नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को एक बार फिर से रेपो रेट बढ़ाने का ऐलान किया। आरबीआई ने रेपो रेट में 0.50% बढ़ोतरी की है। अब आरबीआई की रेपो रेट 5.4% से बढ़कर 5.9% हो गई है। इससे पहले आरबीआई ने अगस्त में रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की थी। मई महीने में भी हुई एमपीसी की बैठक में रेपो रेट को 50 बेसिस प्वाइंट बढ़ाकर 4.90% कर दिया गया था।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में शक्तिकांत दास ने कहा कि यह बदलाव तुरंत प्रभाव से लागू होंगे। केंद्रीय बैंक द्वारा इस साल ब्याज दरों में की गई यह चौथी वृद्धि है। इससे पहले अगस्त में रेपो रेट में 50 आधार अंकों की बढ़ोतरी की गई थी और ब्याज दरों को 4.90 फीसदी से बढ़ाकर 5.40 फीसदी कर दिया था।
आरबीआई द्वारा रेपो रेट बढ़ाने से होम, पर्सनल और कार लोन जैसे कर्जों की ब्याज दरों में इजाफा होगा और ईएमआई बढ़ जाएगी। देश में बढ़ती महंगाई पर काबू पाने के लिए केंद्रीय बैंक लगातार ब्याज दरें बढ़ा रहा है, लेकिन फिर भी देश में महंगाई दर भारतीय रिजर्व बैंक की तय सीमा से ज्यादा है। फिलहाल यह 7 फीसदी पर है।
रेपो रेट बढ़ने से सारे लोन महंगे हो जाएंगे। दरअसल रेपो रेट वो दर होती है जिस पर आरबीआई दूसरे बैंकों को कर्ज मुहैया कराती है। इसके विपरीत रिवर्स रेपो रेट उस ब्याज दर को कहते हैं जो आरबीआई के पास पैसा रखने पर केंद्रीय बैंक बैंको को देती है। इसलिए आमतौर पर यह माना जाता है कि अगर आरबीआई रेपो रेट घटाएगा तो बैंक ब्याज दर कम करेंगे और अगर आरबीआई रेपो रेट बढ़ाता है तो बैंक ब्याज दर बढ़ाएंगे। इससे आम आदमी को मिलने वाला लोन महंगा हो जाएगा।