Political Damage Control: CG में बीजेपी का डैमेज कंट्रोल: टिकट के दावेदारों को भाजपा ने इन कामों में किया व्यस्त
Political Damage Control: छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा अब तक 90 में से 85 सीटों पर प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर चुकी है। इन 85 सीटों पर हजार से ज्यादा दावेदार थे। ऐसे में जिन्हें टिकट नहीं मिला है उनकी नाराजगी स्वभाविक है।
Political Damage Control: रायपुर। छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में टिकट वितरण में इस बार भाजपा ने कई प्रयोग किए हैं। पार्टी ने ऐसे लोगों को प्रत्याशी बना दिया है जो कुछ समय पहले पार्टी में आए हैं। पार्टी ने टिकट वितरण में के अपने पुराने कई मापदंडों को इस बार किनारे कर दिया है। ऐसे में लंबे समय से पार्टी के लिए काम और टिकट की दावेदारी कर रहे नेता जिन्हें टिकट नहीं मिला है उनकी नाराजगी स्वभाविक है। प्रत्याशियों की घोषणा के बाद कुछ क्षेत्रों से विरोध की भी खबरें आईं। भाजपा प्रदेश कार्यालय के सामने तक प्रदर्शन हुआ, लेकिन अब ज्यादातर सीटों पर मामला शांत हो गया है। भाजपा ने डैमज कंट्रोल की स्ट्रैटजी पहले ही तैयार कर ली थी।
13 विधायक फिर भी काटी टिकट
2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के कुल 15 विधायक चुन कर आए थे। इसमें दो का आकस्मिक निधन हो गया। दंतेवाड़ा सीट से चुने गए भीमा मंडावी की 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान नक्सली हमले में मौत हो गई थी। वहीं, वैशलीनगर सीट से विधायक रहे विद्यारतन भसीन का कुछ महीने पहले निधन हो गया। यानी भाजपा के 15 में से 13 ही विधायक बचे हैं। इसके बावजूद पार्टी ने बिंद्रानवागढ़ से विधायक डमरुधर की टिकट काट दी है। वहीं, बेलतरा सीट के भी मौजूदा विधायक की टिकट काटने की तैयारी है।
जानिए...क्या है भाजपा की डैमेज कांट्रोल की स्ट्रेटजी
भाजपा के नेता कहते हैं कि हमारी पार्टी में व्यक्ति नहीं पार्टी और संगठन चुनाव लड़ता है। इसके बावजूद पार्टी बगावत को शांत रखने का हर संभव प्रयास करती है। पार्टी ने स्ट्रेटजी के तहत टिकट के दावेदारों पर जिम्मेदारी बढ़ा दी है। उन्हें न केवल मीडिया और जनता के बीच पार्टी का पक्ष रखने की जिम्मेदारी सौंप दी गई है बल्कि टिकट के कई दावेदारों को सीधे चुनाव संचालक की जिम्मेदारी दे दी गई है। भाजपा की तरफ से 14 सीटों के लिए चुनाव संचालकों की नियुक्ति की गई है। इनमें खैरागढ़ में सचिन बघेल और डोंगरगढ़ में खूबचंद पारख को चुनाव संचालक बनाया गया है। पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह के चुनाव संचालन की जिम्मेदारी मधुसूदन यादव को दिया गया है। डोंगरगांव में नूली शर्मा, खुज्जी में कोमल जंघेल, अंतागढ़ में असीम राय, भानुप्रातपपुर में टीकम टांडिया, कांकेर में महेश जैन, नारायणपुर में नारायण मरकाम, जगदलपुर में श्रीनिवास राव मद्दी, चित्रकोट में बैदुराम कश्यप, दंतेवाड़ा में अभिमन्यु सोनी, बीजापुर में श्रीनिवास मुदलियार औ कोंटा में सुधीर पांड को चुनाव संचालक बनाया गया है।
इससे पहले पार्टी ने दूसरी सूची जारी करने के साथ अपने 21 नेताओं को प्रवक्ता नियुक्त कर दिया। इनमें से अधिकांश नेता किसी न किसी सटी से टिकट की दावेदारी कर रहे थे। इनमें श्रीचंद सुंदरानी, अशोक बजाज, संजय श्रीवास्तव, लक्ष्मी वर्मा, डॉ. विमल चोपड़ा, नवीन मारकंडे, हर्षिता पांडेय, विकास मरकाम, श्वेता शर्मा, गौरीशंकर श्रीवास, मुकेश शर्मा, संजय पांडेय, सत्यम दुआ, बृजेश पांडे, अमरजीत छाबड़ा, उमेश घोरमोड़े, केएस चौहान, राजीव चक्रवर्ती, सुशांत शुक्ला, प्रवीण साहू और भूपेंद्र नाग शामिल हैं।