New CJI: जस्टिस यूयू ललित होंगे देश के 49 वें चीफ जस्टिस, जानिए वे किस टिप्पणी को लेकर हाल में बड़ा चर्चित हुए थे
नई दिल्ली। जस्टिस यूयू ललित देश के अगले चीफ जस्टिस बनने जा रहे हैं। वे देश के 49 वें चीफ जस्टिस होंगे। उनके नाम की सिफारिश वर्तमान चीफ जस्टिस एनवी रमना ने केंद्र सरकार को की है, जो 26 अगस्त को रिटायर हो रहें हैं।
जस्टिस यूयू ललित का पूरा नाम उदय उमेश ललित हैं। 9 नवंबर 1957 को महाराष्ट्र में उनका जन्म हुआ था। उन्होंने जून 1983 से लेकर दिसंबर 1985 तक मुंबई उच्च न्यायालय में वकालत की। फिर जनवरी 1986 से दिल्ली आकर वकालत करने लगे। अप्रैल 2004 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया। 2 जी स्पेक्ट्रम मामले में सुनवाई के लिए उन्हें सीबीआई का विशेष लोक अभियोजक भी नियुक्त किया गया था। उन्हें 13 अगस्त 2014 को सुप्रीम कोर्ट का न्यायधीश नियुक्त किया गया था। वे देश के ऐसे दूसरे न्यायाधीश हैं जिन्हें बार से सीधे सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश बनाया गया। उनसे पहले जस्टिस एसएम सीकरी मार्च 1964 में शीर्ष अदालत की पीठ में सीधे पदोन्नत होकर वकील से जज बने थे। जिसके बाद वह जनवरी 1971 में देश के 13 वें सीजेआई बनें। जबकि जस्टिस यूयू ललित देश के 49 वें चीफ जस्टिस होंगे।
जस्टिस ललित कुछ दिनों पहले यह टिप्पणी चर्चा में आये थे कि जब बच्चें सुबह 7 बजे स्कूल पहुँच सकतें हैं तो हम 9 बजे अदालत क्यो नही। वर्तमान चीफ जस्टिस एनवी रमना के 26 अगस्त को रिटायर होने के बाद कार्यभार सम्हालेंगे। उनका कार्यकाल महज तीन माह का ही होगा। 8 नवंबर 2022 को रिटायर हो जाएंगे।
जस्टिस ललित मुस्लिमों के तीन तलाक को अवैध ठहराने वाली सुप्रीम कोर्ट की बैंच में भी थे। इसके अलावा जस्टिस ललित की अगुवाई वाली पीठ ने फैसला दिया था कि त्रावणकोर के पूर्व शाही परिवार के पास केरल में ऐतिहासिक श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर के प्रबंधन का अधिकार है। इनकी अध्यक्षता वाली पीठ ने ही मुंबई उच्च न्यायालय के उस फैसले को खारिज कर दिया था कि जिसमे अदालत ने त्वचा से संपर्क होने को बच्चो के प्रति यौन अपराध माना था। इनकी पीठ ने कहा था कि यौन हमले का महत्वपूर्ण हिस्सा यौन मंशा है, बच्चो की त्वचा से त्वचा संपर्क मायने नही रखता हैं।