Ram Mandir: रायपुर की इन दो मंदिरों का अयोध्या से है सीधा संबंध: एक की डिजाइन और दूसरे के निर्माण की टाइमिंग जोड़ा है अयोध्या से...
Ram Mandir: करीब 500 वर्षों के इंतजार के बाद अयोध्या में श्री राम जन्म भूमि पर राम लला विराजमान होने जा रहे हैं। पूरे देश में उत्सव का माहौल है। इस उत्सव में राम के ननिहाल छत्तीसगढ़ के लोग भी तन, मन और धन से जुटे हुए हैं। इन सबके बीच हम आपको रायपुर के ऐसे दो मंदिरों की कहानी बताने जा रहे हैं जिनका सीधा संबंध अयोध्या रामजन्म भूमि से है। एक मंदिर की टाइमिंग और दूसरे की डिजाइन अयोध्या से जोड़ती है।
Ram Mandir: रायपुर। छत्तीसगढ़ को राम का ननिहाल माना जाता है। रायपुर जिला के चंद्रखुरी में माता कौशिल्या का मंदिर है। कहा जाता है कि माता कौशिल्या का जन्म वहीं हुआ था। प्रचानी समय में छत्तीसगढ़ का नाम कौशल था। इतना ही नहीं दंडकारण्य भी इसी छत्तीसगढ़ में। श्री राम ने वनवास काल का सबसे लंबा समय इसी दंडकारण्य में बिताया था। राज्य में 100 से ज्यादा ऐसे स्थानों की पहचान की गई है, जहां वनवास के दौरान भगवान राम के चरण पड़े थे। यहां अंबिकपुर संभाग में सीता रसोई है तो बिलासपुर संभाग में माता शबरी का मंदिर। रायपुर संभाग में माता कौशिल्या और राजीव लोचन मंदिर है। बस्तर संभाग में रामाराम मंदिर है। यही वजह है कि छत्तीसगढ़ के लोगों की श्री राम के प्रति गहरी आस्था है।
यह सब प्राचीनकाल की बाते हैं, लेकिन मौजूदा दौर में भी छत्तीसगढ़ में ऐसा बहुत कुछ है जो इसे अयोध्या और श्रीराम से जोड़ता है। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में श्रीराम के दो ऐसे मंदिर हैं, जिनका सीधा संबंध आयोध्या से है। इनमें से एक मंदिर का निर्माण श्रीराम जन्मभूमि मंदिर आंदोलन के समय हुआ था। वहीं, दूसरे मंदिर की डिजाइन अयोध्या के लिए प्रस्तावित पहली मंदिर का है। एक मंदिर वीआईपी रोड पर है और दूसरी कृषि उपज मंडी के गेट के सामने।
श्रीराम जानकी मंदिर मंडी गेट
रायपुर के कृषि उपज मंडी गेट के सामने स्थित राम मंदिर का नाम श्रीराम जानकी मंदिर है। इस मंदिर का निर्माण 1992 में हुआ था, तब श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन देशभर में गरम था। इसमें दिलचस्प बात यह है कि इस मंदिर का निर्माण शुरू हुआ तब कृषि उपज मंडी के अध्यक्ष देवजी भाई पटेल थे। पटेल भाजपा की टिकट पर रायपुर की धरसींवा सीट से लगातार तीन बार विधायक रहे। वहीं, मंदिर के निर्माण और उद्घाटन के वक्त मोहम्मद अकबर मंडी के अध्यक्ष थे। मंदिर के निर्माण में मोहम्मद अकबर की भूमिका महत्वपूर्ण रही। इसी वजह से पुराने लोग इसे अकबर वाला श्रीराम जानकी मंदिर भी कहते हैं। अकबर कांग्रेस के नेता हैं। प्रदेश सरकार में मंत्री रह चुके हैं।
श्रीराम मंदिर वीआईपी रोड
वीआईपी रोड (एयरपोर्ट) रोड पर करीब 17 एकड़ क्षेत्र में बना श्रीराम मंदिर सभी के आकर्षण और आस्था का केंद्र है। इस मंदिर का निर्माण 2017 में पूरा हुआ था। इस मंदिर की खास बात यह है कि इसका मॉडल अयोध्या में प्रस्तावित श्रीराम मंदिर जैसा ही है। बता दें कि 1992 में राम मंदिर आंदोलन शुरू होने के साथ ही वहां बनने वाले मंदिर का मॉडल भी तैयार कर लिया गया था। उसी डिजाइन में कुछ बदलाव करके वहां नया मंदिर बना है।
वीआईपी रोड के श्रीराम मंदिर का डिजाइन अयोध्या के मंदिर की तरह है, इस वजह से यह देशभर में चर्चा रहा है। 3 फरवरी 2017 को मंदिर के प्राणप्रतिष्ठा समारोह में योगी आदित्यनाथ भी आए थे। उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद फिर योगी आदित्यनाथ रायपुर आए थे तब यहां के श्रीराम मंदिर का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि था कि ननिहाल में श्रीराम का मंदिर बन गया है तो अब जन्म स्थान पर भी शीघ्र ही बन जाएगा।