Begin typing your search above and press return to search.

President Draupadi Murmu Visit in Chhattisgarh: सेंट्रल यूनिवर्सिटी का दीक्षांत समारोह: महिला सशक्तिकरण और राष्‍ट्र गौरव को लेकर राष्‍ट्रपति ने कही यह बड़ी बात

President Draupadi Murmu Visit in Chhattisgarh:

President Draupadi Murmu Visit in Chhattisgarh: सेंट्रल यूनिवर्सिटी का दीक्षांत समारोह: महिला सशक्तिकरण और राष्‍ट्र गौरव को लेकर राष्‍ट्रपति ने कही यह बड़ी बात
X
By Sanjeet Kumar

President Draupadi Murmu Visit in Chhattisgarh: बिलासपुर। केंद्रीय विश्‍वविद्यालय के 10वें दीक्षांत (Convocation of Guru Ghasidas University) समारोह को संबोधित करते हुए राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि आज उपाधियां प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को मैं हार्दिक बधाई देती हूँ। उनके माता-पिता को भी मैं बहुत-बहुत बधाई। विद्यार्थियों की सफलता में योगदान देने के लिए प्राध्यापकों तथा विश्वविद्यालय टीम के सदस्यों की मैं सराहना करती हूं।

राष्‍ट्रपति ने कहा कि मुझे यह देखकर बहुत प्रसन्नता हुई है कि स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले 76 प्रतिशत विद्यार्थियों में छात्रों की संख्या 45 है। जो लगभग 60% है। विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों में भी छात्राओं की संख्या लगभग 47% है। छात्राओं के बेहतर प्रदर्शन के पीछे उनकी अपनी प्रतिभा लगन के साथ-साथ उनके परिवार जनों के साथ ही विश्वविद्यालय की टीम का योगदान भी है। मैं सभी सफलता के लिए उनको बहुत-बहुत बधाई देती हूँ।

राष्‍ट्रपति मुर्म ने कहा कि हमारे देश की कुल आबादी में महिलाओं की संख्या लगभग आधी है। मुझे बताया गया है कि इस विश्वविद्यालय द्वारा विद्यार्थियों की भागीदारी के साथ समाज सेवा के कार्य भी किए जाते हैं। मैं आशा करती हूं कि ऐसे कार्यों के अच्छे परिणाम सामने आए। शिक्षा के माध्यम से महिला सशक्तिकरण में अधिक योगदान होना चाहिए। हमारे देश के कुल आबादी में महिलाओं की आबादी आधी है। विश्वविद्यालय द्वारा विद्यार्थियों की भागीदारी के साथ समाज सेवा के कार्य भी किये जा रहे हैं। ये अच्छी बात है।

उन्‍होंने कहा कि विश्वविद्यालय के आसपास के क्षेत्र में आदिवासी समुदाय काफी है। राज्य की एक तिहाई आबादी जनजातीय है। जनजातीय समुदाय के प्रति संवेदनशीलता और महिलाओं की भागीदारी जैसे विषय बहुत महत्वपूर्ण है। विश्वविद्यालय द्वारा इस संबंध में अच्छा कार्य किया जा रहा है। जो देश विज्ञान और प्रौद्योगिकी को अपनाने में आगे रहेंगे, वे ज्यादा तरक्की करेंगे। इस विश्वविद्यालय में आधुनिक प्रयोगशालाएं स्थापित की जा रही है। मैं आशा करती हूँ कि उपयोगी अनुसंधान के माध्यम से अपनी पहचान विश्वविद्यालय दुनिया में स्थापित करे।

राष्‍ट्रपति ने कहा कि भारत ने अपना चंद्रयान 3 चाँद में भेजा है। बरसों से निष्ठा से इस पर काम होता रहा। मार्ग में आने वाली रूकावटों की परवाह न करते हुए हम सब बढ़ते रहे। यही जीवन में भी होता है। तात्कालिक असफलताओं से हताश नहीं होना चाहिए। आज भारत अपने वैज्ञानिकों एवं इंजीनियरों के प्रतिभा के बल पर स्पेस क्लब तथा न्यूक्लियर के क्षेत्र में प्रमुख स्थान बना चुका है। हमने कम लागत में यह कार्य किया है जिसे दुनिया में सराहा गया।

उन्‍होंने कहा कि कभी कभी इन क्षेत्रों में भारत को दुनिया में असहयोग का सामना करना पड़ा लेकिन भारत पीछे नहीं हटा और अपना लक्ष्य प्राप्त किया। चुनौतियाँ हमारे जीवन में आती हैं लेकिन यह नये मौके भी लाती है। हमारे देश की परंपराएं अत्यंत समृद्ध है और इन्हें बचाये रखने में अनेक विभूतियों की मेहनत है। इस विश्वविद्यालय का महत्व इसलिए भी है क्योंकि यहाँ गुरु घासीदास जी का नाम है। उन्होंने मनखे मनखे एक समान का संदेश दिया।

राष्‍ट्रपति ने कहा कि गुरु घासीदास ने सबकी समानता पर काम किया। समानता के आदर्शों पर चलकर ही युवा सुख के रास्ते पर चल सकते हैं और श्रेष्ठ समाज का निर्माण कर सकते हैं। रायपुर का हवाई अड्डा स्वामी विवेकानंद के नाम पर है। वे स्वाध्याय, खेलकूद को भी महत्व देते थे। स्वामी जी आत्मविश्वास की मूर्ति थे। स्वामी जी ने शिकागो में भारतीय संस्कृति की श्रेष्ठता का विश्वघोष किया था। उस समय भारत में गुलामी की मानसिकता अपने चरम पर थी। एशिया के लोग हीनता की भावना से ग्रस्त थे। ऐसे वातावरण में विवेकानंद ने भारत का नाम बढ़ाया। विश्व समुदाय के अग्रणी राष्ट्र में भारत की गणना होती है। स्वामी विवेकानंद के अद्भुत उदाहरण से प्रेरणा लेकर हमे युवा पीढ़ी को आगे बढ़ाना है। आज हमारा तिरंगा चाँद पर पहुँच चुका है। चाँद की सतह पर हमने शिवशक्ति की ऊर्जा पहुँचाई है। इस ऐतिहासिक उपलब्धि के विषय पर विश्वविद्यालय को कुछ आयोजन करने चाहिए ताकि समाज में साइंटिफिक टेंपर का विकास होता रहे। यह हमारे संविधान के मूल कर्तव्यों में शामिल है। हमारा देश अमृत काल में है। युवा संविधान में उल्लेखित मूल कर्तव्यों का पालन करेंगे तो समग्र विकास को जरूर गति मिलेगी।

Sanjeet Kumar

संजीत कुमार: छत्‍तीसगढ़ में 23 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। उत्‍कृष्‍ट संसदीय रिपोर्टिंग के लिए 2018 में छत्‍तीसगढ़ विधानसभा से पुरस्‍कृत। सांध्‍य दैनिक अग्रदूत से पत्रकारिता की शुरुआत करने के बाद हरिभूमि, पत्रिका और नईदुनिया में सिटी चीफ और स्‍टेट ब्‍यूरो चीफ के पद पर काम किया। वर्तमान में NPG.News में कार्यरत। पंड़‍ित रविशंकर विवि से लोक प्रशासन में एमए और पत्रकारिता (बीजेएमसी) की डिग्री।

Read MoreRead Less

Next Story