दफ्तर सूने-भटके लोग: केंद्र के समान महंगाई भत्ते के लिए स्कूल, दफ्तर सब बंद; सरकार चुप रही तो जुलाई में पांच दिन हड़ताल
पहली बार राज्य के चार लाख से ज्यादा कर्मचारी अधिकारी रहे हड़ताल पर। राज्य सरकार को दी चेतावनी।
रायपुर। केंद्र सरकार के समान 34 प्रतिशत महंगाई भत्ते की मांग को लेकर बुधवार को प्रदेशभर के सरकारी दफ्तरों में कामकाज ठप रहा। स्कूल बंद रहे। जिन लोगों को हड़ताल की जानकारी नहीं थी, वे दफ्तर पहुंच गए थे और उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा। राजधानी से लेकर हर जिले व ब्लॉक स्तर पर कर्मचारियों ने जंगी रैली निकाली और सीएम के नाम ज्ञापन सौंपा। राज्य सरकार को जुलाई महीने की 25 तारीख से पहले फैसला करने की मोहलत दी है, अन्यथा कर्मचारी एक के बजाय पांच दिन के लिए काम बंद हड़ताल पर चले जाएंगे। इसके बाद भी यदि राज्य सरकार कर्मचारियों के हित में फैसला नहीं लेती है तो अगस्त में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।
छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के बैनर तले बुधवार को सभी कर्मचारी संगठनों ने ताकत दिखाई। शिक्षक संघ का समर्थन होने के कारण स्कूलों में पढ़ाई नहीं हुई तो लिपिक वर्गीय कर्मचारी संगठन के दोनों गुटों के आंदोलन में शामिल होने के कारण सारे दफ्तरों के काम ठप हो गए। क्लर्क नहीं पहुंचे, इसलिए अफसर भी ऑफिस नहीं गए। नतीजतन, एक दिन के लिए मंत्रालय, विभागाध्यक्ष कार्यालय से लेकर जिले व ब्लॉक स्तर के सारे दफ्तरों में कामकाज नहीं हुआ।
फेडरेशन के प्रदेश संयोजक कमल वर्मा के मुताबिक राज्य सरकार से कर्मचारी संगठन लगातार महंगाई भत्ते की मांग कर रहे हैं। केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों को 34 प्रतिशत महंगाई भत्ता दे रही है, जबकि राज्य सरकार ने अभी तक महंगाई भत्ता बढ़ाने के संबंध में कोई कार्यवाही शुरू नहीं की है। इसके विपरीत आईएएस अफसरों को केंद्र के समान महंगाई भत्ता मिल रहा है। पहले राज्य के कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते का ऐलान होता था, उसके बाद राज्य के निगम-मंडलों में भी महंगाई भत्ते के संबंध में आदेश जारी होता था, लेकिन बिजली कंपनी में पहले ही केंद्र के समान महंगाई भत्ता दिया जा रहा है।
कर्मचारी नेताओं ने सभा में कहा कि सीएम भूपेश बघेल से कर्मचारी संगठनों ने महंगाई भत्ते के संबंध में मांग रखी थी। उनकी ओर से सकारात्मक जवाब भी आया था। इसके बाद भी अब तक महंगाई भत्ता नहीं मिल रहा। इससे कर्मचारियों को हर महीने औसत पांच हजार रुपए की हानि हो रही है। सरकार कब तक महंगाई भत्ता देगी यह भी निश्चित नहीं है। इस वजह से सभी कर्मचारियों ने नाराजगी है। इस नाराजगी के कारण ही लगभग सभी संगठनों के कर्मचारी अधिकारी आंदोलन में शामिल हुए।
आज से ही अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की मांग
प्रदेशभर में आंदोलन की सफलता के बावजूद जब राज्य सरकार की ओर से बातचीत की पहल नहीं की गई तो कर्मचारियों की ओर से आज से ही अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के लिए मांग की जाने लगी थी। हालांकि फेडरेशन की ओर से कहा गया कि सभी संगठनों ने मिलकर आंदोलन की रूपरेखा तय की है।
29 जून की हड़ताल के बाद अब 25 से 29 जुलाई के बीच पांच दिन कलम बंद काम बंद हड़ताल पर जाने का कार्यक्रम तय है। इसके बाद भी सरकार यदि मांगें नहीं मानती और केंद्र सरकार के समान महंगाई और गृह भाड़ा भत्ता नहीं देगी तो अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे।