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NPG एक्सक्लूसिव: नेताओं और पब्लिक को मूर्ख समझ रहे रेलवे अफसर, ढाई दर्जन ट्रेनों की बलि लेने के बाद भी दो माह में सिर्फ 1.7 M टन लोडिंग बढ़ा; एक माह के लिए और 34 ट्रेनें रद्द

सीएम भूपेश बघेल, मंत्री जयसिंह अग्रवाल, कई सांसद-विधायकों की आपत्ति के बाद 6 ट्रेनें चलाईं, अब 34 ट्रेनें रद्द कीं

NPG एक्सक्लूसिव: नेताओं और पब्लिक को मूर्ख समझ रहे रेलवे अफसर, ढाई दर्जन ट्रेनों की बलि लेने के बाद भी दो माह में सिर्फ 1.7 M टन लोडिंग बढ़ा; एक माह के लिए और 34 ट्रेनें रद्द
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By NPG News

बिलासपुर, 24 मई 2022। छत्तीसगढ़ की लाइफलाइन 22 ट्रेनों को रद्द कर सिर्फ 6 ट्रेनों को बहाल करने वाला रेलवे अब मनमानी पर उतर आया है। रेलवे ने अब 34 ट्रेनों को एक महीने के लिए रद्द करने का ऐलान किया है। रेलवे अफसरों ने यह दावा किया था कि देशभर में पॉवर प्लांट में कोयले की कमी के मद्देनजर कोयला आपूर्ति के लिए ट्रेनें रद्द की गई हैं, लेकिन इस बात की पोल तब खुल गई, जब दो दर्जन से ज्यादा ट्रेनों को रद्द करने के बावजूद पिछले साल के मुकाबले सिर्फ 1.7 मिलियन टन लोडिंग बढ़ा है। जाहिर है कि रेलवे अफसर छत्तीसगढ़ के नेताओं और लोगों को मूख समझ रहे हैं। रेलवे के इस फैसले का लगातार विरोध किया गया। सीएम भूपेश बघेल ने लोगों के हित को ध्यान में रखकर रेलवे मंत्री अश्वनी वैष्णव से बात की। सीएम के एसीएस सुब्रत साहू ने रेलवे बोर्ड को पत्र लिखा। सांसद ज्योत्सना महंत, मंत्री जयसिंह अग्रवाल सहित कई विधायक व नेताओं ने भी रेलवे जीएम व डीआरएम से बात कर विरोध जताया, फिर भी एक महीने के लिए 34 ट्रेनों को रद्द करने का फरमान जारी कर दिया गया है।

लोगों की सुविधा से रेलवे को फर्क नहीं

कोरोना के बाद से 20 प्रतिशत यात्री ट्रेनें अब भी शुरू नहीं हो पाई है। जैसे-तैसे 80 प्रतिशत ट्रेनों में लोगों ने सफर शुरू किया था, उसके बाद इन ट्रेनों को रद्द करने का सिलसिला शुरू कर दिया गया। रेलवे सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पिछले साल 23 मई तक 29.465 मिलियन टन कोयले की ढुलाई हुई थी। इस बार दो दर्जन से ज्यादा ट्रेनों को रद्द करने के बाद 31.19 मिलियन टन की ढुलाई हुई है। यानी मात्र 1.7 मिलियन टन ज्यादा। इसके बाद अब पुरी-भुबनेश्वर रूट की कुछ नई ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है।


इन ट्रेनों को भी रद्द किया गया


रद्द करने की तैयारी थी, फिर टिकट क्यों

एक बड़े वर्ग के लिए आज भी रेलवे आवागमन का सबसे बड़ा जरिया है, लेकिन स्पेशल सलून में चलने वाले अफसरों और फ्लाइट से आने-जाने वाले रेल मंत्री-नेता लोगों की परेशानी को नहीं समझ पा रहे हैं। जब ट्रेन रद्द करने की सूचना दी गई, तब इस बात का कोई उल्लेख नहीं किया गया कि आने वाले समय में भी ट्रेनों को रद्द रखा जा सकता है। उल्टे इन ट्रेनों का टिकट बेचने लगे। नतीजतन, कई ऐसे भी मामले सामने आए हैं, जिसमें लोगों ने शादी-ब्याह के लिए ट्रेन का टिकट लिया था, वही ट्रेन रद्द कर दी गई है।

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