रिकॉर्ड तोड़ कलेक्टरी: रेगुलर रिक्रूटेड IAS भी पिछड़े छत्तीसगढ़ के इस प्रमोटी अफसर से, क्या मुमकिन है ऐसा रिकॉर्ड
बीजेपी सरकार में मुंगेली जिले से की थी ओपनिंग। अब शानदार सातवें जिले के कलेक्टर बने डोमन सिंह।
रायपुर। छत्तीसगढ़ के आईएएस डोमन सिंह ने कलेक्टरी के मामले में अपना ही रिकॉर्ड एक बार और तोड़ दिया है। डोमन सिंह शानदार सातवें जिले के कलेक्टर बनाए गए हैं। रिकॉर्ड तोड़ कलेक्टरी के मामले में डोमन सिंह ने आरआर यानी रेगुलर रिक्रूटेड आईएएस अफसरों को भी पीछे छोड़ दिया है। छत्तीसगढ़ में रेगुलर रिक्रूटेड हों या प्रमोटी आईएएस सबने अधिकतम चार-चार जिले ही किए हैं। डोमन सिंह बीजेपी सरकार से लेकर अब तक शानदार पारी खेलकर सबको चौंका रहे हैं।
2009 बैच के प्रमोटी आईएएस अफसर डोमन सिंह ने इस साल जनवरी महीने में बलौदाबाजार भाठापारा कलेक्टर के रूप में जॉइन कर अपने ही पांच जिलों में कलेक्टरी का रिकॉर्ड तोड़ा था। इसके बाद तो ब्यूरोक्रेसी में यह चर्चा थी कि यहीं पर सफर का द एंड हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। ब्यूरोक्रेसी में एक के बाद एक छह जिलों में पोस्टिंग अब तक मुमकिन नहीं माना जाता था। इसके विपरीत डोमन सिंह को बलौदाबाजार भाठापारा के बाद अब सातवें जिले के रूप में राजनांदगांव जिले का कलेक्टर बनाया गया है।
इससे पहले डोमन सिंह को बीजेपी सरकार में कलेक्टरी का पहला मौका दिया गया था। कलेक्टर के रूप में उन्हें पहले मुंगेली, फिर कोरिया जिला मिला। कांग्रेस की सरकार बनी तो पहले कांकेर, फिर नए जिले गौरेला पेंड्रा मरवाही और उसके बाद महासमुंद कलेक्टर बने थे। गौरेला पेंड्रा मरवाही पूर्व सीएम अजीत जोगी का गृह जिला था। अब राजनांदगांव पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह का गृह जिला है।
वैसे पोस्टिंग के मामले में 2009 बैच थोड़ा अनलकी रहा। डॉ. प्रियंका शुक्ला और समीर विश्नोई एक-एक जिला ही कर पाए तो अवनीश शरण और अय्याज तंबोली दो-दो जिले के बाद डायरेक्ट्रेट पहुंच गए। समीर विश्नोई तो महज 11 महीने ही कोंडागांव कलेक्टर रह पाए थे। आज जारी लिस्ट में प्रियंका शुक्ला को एक बार फिर कलेक्टरी का मौका दिया गया है। इस तरह अब उनके नाम कम से कम दो जिले की कलेक्टरी का रिकॉर्ड रहेगा।
परदेशी और ठाकुर रामसिंह के नाम बड़े जिलों का रिकॉर्ड
इससे पहले चार जिलों की कलेक्टरी तो कई आईएएस अफसरों ने की है, लेकिन इससे ऊपर कोई नहीं जा पाया। चार जिले वाली कलेक्टरी में सुबोध सिंह, सोनमणि बोरा, सिद्धार्थ परदेशी, ठाकुर राम सिंह, पी. दयानंद, भीम सिंह और किरण कौशल शामिल हैं। इसमें सबसे बढ़िया कलेक्टरी सिद्धार्थ परदेशी और ठाकुर रामसिंह की रही। सिद्धार्थ कवर्धा, राजनांदगांव, बिलासपुर और रायपुर के कलेक्टर रहे। ठाकुर राम सिंह रायगढ़, दुर्ग, बिलासपुर और रायपुर। यानी चारों बड़े जिले। ठाकुर जैसी कलेक्टरी तो किसी डायरेक्ट आईएएस ने भी नहीं की। रायगढ़, दुर्ग, बिलासपुर और रायपुर छत्तीसगढ़ में कलेक्टरी के लिए टॉप के जिले माने जाते हैं। फिर भी संख्या की दृष्टि से प्रमोटी होने के बाद भी डोमन सिंह सबसे आगे निकल गए। प्रमोटी में राम सिंह और अशोक अग्रवाल को छोड़ दें तो बाकी सभी एक-एक, दो-दो जिले कर पैवेलियन लौट आए। सत्यनारायण राठौर को देखिए एक जिला। उसी तरह धर्मेश साहू भी नारायणपुर में एक साल भी पूरा नहीं कर पाए। कई प्रमोटी आईएएस तो कलेक्टर भी नहीं बन पाते। बालोद के रहने वाले डोमन सिंह ने ऐसा रिकॉर्ड बना दिया है कि उसका टूटना अब मुमकिन नहीं है।