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powerful minister: छत्‍तीसगढ़ के पॉवरफुल मंत्री...प्रदेश कार्यकारिणी में सबसे अधिक समर्थकों को जगह दिलाने में रहे कामयाब

powerful minister: छत्‍तीसगढ़ सरकार में कुल 12 मंत्री हैं, लेकिन इनमें पॉवरफुल कितने हैं। इस सवाल का जवाब अलग-अलग हो सकता है। समय-समय पर पॉवर सेंटर बदलता रहता है।

powerful minister: छत्‍तीसगढ़ के पॉवरफुल मंत्री...प्रदेश कार्यकारिणी में सबसे अधिक समर्थकों को जगह दिलाने में रहे कामयाब
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By Sanjeet Kumar

रायपुर। कोरबा...यानी छत्‍तीसगढ़ का पॉवर सेंटर। अब तक इसकी पहचान औद्योगिक दृष्टि से पॉवर सेंटर के रुप में थी, क्‍योंकि सबसे ज्‍यादा पॉवर प्‍लांट इसी जिले में है और सबसे ज्‍यादा पॉवर जनरेशन भी होता है। मंत्री जय सिंह अग्रवाल के चलते यह पॉलिटिकल पॉवर सेंटर भी बन गया है। उनके नाम से अधिकारी भी कांपते हैं। भूपेश बघेल कैबिनेट के वे पहले मंत्री होंगे, जो अपने जिले के कलेक्टर, एसपी को भी नहीं बख्शते। पिछले पौने पांच साल में लगभग सारे कलेक्टर, एसपी उनके निशाने पर रहे। कांग्रेस पार्टी के भीतर इस समय वे चर्चा में हैं क्योंकि पीसीसी के नए चीफ दीपक बैज की नई कार्यकारिणी में जयसिंह अग्रवाल के 11 से ज्‍यादा समर्थक और करीबियों को स्‍थान मिला है। इसमें मंत्री जयसिंह अग्रवाल के पुत्र रिशु अग्रवाल भी शामिल हैं।

जयसिंह अग्रवाल कोरबा सीट से लगातार तीसरी बार के विधायक हैं। 2008 और 2013 में विधायक चुने गए तब कांग्रेस विपक्ष में थी, लेकिन 2018 में जब पार्टी सत्‍ता में आई तो जयसिंह अग्रवाल को प्रदेश का राजस्‍व मंत्री बनाया गया। विधानसभा के मौजूदा अध्‍यक्ष डॉ. चरणदास महंत के बेहद करीबी जयसिंह अग्रवाल की अविभाजित मध्‍य प्रदेश के मुख्‍यमंत्री दिग्विजय सिंह से भी निकटता है। कारोबारी पृष्ठभूमि के जय सिंह अग्रवाल को बेहद प्रैक्टिकल राजनीतिज्ञ माने जाते हैं। वे क्या होने वाला है, पहले ही भांप जाते हैं...उसी हिसाब से अपने पत्ते चलते हैं। 2018 में अमरजीत भगत का मंत्री बनना फायनल हो गया था मगर जय सिंह ने ऐसा दांव फेंका कि अमरजीत का नाम कट गया और मंत्रियों की सूची में उनका नाम जुड़ गया। सितंबर 2021 में जरूर एक बार चूके जब ढाई-ढाई साल के मुद्दे पर सारे विधायक और मंत्री दिल्ली में थे। मगर जय सिंह दिल्ली नहीं गए। तब से उन्हें सीनियर मंत्री टीएस सिंहदेव के करीब माना जाने लगा।

सैलजा के प्रदेश प्रभारी बनने के बाद मंत्री जय सिंह अग्रवाल का वजन और बढ़ा है। सैलजा और जय सिंह दोनों हरियाणा से आते हैं। पार्टी के नेता भी मानते हैं कि सैलजा के आने से जयसिंह अग्रवाल का कद संगठन में और भी बढ़ गया है। क्योंकि, किसी भी मंत्री के इतने समर्थकों को दीपक बैज की कार्यकारिणी में स्थान नहीं मिला।

पुत्र को मिली प्रदेश सचिव की जिम्‍मेदारी

मंत्री जयसिंह अग्रवाल के पुत्र रिशु अग्रवाल पीसीसी का सचिव बनाया गया है। नई कार्याकरिणी में सचिव बनाए गए नेताओं में रज्जु राजकुमार अग्रवाल रज्‍जू, बुंद कुंवर, नरेश देवांगन, श्याम सुंदर सोनी, नाज़िम खान, तनवीर अहमद, वी एन सिंह और विकास सिंह को भी सचिव बनाया गया है। इनमें सोनी कोरबा नगर निगम के सभापति हैं। इस तरह संयुक्‍त महासचिवों में अशोक अग्रवाल और उषा तिवारी को भी जयसिंह अग्रवाल का समर्थक माना जाता है।

पहले डहरिया, अब जयसिंह

राजनीति में समीकरण समय के साथ बदलता रहता है। कांग्रेस नेताओं के अनुसार पूर्व प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया के दौर में मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया काफी पॉवरफुल माने जाते थे। पुनिया की वजह से डहरिया ने दिल्ली की राजनीति में अपनी पैठ बना ली है। तभी प्रदेश में चुनाव के लिए बनी 7 सदस्‍यीय कोर कमेटी में डॉ. डहरिया का नाम शामिल है।

Sanjeet Kumar

संजीत कुमार: छत्‍तीसगढ़ में 23 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। उत्‍कृष्‍ट संसदीय रिपोर्टिंग के लिए 2018 में छत्‍तीसगढ़ विधानसभा से पुरस्‍कृत। सांध्‍य दैनिक अग्रदूत से पत्रकारिता की शुरुआत करने के बाद हरिभूमि, पत्रिका और नईदुनिया में सिटी चीफ और स्‍टेट ब्‍यूरो चीफ के पद पर काम किया। वर्तमान में NPG.News में कार्यरत। पंड़‍ित रविशंकर विवि से लोक प्रशासन में एमए और पत्रकारिता (बीजेएमसी) की डिग्री।

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