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इंजीनियर की हत्या: 60 दिन, 6 टीमें, 200 सीसीटीवी, 500 लोगों से पूछताछ और फिर ऐसे दबोचे गए पंच सहित तीन आरोपी... इंजीनियर के परिजनों से 30 लाख की फिरौती मांगने की थी प्लानिंग...पढ़े पूरा मामला

इंजीनियर की हत्या: 60 दिन, 6 टीमें, 200 सीसीटीवी, 500 लोगों से पूछताछ और फिर ऐसे दबोचे गए पंच सहित तीन आरोपी... इंजीनियर के परिजनों से 30 लाख की फिरौती मांगने की थी प्लानिंग...पढ़े पूरा मामला
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By NPG News

दुर्ग 11 फरवरी 2022। इंजीनियर शिवांग चंद्राकर की हत्या 30 लाख की फिरौती के चक्कर में की गई थी। इस मामले में मुख्य आरोपी चंदखुरी गांव के पूर्व पंच सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। तीनों आरोपी ने इंजीनियर की अपहरण के बाद हत्या गला दबाकर कर दी थी और घटना के बाद उसके शव को उसी के खेत में बने गड्ढे में छुपा दिया था। आज इस सनसनीखेज मामले का खुलासा दुर्ग आईजी ओपीपाल और एसएसपी बीएन मीणा ने किया है। पकड़े गए तीनों आरोपी चंदखुरी पुलगांव के रहने वाले है।

दरअसल ये पूरा मामला थाना पुलगांव क्षेत्र के विद्युत नगर पदनाभपुर का है। 6 दिसम्बर की शाम साढ़े 7 बजे इंजीनियर शिवांग चंद्राकर चंदखुरी स्थित अपने फार्म हाउस से अपने घर मरौद जाने के लिए मोटरसाइकिल से निकला था। देर रात होने के बाद भी जब वो घर नहीं पहुंचा तो उसके मामा ने इसकी शिकायत 7 दिसम्बर 2021 को थाना पुलगांव में दर्ज कराई थी। इंजीनियर के गुम होने की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए आईजी ने दुर्ग एसएसपी को जांच के निर्देश दिए थे। मामले में पुलिस ने गुमशुदा के परिजनों से पूछताछ की गई। पूछताछ के दौरान चंदखुरी निवासी अशोक देशमुख, जो पूर्व में पंच था और वर्तमान में भी पंच का चुनाव लड़ा था उसके बारे में कुछ क्लू मिला।

मृतक के परिजनों ने पुलिस को बताया कि, अशोक पूर्व में पंच का चुनाव लड़ा था, जिसमे वो हार गया था। इस हार का कारण वो मृतक शिवांग के परिजनों को समझता था। साथ ही पिछले दिनों रेघा में अशोक को 13 एकड़ जमीन मिली थी, जो अब उसके पास नहीं थी, उस जमीन में अब शिवांग चंद्राकर का परिवार खेती करता है। इस बात को लेकर अशोका का मृतक के बड़े भाई से हाथापाई भी हुई थी।

इस जानकारी के बाद पुलिस ने संदेही के आधार पर अशोक को हिरासत में लेकर उससे पूछताछ शुरू की। शुरुआत में तो अशोक टालमटोल करता रहा। बार-बार कहता कि घटना वाले दिन वो अपने घर मे बैठकर शराब पी रहा था। पूछताछ में संदेही पुलिस को गुमराह करता रहा, जब उससे कड़ाई से पूछताछ की तो वो पुलिस के सवाल जवाब में उलझ गया और शिवांग चंद्राकर की हत्या करने की बात कबूल कर ली। आरोपी ने बताया कि, घटना से 15 दिन पहले ही उसने चंदखुरी के विक्की देशमुख और बसंत साहू के साथ मिलकर शिवांग चंद्रकार अपहरण और हत्या के बाद उसके परिजनों से 30 लाख की फिरौती मांगने की योजना बनाई थी।

योजना के तहत ही 6 दिसम्बर 2021 को जब शिवांग अपनी फार्म हॉउस से मोटरसाइकिल से शाम में घर जाने के लिए निकला तो फार्म हाउस से कुछ दूरी पर खड़े अशोक ने उससे लिफ्ट मांगी। लिफ्ट मिलने के बाद बाइक के पीछे बैठकर अशोक ने शिवांग को जकड़ लिया। इसके बाद वहीं छुपे हुए विक्की और बसन्त को भी बुला लिया। तभी बसंत ने नायलोन की रस्सी से गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी। हत्या के बाद मृतक के फार्म हाउस में हार्वेस्टर के चक्के से बने गड्ढे में ही उसके शव को गाड़ दिया। साथ ही शव को पैरा और पत्थर से ढंक कर मृतक की घड़ी, हेलमेट, चप्पल और मोबाइल को डोंगिया तालाब में फेंक दिया। मृतक की बाइक को नदी रोड परिया में खड़ी कर तीनों आरोपी अपने-अपने घर चले गए थे।

घर जाने के बाद तीनों पुलिस की सक्रियता को देखते हुए मृतक के परिजनों को 30 लाख की फिरौती के लिए फोन नहीं कर पाए थे। साथ ही हत्या की इस घटना के बाद से ही तीनों काफी डरे हुए थे, जिस वजह से पकड़े जाने के डर से एक दूसरे से कुछ दिनों तक को संपर्क करना भी छोड़ दिया था।

फिलहाल पुलिस ने इस मामले में मुख्य आरोपी अशोक देशमुख 31 वर्ष, विक्की देशमुख 20 वर्ष और बसन्त साहू 24 को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ आगे की कार्रवाई की जा रही है।

बता दें इस मामले को सुलझाने में पुलिस को 60 दिन, 6 टीमें, 500 लोगों से पूछताछ और 200 सीसीटीवी कैमरों को खंगाला गया था। आज इस पूरे मामले का खुलासा करते हुए इसकी जानकारी आईजी ओपी पाल ने पत्रकारों को दी है।

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