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Powers of Home Minister: कितना पॉवरफुल होता है गृह मंत्री: जानिए... किसी भी सरकार में दूसरे नंबर का पद माने जाने वाले गृह मंत्री की क्‍या हैं शक्तियां

Powers of Home Minister: किसी भी सरकार में मुख्‍यमंत्री के बाद सबसे पॉवरफुल पद गृह मंत्री का माना जाता है। गृह मंत्री प्रदेश की कानून-व्‍यवस्‍था की कमान संभालने वाली पुलिस के मुखिया होते हैं। यही वजह है क‍ि गृह मंत्री के पद को अन्‍य मंत्रियों की तुलना में महत्‍वपूर्ण माना जाता है।

Powers of Home Minister: कितना पॉवरफुल होता है गृह मंत्री: जानिए... किसी भी सरकार में दूसरे नंबर का पद माने जाने वाले गृह मंत्री की क्‍या हैं शक्तियां
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By Sanjeet Kumar

Powers of Home Minister: रायपुर। छत्‍तीसगढ़ में सरकार का गठन हो चुका है। सरकार में सीएम सहित 12 मंत्री शामिल हो चुके हैं। 9 मंत्रियों को शपथ लिए हुए करीब सप्‍ताहभर का समय गुजर चुका है, लेकिन अब तक मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा नहीं हुआ है। विभागों को लेकर अटकलों का दौर चल रहा है। सबसे ज्‍यादा चर्चा इस बात की हो रही है कि गृह मंत्री कौन बनेगा। छत्‍तीसगढ़ का अगला गृह मंत्री कौन होगा यह सीएम विष्‍णुदेव साय जब मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा करेंगे तब पता चलेगा। दोनों डिप्‍टी सीएम अरुण साव और विजय शर्मा से किसी एक को गृह मंत्री बनाए जाने की चर्चा है।

गृह मंत्री के पद को लेकर सबसे ज्‍यादा अटकले इस वजह से लगाई जा रही है क्‍योंकि गृह मंत्री का पद मुख्‍यमंत्री के बाद दूसरे नंबर का माना जाता है। प्रदेश पुलिस की पूरी कमान गृह मंत्री के हाथ में होती है। इसी वजह से गृह मंत्री के पद को सबसे पॉवरफुल माना जाता है। कानून के जानकारों की राय में शासन करने के तौर-तरीकों और कानूनों में हुए बदलाव के बाद अब गृह मंत्री का पद केवल कागजों में पॉवर फुल रह गया है। पहले सिपाही से लेकर एसपी तक का ट्रांसफर गृह मंत्री के हाथ में रहता था, लेकिन अब स्थिति बदल चुकी है। अब गृह मंत्री समीक्षा के नाम पर केवल अफसरों को टाइट कर सकते हैं।

छत्‍तीसगढ़ में 2007 में पुलिस अधिनियम लागू किया गया है। पुलिस एक्‍ट में हुए संशोधन के बाद अलग-अलग श्रेणी के कर्मियों और अफसरों के ट्रांसफर के अधिकारियों का विकेंद्रीकरण हो गया है। जिला के अंदर ट्रांफसर पूरी तरह एसपी के अधिकार क्षेत्र में होता है। कुछ मामलों में रेंज आईजी भी ट्रांसफर कर सकते हैं। पुलिस में सिपाही, हवलदार और एएसआई जिला कैडर के पद हैं। उप निरीक्षक (एसआई) और ऊपर रैंक के अफसरों का ट्रांसफर पुलिस स्‍थापना बोर्ड के माध्‍यम से होता है। अफसरों के अनुसार मुख्‍यमंत्री, गृहमंत्री या कोई अन्‍य मंत्री सिपाही सहित किसी भी पुलिस अफसर के खिलाफ अनुशासनात्‍मक कार्यवाकी अनुशंसा कर सकते हैं, लेकिन आदेश एसपी या पुलिस स्‍थापना बोर्ड की मंजूरी के बाद ही जारी होता है।

अब आयोग संचालित करता है पुलि‍सिंग का पूरा सिस्‍टम

नए कानून के तहत पुलिसिंग का पूरा सिस्‍टम राज्‍य पुलिस आयोग करता है। गृह मंत्री इस आयोग के पदेन सभापति होते हैं। वहीं डीजीपी सचिव होते हैं। आयोग में मुख्‍य सचिव, गृह सचिव, मानव अधिकार आयोग से एक व दो स्‍वतंत्र सदस्‍य होते हैं। मौजूद समय में पुलिस के पूरे सिस्‍टम को इसी आयोग के जरिये चलाया जाता है।

छत्‍तीसगढ़ के अब तक के गृह मंत्री

मुख्‍यमंत्री विष्‍णुदेव साय के नेतृत्‍व वाली मौजूदा सरकार छत्‍तीसगढ़ की छठवीं सरकार है। साय सरकार में गृह मंत्री कौन होगा यह अभी फाइनल नहीं हुआ है। इससे पहले की 5 सरकारों में 6 गृह मंत्री रह चुके हैं। अजीत जोगी के नेतृत्‍व वाली राज्‍य की पहली सरकार में नंदकुमार पटेल गृह मंत्री थे। इसके बाद 2003 में बनी भाजपा की पहली सरकार में 2 गृह मंत्री बने। पहले बृज मोहन अग्रवाल को गृह विभाग की जिम्‍मेदारी सौंपी गई। 2005 में विभागों में फेरबदल किया गया और राम विचार नेताम को गृह मंत्री बना दिया गया। 2008 में ननकीराम कंवर को गृह मंत्री बनाया गया। 2013 में जब बीजेपी की तीसरी सरकार बनी तब रामसेवक पैकरा गृह मंत्री बने। भूपेश बघेल के नेतृत्‍व वाली पिछली कांग्रेस सरकार में ताम्रध्‍वज साहू गृह मंत्री थे।



Sanjeet Kumar

संजीत कुमार: छत्‍तीसगढ़ में 23 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। उत्‍कृष्‍ट संसदीय रिपोर्टिंग के लिए 2018 में छत्‍तीसगढ़ विधानसभा से पुरस्‍कृत। सांध्‍य दैनिक अग्रदूत से पत्रकारिता की शुरुआत करने के बाद हरिभूमि, पत्रिका और नईदुनिया में सिटी चीफ और स्‍टेट ब्‍यूरो चीफ के पद पर काम किया। वर्तमान में NPG.News में कार्यरत। पंड़‍ित रविशंकर विवि से लोक प्रशासन में एमए और पत्रकारिता (बीजेएमसी) की डिग्री।

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