Vincent Lakra: NPG की खबर पर SDM, DFO पहुंचे गुमनाम हीरो के गांव, खेल मंत्री उमेश पटेल के जिले में इंडियन हॉकी के सेंटर फॉरवार्ड लकवा का इलाज नहीं करा पाए, जानिये उनके बारे में
रायपुर। npg.news का सबसे पॉपुलर साप्ताहिक स्तंभ तरकश की खबर पर रायगढ़ कलेक्टर तारन प्रकाश सिनहा ने संज्ञान लेते हुए धरमजयगढ़ एसडीएम डीकेएस पटेल को तुरंत सिथार गांव भेजा, जहां इंडियन हॉकी टीम का सेंटर फॉरवर्ड रहे विंसेंट लकड़ा (Vincent Lakra) गुमनामी का जीवन जी रहे हैं। सुबह-सुबह एसडीएम, तहसीलदार की टीम को देखकर विसेंट लकड़ा (Vincent Lakra) भी आवाक रह गए। कलेक्टर तारन सिनहा ने npg.news बताया, उनकी हाल ही में रायगढ़ में पदास्थापना हुई है। सुबह npg.news के तरकश की खबर देखकर मैंने तुरंत एसडीएम को विसेंट लकड़ा (Vincent Lakra) के गांव जाने के लिए कहा। विसेंट लकड़ाजी (Vincent Lakra) का पूरा सम्मान है...उन्हें हरसंभव सहायता दी जाएगी। एडिशनल पीसीसीएफ अरुण पाण्डेय ने तरकश के लेखक को मैसेज कर बताया कि मैंने धरमजयगढ़ के डीएफओ को विसेंट लकड़ा के गांव जाने कहा है। धरमजयगढ़ डीएफओ अभिषेक जोगावत 10 बजे विसेंट के घर पहुंच गए थे।
बहरहाल, विडंबना यह है कि विसेंट लकड़ा (Vincent Lakra) जिस रायगढ़ में रहते हैं, छत्तीसगढ़ के खेल मंत्री उमेश मंत्री भी उसी रायगढ़ जिले के रहने वाले हैं। लेकिन, विसेंट (Vincent Lakada) को मलाल है कि खेल मंत्री क्या, रायगढ़ जिले का कोई अफसर इससे पहले उनकी सुध लेने नहीं आया। आज जरूर एसडीएम समेत अधिकारियों की टीम उनके घर पहुंची। विसेंट लकड़ा (Vincent Lakra) से आज npg.news ने फोन पर बात की। उन्होंने कहा कि राज्य बने 23 बरस हो गए मगर किसी भी सरकार ने उनकी कोई मदद नहीं की। राज्य बनने से पहले रायगढ़ के कलेक्टर रहे शैलेंद्र श्रीवास्तव और एसपी राजीव श्रीवास्तव ने उन्हें बुलाकर रायगढ़ स्टेडियम का जिम्मा सौंपा था। वे दोनों अफसर उनका काफी सम्मान करते थे। मगर उनके बाद कोई कलेक्टर, एसपी कभी उनकी सुध नहीं ली।
विसेंट लकड़ा (Vincent Lakra) को खेल के ग्रांउड पर भारतीय सेना में नौकरी मिली थी। वे सप्लाई कोर में थे। इंडियन हॉकी टीम में वे सेंटर फॉरवार्ड पोजिशन में खेलते थे। जाहिर है, किसी भी टीम के लिए सेंटर फॉरवार्ड महत्वपूर्ण पोजिशन माना जाता है। विसेंट दर्जन भर से अधिक देशों में हॉकी खेलने जा चुके हैं। इनमें इंग्लैंड, कराची, लाहौर, स्पेन, अर्जेंटाइना, सिंगापुर, मलेशिया, कनाडा शामिल हैं। अर्जेंटाइना में विश्व कप हॉकी टीम के वे सदस्य रहे। इस मैच में पहले इंग्लैंड के खिलाडी ने उन्हें चोटिल कर दिया, उसके बाद कनाडा के खिलाड़ी ने। विसेंट बताते हैं, उस समय वीडियोग्राफी नहीं होती थी, जो भी अच्छे खिलाड़ी होते थे, जिनसे विरोधी टीम को डर होता था, उसे वे जानबूझकर चोटिल करते थे। कनाडा के खिलाड़ी ने उनके घूटने पर बूट मार दिया था।
1980 के मास्को ओलंपिक में विसेट का सलेक्शन हुआ था। मगर कोच और मैनेजर की राजनीति की वजह से वे ओलंपिक में हिस्सा लेने से इंकार कर दिए।
विसेंट (Vincent Lakra) को दो साल पहले लकवा मार दिया। उनके शरीर का बाया हिस्सा उससे बुरी तरह प्रभावित हुआ। वे चलने-फिरने में असमर्थ हो गए। पैसे के अभाव में किसी अच्छे अस्पताल में उनका इलाज नहीं हो पाया। गांव के वैद्य से जड़ी-बूटी का उन्होंने इलाज कराया। सेना से 18 हजार पेंशन मिलती है। मगर दो बेटा और चार बेटी का बड़ा परिवार है। गुजारे का संकट है। किसी बच्चे को रोजगार नहीं मिला। गांव में पांच एकड़ खेत है, उसी में उनका परिवार काम करता है। खेत भी ऐसा कि सिर्फ धान होता है। बाकी समय खाली। उनकी इच्छा थी गांव में एक स्टेडियम बन जाए। इसके लिए कई बार अधिकारियों से बात की। उन्होंने कहा, स्टेडियम न सही, एक ग्राउंड ही मुहैया हो जाए, ताकि वे बच्चो को हॉकी की ट्रेनिंग दे सकें। लेकिन, फॉरेस्ट अधिकारी इसकी अनुमति नहीं दे रहे हैं। npg.news से उन्होंने कहा, सरकार को खेल और खिलाड़ियों पर ध्यान देना चाहिए। खिलाड़ी स्वस्थ्य रहें, इसके लिए उनका खान-पान ठीक रहना चाहिए और दूसरा खेलने के लिए ग्राउंड मिले। विसेंट ने कहा कि वे मिलिट्री में थे, इसलिए उनका खान-पान ठीक था और वे इंडियन टीम में सलेक्ट हो गए। हॉकी खिलाड़ी सबा अंजुम को भी सलेक्शन के लिए चंडीगढ़ जाना पड़ा। छत्तीसगढ़ कोटे से उनका हॉकी टीम में सलेक्शन नहीं हुआ। विसेंट (Vincent Lakra) का कहना है, छत्तीसगढ़ में खेल का स्कोप अच्छा है, यहां के खिलाड़ी कई खेलों में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। मगर सरकार को उनके लिए सुविधाएं देनी होगी।