Political Big Breaking छत्तीसगढ़ के इस विधायक ने कहा सत्र के बाद पार्टी से दे दूंगा इस्तीफा, भाजपा में जाने की है चर्चा
Political Big Breaking छत्तीसगढ़ के एक विधायक ने अपनी पार्टी को अलविदा कहने का पूरा मन बना लिया है। आज विधानसभा में उन्हें भाजपा और विधि विभाग के अफसरों के साथ चर्चा करते देखा गया।
Political Big Breakingरायपुर। छत्तीसगढ़ के एक विधायक ने अपनी पार्टी छोड़ने का मन बना लिया है। पत्रकारों से चर्चा में उन्होंने साफ कहा कि विधानसभा का सत्र समाप्त होते ही पार्टी से इस्तीफा देंगे। इस विधायक के भाजपा में जाने की चर्चा है।
पार्टी छोड़ने की तैयारी कर रहे इस विधायक का नाम प्रमोद कुमार शर्मा है। शर्मा बलौदाबाजार सीट से विधायक हैं। 2018 में उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जेसीसी) से चुनाव लड़ा था। शुक्रवार को विधानसभा के मानसून सत्र के अंतिम दिन उन्हें भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के साथ ही विधि विभाग के अफसरों के साथ चर्चा करते देखा गया। विधानसभा परिसर में ही कुछ पत्रकारों से चर्चा के दौरान शर्मा ने पार्टी छोड़ने के अपने इरादे को साफ कर दिया। शर्मा ने कहा कि सत्र खत्म होने के बाद वे जेसीसी से इस्तीफा देंगे।
लंबे समय से चल रही है पार्टी छोड़ने की चर्चा
जेसीसी विधायक शर्मा के पार्टी छोड़ने की चर्चा लंबे समय से चल रही है। सूत्रों के अनुसार जेसीसी विधायक दल के नेता धर्मजीत सिंह और शर्मा दोनों ही पार्टी छोड़ने की तैयारी में थे। इस बीच पार्टी ने धर्मजीत सिंह पर कार्यवाही करते हुए उन्हें निलंबित कर दिया। इसकी वजह से मामला टल गया। बताते चले कि 2018 के चुनाव में जेसीसी के पांच विधायक चुने गए थे। इनमें जोगी दंपत्ती के अलावा धर्मजीत सिंह, देवव्रत सिंह और प्रमोद शर्मा शामिल हैं। पूर्व मुख्यमंत्री जोगी और देवव्रत सिंह का निधन हो गया है। ऐसे में डॉ. रेणु जोगी सहित पार्टी के तीन ही विधायक बचे हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार यदि धर्मजीत सिंह और प्रमोद शर्मा दोनों जेसीसी छोड़कर दूसरी पार्टी में जाते तो उन पर दलबदल कानून लागू नहीं होता, क्योंकि नियमानुसार दो तिहाई लोगों पार्टी छोड़े तो दलबदल कानून लागू नहीं होता है।
दोनों के भाजपा में जाने की अटकले
जेसीसी छोड़ रहे प्रमोद शर्मा के साथ ही धर्मजीत सिंह के भाजपा में जाने की चर्चा है। विधानसभा का अंतिम सत्र अब से कुछ देर बाद समाप्त हो जाएगा। ऐसे में माना यह जा रहा है कि इसके बाद दलबदल कानून प्रभावि नहीं होगा।