नए CDS का कनेक्शन सर्जिकल स्ट्राइक से: रिटायरमेंट के बाद अपने गांव में बसना चाहते थे ले. जनरल चौहान, किताब लिखना चाहते थे
जनरल बिपिन रावत के निधन के 9 महीने बाद केंद्र सरकार ने की देश के नए सीडीएस की नियुक्ति।

NPG ब्यूरो। देश के नए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान को पूर्वोत्तर राज्यों में उग्रवाद को कमजोर करने से लेकर कई अहम ऑपरेशंस के लिए जाना जाता है। पाकिस्तान के खिलाफ बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक में भी उनकी भूमिका थी। रिटायर होने से पहले वे सेनी की पूर्वी कमान के प्रमुख (जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ) की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। रिटायरमेंट के बाद वे अपने गृहनगर देहरादून में जाकर बसना चाहते थे और किताब लिखने के इच्छुक थे। वे जनरल बिपिन रावत के बाद दूसरे चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ होंगे। जनरल रावत का 8 दिसंबर 2021 को हेलीकॉप्टर दुर्घटना में निधन हो गया था।
Government appoints Lt General Anil Chauhan (Retired) as Chief of Defence Staff (CDS) who shall also function as Secretary to Government of India, Department of Military Affairs with effect from date of his assumption of charge and until further ordershttps://t.co/91FyOMvjA4
— PIB India (@PIB_India) September 28, 2022
लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान पिछले साल मई महीने में 40 साल की सेवा के बाद रिटायर हुए थे। उनके बारे में कहा जाता है कि पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ रहने के दौरान पूर्वोत्तर राज्यों में उग्रवाद में बड़ी गिरावट आई। इसके फलस्वरूप सेना की तैनाती में भी कमी आई है। सेना प्रमुख जनरल मनोज नरवणे से लेफ्टिनेंट जनरल चौहान ने एक सितंबर 2019 को पूर्वी सेना की कमान संभाली थी। इससे पहले वे नई दिल्ली में सैन्य अभियान के महानिदेशक (डीजीएमओ) थे।
डीजीएमओ रहते हुए उन्होंने 'ऑपरेशन सनराइज' किया था। इसके तहत भारत और म्यांमार की सेना ने दोनों देश के बॉर्डर पर उग्रवादियों के खिलाफ जॉइंट ऑपरेशन चलाया था। चौहान को देश के टॉप कमांडर में से एक माना जाता है। पूर्वी कमान की सेना ने लेफ्टिनेंट जनरल चौहान के ही नेतृत्व में भारत-चीन सीमा पर राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने में अपना साहस व इच्छाशक्ति का प्रदर्शन किया। चौहान को परम विशिष्ट सेवा मेडल, उत्तम युद्ध सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल, सेना मेडल और विशिष्ट सेवा मेडल से भी सम्मानित किया गया है।
