उपर से मंत्री के करीबी बायोडीजल व्यापारी के यहां जीएसटी का छापा भी पड़ गया।
दूसरी घटना भी सरगुजा के ही मंत्री के साथ जुड़ी है। स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ0 प्रेम साय सिंह सिंहदेव खेमे से मंत्री हैं। बृहस्पति सिंह प्रकरण में सिंहदेव ने जब विधानसभा से बाहर निकल गए थे, तो उनके साथ प्रेम साय सिंह इकलौते विधायक और मंत्री थे, जो उन्हें पोर्च तक छोड़ने आए थे। उन्हीं प्रेमसाय के स्कूल षिक्षा विभाग के खिलाफ 366 करोड़ की डायरी केस पर बंवडर मचा तो लगा कि मंत्री की मुश्किलें अब बढ़ सकती है। राजनीतिक पंडितों ने भी माना कि ये गुटीय राजनीति का मामला है और इससे सिंहदेव खेमे की मुसीबतें बढ़ेगी। मगर हुआ इसके ठीक उलट। प्रेमसाय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मिलकर जांच की मांग की और सरकार के निर्देश पर रायपुर पुलिस ने 48 घंटे के भीतर मामले को सुलझाते हुए मंत्री प्रेमसाय के विभाग को क्लीन चीट दे दी। प्रेमसाय ने भी नहीं सोचा होगा कि उन्हें इतना फास्ट रिलीफ मिल जाएगा।
छत्तीसगढ़ की सियासत पर नजर रखने वाले लोग मानते हैं कि सरकार इन फैसलों और कार्रवाइयों के जरिये संदेश देना चाहती है कि सरकार में सबका सम्मान है। और जो गलत करेगा उसे बख्शा भी नहीं जाएगा।